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Updated: 24 अगस्त, 2022 07:35 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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''डोंट अंडर एस्टीमेट द पॉवर ऑफ कॉमन मैन'' यानी आम आदमी की ताकत को कम नहीं आंकना चाहिए. साउथ सिनेमा के सुपर स्टार विजय देवरकोंडा को अपने आइडियल शाहरुख खान की फिल्म 'चेन्नई एक्सप्रेस' के इस डायलॉग का शायद मतलब नहीं पता, तभी तो आए दिन बॉलीवुड के कुछ कलाकारों की तरह बड़ेबोले बोल बोलते हुए नजर आ रहे हैं. इसे शोहबत का असर ही कहा जाएगा कि विजय 'करण जौहर एंड गैंग्स' की भाषा बोल रहे हैं. उनकी तरह पब्लिक को ही धमका रहा है. उनकी हर बात, हर हरकत में उनका अहम नजर आ रहा है. लेकिन शायद ये वो भूल गए हैं कि इसी पब्लिक ने बॉलीवुड जैसी बड़ी फिल्म इंडस्ट्री चलाने वाले लोगों की अकड़ ढीली कर दी है. खुद को चमकता सितारा समझने वाले कलाकारों की चमक फीकी कर दी है. धीरे-धीरे ही सही उनको सच्चाई समझ में आने लगी है, लेकिन विजय जैसों को शायद अभी कीमत चुकानी बाकी है.

विजय देवरकोंडा की पैन इंडिया फिल्म 'लाइगर' 25 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है. पुरी जगन्नाथ के निर्देशन में बनी इस फिल्म को करण जौहर ने प्रोड्यूस किया है. इसमें बॉलीवुड अभिनेत्री अनन्या पांडे भी लीड रोल में हैं. इस फिल्म के प्रमोशन के लिए विजय और अनन्या पूरे देश में घूम रहे हैं. यूपी, बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश, दिल्ली सहित कई राज्यों की राजधानी में जा चुके हैं. इस दौरान लोगों और मीडिया से रूबरू भी हो रहे हैं. इसी बीच दिल्ली में जब उनको बॉलीवुड बायकॉट मुहिम के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने जो जवाब दिया, उससे सुनने के बाद कोई भी समझ सकता है कि ये 'करण जौहर एंड गैंग्स' का ही असर है. क्योंकि उनके गैंग्स के कई कलाकारों ने सीधे तौर पर दर्शकों को चुनौती दी है. उनका कहना है कि वो किसी से कहने नहीं जा रहे हैं कि आकर उनकी फिल्में देखें. जिसको देखना है सिनेमाघरों में जाए, जिसे नहीं देखना है मत जाए.

650_082322070618.jpgकरण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले बनी फिल्म 'लाइगर' में विजय देवरकोंडा लीड रोल में हैं.

करीना कपूर, अर्जुन कपूर और आलिया भट्ट के बाद अब विजय देवरकोंडा ने उनसे दो कदम आगे निकलते हुए कह दिया है कि कौन रोकेगा देख लेंगे, यहां डर के लिए कोई जगह नहीं है. विजय ने कहा, ''लाइगर के साथ हमें थोड़े ड्रामा की उम्मीद तो थी. मगर हम लड़ेंगे. हमने बड़े दिल से ये फिल्म बनाई है. और मुझे यकीन है कि हम सही हैं. मुझे लगता है कि हमारे पास डरने की कोई वजह नहीं है. जब मेरे पास कुछ नहीं था, तब मैं नहीं डरा. अब जिंदगी में कुछ हासिल करने के बाद मुझे नहीं लगता कि डरने की ज़रूरत है. मां का आशीर्वाद है. लोगों का प्यार है. भगवान का हाथ है. अंदर आग है. कौन रोकेंगे, देख लेंगे.'' इसे एक्टर का कॉन्फिडेंस कहें या ओवरकॉन्फिडेंस वो जिस तरह की बातें कर रहे हैं, वो इस दौर में घातक भी साबित हो सकती हैं. वो आगे कहते हैं, ''मुझे लगता है कि जिंदगी ने मुझे लड़ना सिखा दिया है. पहले मुझे सम्मान और पैसे के लिए लड़ना पड़ा. इसके बाद मुझे इंडस्ट्री में अपनी जगह और काम के लिए. हर फिल्म किसी लड़ाई से कम नहीं थी. जब मैं अपनी पहली फिल्म कर रहा था, तो प्रोड्यूसर नहीं मिल रहे थे."

विजय देवरकोंडा का इतना कहा था कि सोशल मीडिया पर फिल्म 'लाइगर' के बायकॉट की मुहिम शुरू हो गई. लोग #BoycottLiger लिखकर विजय को अहंकारी बता रहे हैं और उनकी फिल्म के बहिष्कार की बात कह रहे हैं. लोगों का कहना है कि विजय जब वह करण जौहर के शो 'काफी विद करण' में आए थे तो उन्होंने कहा था, ''पता नहीं क्यों बायकॉट ट्रेंड को इतना तूल दिया जा रहा है. जिसे बायकॉट करना है करने दो, क्या उखाड़ लेंगे हमारा. फिल्म देखना है तो देखो वरना मत देखो.'' इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर कुछ लोग तो फिल्म के बहिष्कार की तीन वजहें भी लिख रहे हैं. ऐसे लोगों का कहना है कि इसके बायकॉट की पहली वजह, विजय देवरकोंडा जैसे अहंकारी अभिनेता का होना है. दूसरी वजह, नेपोटिज्म के जनक करण जौहर का प्रोडक्शन और तीसरी वजह, नेपो किड्स अनन्या पांडे का फिल्म में बतौर हीरोइन होना है. इसके साथ यह भी कहा जा रहा है कि जिन दर्शकों से बॉलीवुड के मठाधीश पैसे कमा रहे हैं, उनको ही धमकी दे रहे हैं. ये हमारे समाज और संस्कृति को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इसलिए इनकी फिल्मों का बायकॉट जरूरी है.

केवल बयान ही नहीं विजय देवरकोंडा का व्यवहार भी लोगों को खटक रहा है. एक तरफ साउथ के दूसरे सितारे जितने विनम्र और दर्शकों को चाहने वाले नजर आते हैं, वहीं उनके उलट विजय बॉलीवुड के मठाधीशों की तरह व्य़वहार करते हुए नजर आ रहे हैं. पिछले हफ्ते की बात है विजय हैदराबाद में अपनी फिल्म का प्रमोशन करने पहुंचे थे. उस दौरान मीडिया से बात करने के दौरान उन्होंने अपना पैर टेबल पर रख दिया. उनका ये व्यवहार पत्रकारों के साथ लोगों को बहुत बुरा लगा. इसके बाद एक्टर को एक वीडियो शेयर करके अपनी सफाई तक देनी पड़ी. वीडियो में एक पत्रकार उनसे कहता है कि उनकी फिल्म 'टैक्सीवाला' के समय खुलकर बात हुई थी. जो अब नहीं हो पाता है. इस पर विजय उन्हें सहज महसूस करवाने के लिए अपना पैर ऊपर रख कर बोलते हैं, ''चलो खुलकर बात करते हैं.'' इस विवाद पर उन्होंने ये भी कहा, ''जब कोई आगे बढ़ता नजर आ जाता है, तो उसपर टारगेट लग जाते हैं. लेकिन हम लड़ाई लड़ते रहेंगे. लेकिन अगर आप खुद ईमानदार हैं और सभी का अच्छा चाहते हैं, तो भगवान और लोगों का प्यार आपका साथ देगा.''

विजय देवरकोंडा को अर्जुन कपूर और आलिया भट्ट की तरह बॉलीवुड बायकॉट की बात भले ही मजाक लग रही हो, लेकिन इसकी असलियत बीते समय में फ्लॉप हुई फिल्मों के मेकर्स को अच्छी तरह पता है. बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हुई ऐसी फिल्मों की लंबी फेहरिस्त है, जो कि बायकॉट मुहिम का शिकार हुई हैं. पिछले महीनों में 'रनवे 34', 'जर्सी', 'हीरोपंती 2', 'बच्चन पांडे', 'धाकड़', 'सम्राट पृथ्वीराज', 'जयेशभाई जोरदार' और 'शमशेरा' जैसी कई बड़ी फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर ढेर होते देखा जा चुका है. आमिर खान की फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' और अक्षय कुमार की 'रक्षा बंधन' इसकी हालिया शिकार हैं. इनमें 'लाल सिंह चड्ढा', 'शमशेरा', 'सम्राट पृथ्वीराज' और 'धाकड़' जैसी मेगा बजट फिल्में तो डिजास्टर साबित हुई हैं, जिनमें बॉलीवुड के सुपरस्टार्स लीड रोल में हैं. कई बड़े फिल्म क्रिटिक्स और समीक्षक भी इस बात को स्वीकार करने लगे हैं कि बायकॉट मुहिम की वजह से बॉलीवुड को बहुत ज्यादा नुकसान हो रहा है. ऐसे में 'लाइगर' के हीरो विजय देवरकोंडा की ऐसी हरकतें और बातें खुदकुशी से कम नहीं हैं. फिल्म के भविष्य का फैसला 25 अगस्त को हो जाएगा.

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लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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