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Updated: 31 मार्च, 2021 10:53 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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भारतीय समाज में महिलाओं पर अत्याचार सदियों से होता आ रहा है. इस पुरुष प्रधान समाज में हमेशा महिलाओं के स्वाभिमान को कुचलते हुए उनका शोषण किया जाता रहा है. अपने पूर्वजों द्वारा मिली 'चुप' रहने की सलाह को गांठ बांधे महिलाएं अपने साथ हो रहे दुर्व्यवहार और अत्याचार को सहती रहीं, लेकिन समय के साथ समाज बदला, तो महिलाओं के हक की बात होने लगी. उनके खिलाफ होने वाली दमनकारी नीतियों को खत्म करने की वकालत होने लगी. महिलाओं ने अपनी आवाज बुलंद की, लेकिन पुरुषवादी मानसिकता से भरे कुछ लोगों इसे आज भी असनसुना कर देते हैं. महिलाओं पर हिंसा करते हैं. अरबपति हो या गरीब-मजदूर, ये मानसिकता हर वर्ग-जाति में देखने को मिलती है. हाऊस वाइफ हो, अफसर हो या फिर फिल्म एक्ट्रेस, हर क्लास की महिलाओं को घरेलू हिंसा का शिकार होना पड़ता है. इनमें कुछ चुपचाप सह लेती हैं, तो कुछ खुलकर विरोध करती हैं.

घरेलू हिंसा का विरोध करते हुए अपने पति से तलाक लेने वाली एक्ट्रेस में करिश्मा कपूर, दीपशिखा नागपाल, डिंपी गांगुली, जीनत अमान, श्वेता तिवारी और सौम्या सेठ का नाम प्रमुख हैं. इनमें Bigg Boss विनर TV एक्ट्रेस श्वेता तिवारी अपनी पर्सनल लाइफ की वजह से अक्सर सुर्खिंयों में रहती हैं. हालही में एक इंटरव्यू में श्वेता ने खुलासा किया कि वह अपनी शादी के दौरान जब-जब घरेलू हिंसा का शिकार हुईं, उनकी बेटी पलक तिवारी ने सबकुछ अपनी आंखों से देखा. उनके पहले पति राजा चौधरी जहां उनकी सरेआम पिटाई करते थे, वहीं दूसरे पति अभिनव कोहली ने धमकी दी कि वो उनकी जिंदगी बर्बाद कर देंगे. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर कुछ लोग उनकी बेटी को पलक को ट्रोल कर रहे हैं. यहां तक कह रहे हैं कि एक्ट्रेस ने दो शादियां की हैं. तो पलक कम से कम पांच शादी करेगी. श्वेता तिवारी की निजी जिंदगी से कई बातें हर महिला को सीखनी चाहिए.

s-650_033121065815.jpgअपनी बेटी पलक के साथ श्वेता तिवारी, जो हालही में पिता राजा चौधरी से मिली हैं.

1- सोच-समझ कर करें लाइफ पार्टनर का चुनाव

सबसे पहली और प्रमुख बात ये है कि हर महिला को बहुत सोच-समझकर अपने लाइफ पार्टनर का चुनाव करना चाहिए. कई बार लड़कियां किसी लड़के साथ प्यार में पड़कर उसके साथ जीने-मरने की कसमें खाने लगती हैं. एक-दूसरे के साथ बहुत वक्त बिताए बिना शादी जैसा महत्वपूर्ण फैसला तक कर लेती हैं. किसी भी कपल के लिए उनकी लव लाइफ हनीमून पीरियड जैसी होती है, लेकिन जिंदगी की असली परीक्षा शादी के बाद शुरू होती है. छोटी-छोटी बातों पर तकरार होती है. यही से पति-पत्नी बने प्रेमी जोड़ों के बीच झगड़े शुरू होते हैं, जो बाद में घरेलू हिंसा की शक्ल ले लेते हैं. श्वेता तिवारी ने महज 19 साल की उम्र में टीवी एक्टर राजा चौधरी से लव मैरिज की थी. शादी के लिए 19 साल की उम्र उतनी परिवक्व नहीं मानी जाती, उसमें भी जब आप परिवार की सहमति के बिना शादी कर रहे हों, तो खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है. इसलिए शादी का फैसला बहुत सोच-समझकर करना चाहिए.

2- घरेलू हिंसा के खिलाफ बुलंद करें आवाज

टीवी एक्ट्रेस श्वेता तिवारी ने साल 1998 में एक्टर राजा चौधरी से शादी की थी. अपनी शादी के 9 साल बाद यानि साल 2007 में उन्होंने तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी दी. इतने लंबे समय बाद उन्होंने कानून और समाज को बताया कि उनके साथ घर की चारदीवारी के अंदर क्या-क्या हो रहा था. लेकिन अच्छी बात ये है कि श्वेता ने अपने साथ हो रहे जुल्म के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की और उस नर्क भरी जिंदगी से बाहर निकल पाईं. अपनी पहली शादी से मिली सीख की वजह से ही श्वेता ने दूसरी शादी को ज्यादा वक्त नहीं दिया. उन्होंने साल 2013 में एक्टर अभिनव कोहली से दूसरी शादी की, लेकिन महज चार साल बाद ही घरेलू प्रताड़ना से परेशान होकर साल 2017 में तलाक की अर्जी दाखिल कर दी. आज भी समय-समय पर एक्ट्रेस महिलाओं को घरेलू हिंसा के प्रति सचेत करते हुए जागरुक करती हुई नजर आती हैं. वैस भी सहने की कोई सीमा नहीं होती. सहने वाला सहते-सहते एक दिन मर जाता है.

3- हिंसा के खिलाफ बोला, तो बच्चों का क्या होगा?

हमारे आस-पास में बहुत सारी औरतें घरेलू हिंसा की शिकार हैं. वो इसको चुपचाप सह रही हैं, लेकिन न बोलती हैं, न ही कुछ करती हैं. सोचती हैं कि यदि उन्होंने कुछ कहा या किया तो उनके बच्चों का क्या होगा? ऐसी महिलाओं को श्वेता तिवारी कहती हैं, 'बच्चे हर दिन हमसे कुछ ना कुछ सीखते हैं. वो भी इसी तरह चुप रहना और सहना सीख लेंगे. यदि आप स्ट्रांग होंगीं तो बच्चे भी वैसे बनेंगे. जब मैंने पहली बार स्टेप लिया तो लोगों ने बहुत कुछ कहा, आज भी कह रहे हैं. अपने बच्चों के बारे में सोचा होता. अपनी बेटी के बारे में सोचा होता, पर मैंने जो भी किया उससे मेरी बेटी समझदार बनीं, उन्हें सही गलत का फर्क समझ आया. मैं बेटी को कहती हूं कि मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगी, पर तुम्हें भी अपना ख्याल रखना होगा, खुद पर विश्वास रखना पड़ेगा. मैंने अपनी जिंदगी में जो भी कुछ देखा है उससे तुम भी कुछ सीखो. यदि आप पहला कदम उठाएंगे तो दूसरा कदम उठाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.'

4- सफल करियर के बीच असफल व्यक्तिगत जीवन

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में पैदा हुईं एक्ट्रेस श्वेता तिवारी ने अपने करियर की शुरूआत टीवी सीरियल 'कलीरें' से की थी, लेकिन सीरियल 'कसौटी जिंदगी की' करने के बाद उनकी जिंदगी बदल गई. उन्हें एक नई पहचान मिली. इसमें उन्होंने प्रेरणा का किरदार निभाया था, जिसे दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया था. इसके बाद बिग बॉस सिजन 4 में विनर बनकर श्वेता ने अपनी पॉपुलैरिटी का झंडा गाड़ दिया. वह पहली महिला कंटेस्टेंट थीं, जिन्होंने यह खिताब जीता था. इसके बाद उन्होंने कॉमेडी सर्कस का नया दौर, परवरिश, अदालत जैसे हिट शो में काम किए. पिछले साल टीवी सीरियल 'मेरे डैड की दुल्‍हन' में उनके काम को खूब सराहा गया. इस तरह से देखा जाए, तो श्वेता अपनी प्रोफेशनल लाइफ में काफी सक्सेसपुल हैं, वहीं उनकी पर्सनल लाइफ इसके ठीक विपरीत असफल रही है. दो शादियां करने के बाद भी उनके पार्टनर से सच्चा प्यार नसीब नहीं हो सका. वह अपने बच्चों पर विशेष ध्यान देती हैं.

5- सलाह सबकी लें, लेकिन अपना फैसला खुद करें

शादी के बाद कपल के बीच मनमुटाव होना आम बात है. लेकिन कई बार बात इससे आगे निकल जाती है. महिलाओं को हिंसा का शिकार होना पड़ता है. यदि बात आपसी झगड़े तक सीमित होती है, तो अक्सर काउंसलिंग की सलाह दी जाती है. काउंसलर पति और पत्नी की बातें सुनकर उनकी समस्या का निवारण करने की कोशिश करता है. उनके बीच मौजूद मतभेद और मनभेद को दूर करने की कोशिश करता है. कई बार तो हमारे आस पड़ोस के रहने वाले भी बिना मांगे सलाह देने चले आते हैं. कुछ रिश्तेदार भी ऐसे कामों में बहुत आगे रहते हैं. ऐसी परिस्थिति में सुननी सबकी चाहिए, लेकिन करना वही चाहिए जो आपके और बच्चों के लिए सही हो. श्वेता कहती हैं, 'लोग 10 साल लिव इन रिलेशनशिप में रहकर अलग हो जाते हैं. छोड़कर चले जाते हैं तब कोई सवाल नहीं करता, लेकिन यदि आप अपनी शादी तोड़ दो तो लोग तरह-तरह के सवाल करने लगते हैं. लोग मेरे पास आते हैं और मुझसे कहते तीसरी बार शादी मत करना. क्या मैंने उनसे पूछा? वो हैं कौन? क्या वो शादी के लिए पैसे खर्च कर रहे हैं? ये मेरा ज़िंदगी है मेरा फैसला है'.

लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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