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Updated: 02 दिसम्बर, 2021 10:51 PM
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दीपावली के बाद बॉलीवुड फिल्मों की रिलीज का जो सिलसिला चला है वो हफ्ते दर हफ्ते बेहतर ही होता दिख रहा है. थियेटर और ओटीटी दोनों जगह लगातार नई और बेहतरीन फ़िल्में आ रही हैं. इस हफ्ते भी दो बड़ी फ़िल्में रिलीज हो रही हैं. सुनील शेट्टी के बेटे अहान शेट्टी की लॉन्चिंग मूवी "तड़प" और अभिषेक बच्चन की क्राइम सस्पेंस थ्रिलर "बॉब बिस्वास". यानी दर्शकों को वीकएंड में दो बड़ी फिल्मों को देखने का मौका मिलेगा. अभिषेक बच्चन की बॉब बिस्वास क्यों देखी जाए यह बड़ा सवाल हो सकता है. हम आपको पांच जेन्युइन वजह देते हैं जो किसी दर्शक को बॉब बिस्वास देखने के लिए मजबूर करे. आइए जानते हैं.

विद्या बालन की कहानी जैसे ड्रामे की उम्मीद

विद्या बालन की मिस्ट्री थ्रिलर कहानी वो फिल्म है जिसकी वजह से बॉब बिस्वास मनोरंजन का भरोसा है. कहानी साल 2012 में आई थी. यह बॉलीवुड के ढर्रे से अलग फिल्म थी. सुजॉय घोष ने कोलकाता की कहानी को दिल से बनाया था जिसमें विद्या बालन, नवाजुद्दीन सिद्दीकी और अन्य कलाकारों का बेहतरीन काम सामने आया था. फिल्म की कहानी कोलकाता मेट्रो में एक जहरीले गैस अटैक के बाद शुरू होती है. हादसे के कई महीनों बाद एक ब्रिटिश-इंडियन प्रेग्नेंट औरत अपने पति को खोजते हुए कोलाकाता आती है और फिर पुलिस से मिलकर जो कहानी बुनती है और उससे जो सस्पेंस निकलकर आता है वो आख़िरी सेकेंड तक दर्शकों को बांधे रखता है.

कहानी को हिंदी में बनी बेस्ट सस्पेंस थ्रिलर मूवी भी कहा जा सकता है. बेशक. कहानी की स्टोरी-स्क्रीनप्ले लिखने वाले सुजॉय घोष ने ही बॉब बिस्वास की भी स्टोरी पर काम किया है. निर्देशन अन्नपूर्णा घोष ने किया है. बॉब बिस्वास, सीधे सीधे कहानी जैसी फिल्म नजर आती है.

bob-biswas_650_120221091927.jpgबॉब बिस्वास के किरदार में अभिषेक बच्चन.

बॉब बिस्वास के जादुई कैरेक्टर के लिए

बॉब बिस्वास हकीकत में कहानी के ही एक कैरेक्टर पर बनी स्पिन ऑफ़ ड्रामा है. विद्या बालन की कहानी में बॉब का किरदार शाश्वत चटर्जी ने निभाया था. शाश्वत के किरदार ने लोगों पर जादू कर दिया था और बहुत छोटा किरदार होने के बावजूद लोगों के जेहन में आज भी ताजा है. क्या ही लाजवाब कैरेक्टर था वह.

कहानी का बॉब आम सा दिखने वाला शहरी था. शक्ल सूरत से भोंदू दिखता था. मगर हकीकत में वह कॉन्ट्रेक्ट किलर था. हत्याएं करता था. कहानी में शाश्वत का मोनोलॉग "एक मिनट" भूले नहीं भूलता. अब बॉब बिस्वास के रहस्यमयी किरदार को सुजॉय ने व्यापक रूप दिया है. ट्रेलर में तो वह बहुत ही प्रभावशाली दिखा है.

क्राइम थ्रिलर पसंद करने वालों के लिए उम्दा फिल्म

क्राइम थ्रिलर देखने वाले दर्शकों के लिए बॉब बिस्वास एक बेहतरीन फिल्म साबित हो सकती है. बॉलीवुड में क्राइम थ्रिलर फ़िल्में कम बनती हैं. लगभग ना के बराबर. जो निर्माता बनाते भी हैं तो अक्सर उसे रोमांटिक, रॉबरी या ऐसे ही दूसरे मसालेदार फ्रेम में बांधकर रखते हैं. बॉब बिस्वास फिलहाल ऐसी क्राइम थ्रिलर नजर आ रही है जो किसी चलताऊ फ्रेम में नहीं बंधी हैं. बॉब का नायक लगभग अधेड़ है. यानी इसमें रोमांस का कोई स्कोप नहीं है. रॉबरी भी नहीं है.

जाहिर है कि एक अधेड़ शख्स को लेकर बुनी गई कहानी में सस्पेंस के लिए खूब मेहनत की गई होगी. जो एक तरह से यह भरोसा भी है कि कोलकाता के बैकड्राप में थ्रिल से भरपूर फ्रेश कहानी निकलकर आएगी.

अभिषेक बच्चन के काम के लिए

अभिषेक बच्चन को करियर में बहुत अच्छी फ़िल्में हाथ नहीं लगी हैं. ऐसी फ़िल्में ज्सिअसे उनका अभिनय पक्ष मजबूती से सामने आया हो. उनके पास नाममात्र युवा, बंटी और बबली, गुरु और बिग बुल जैसी फ़िल्में ही हैं. इन फिल्मों में एक अभिनेता के तौर पर अभिषेक ने प्रभावित किया. अब बॉब बिस्वास में उनका लुक और काम आकर्षक नजर आ रहा है. उम्मीद की जानी चाहिए कि अभिषेक, बॉब बिस्वास के रूप में अपने करियर के सबसे बुलंद किरदार को जीते नजर आए.

ट्रेलर में बॉब बिस्वास के उनके किरदार और काम की जो झलक दिखी है वो उम्दा है. एक्टर के तौर पर अभिषेक के करियर का यह बेहतरीन दौर माना जा सकता है. मनमर्जियां, ब्रीद, बिग बुल और अब बॉब बिस्वास.

आउटिंग की जरूरत नहीं, सुविधा के अनुसार चाहे जहां देखें

बॉब बिस्वास है तो वैसे थियेटर ड्रामा. मगर मेकर्स ने इसे ओवर दी टॉप रिलीज करने का फैसला लिया है. फिल्म जी5 पर रिलीज हो रही है. ओटीटी रिलीज की वजह से दर्शकों को सबसे बड़ी सहूलियत यह मिलेगी कि वीकएंड पर उन्हें कम से कम फिल्म देखने के लिए आउटिंग करने की जरूरत नहीं है. घर में परिवार के साथ या दोस्तों के संग टीवी, मोबाइल, टैब लैपटॉप कहीं भी देखा जा सकता है. यानी बजट में बढ़िया मनोरंजन का इंतजाम. कोरोना माहामारी में दर्शक ओटीटी की ओर मुड़े हैं. उनके लिए बॉब बिस्वास का आना ट्रीट की तरह ही है.

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