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Updated: 13 मार्च, 2022 02:15 PM
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विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी 'द कश्मीर फाइल्स' कई तरह से हैरान करते दिख रही है. अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्ल्ववी जोशी और दर्शन कुमार की मुख्य भूमिकाओं से सजी फिल्म शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हुई. फिल्म को भले ही देश में 500 से कुछ ज्यादा ही स्क्रीन (मामूली कह सकते हैं) मिले बावजूद, विवेक की फिल्म ने पहले दिन 3.55 करोड़ रुपये की ओपनिंग हासिल कर ट्रेड सर्किल को सरप्राइज कर दिया है. लेकिन एक जगह और द कश्मीर फाइल्स को लेकर इससे भी ज्यादा सरप्राइजिंग एलिमेंट्स नजर आ रहे हैं. वह जगह है- IMDb. यह इंटरनेट डेटाबेस है जहां रजिस्टर्ड यूजर फिल्म की रेटिंग और रिव्यू करते नजर आते हैं.

पिछले कुछ सालों में सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली नई फिल्मों के लिए IMDb पर ऐसा उत्साह और सकारात्मक माहौल नहीं दिखा जैसा द कश्मीर फाइल्स के लिए दिख रहा है. द कश्मीर फाइल्स को IMDb पर यूजर्स ने 10 में से 10 पॉइंट दिया है. आमतौर पर किसी भी फिल्म के लिए हाल फिलहाल यहां इतनी शानदार रेटिंग नहीं दिखी. जो यहां हाईएस्ट रेटिंग का रिकॉर्ड है वह काफी नीचे है. फिल्म के लिए 10 में 10 पॉइंट की रेटिंग दो चार दस यूजर्स ने नहीं दी है. बल्कि खबर लिखे जाने तक 27 हजार से ज्यादा लोग रेट कर चुके थे.

रेटिंग कितनी पारदर्शी है यह तो दावे से नहीं कहा जा सकता, मगर इस बात का सबूत माना जा सकता है कि ऑडियंस के बीच बहुत तगड़ा वर्ड ऑफ़ माउथ तैयार है. सोशल मीडिया पर फिल्म को लेकर हो रही चर्चाएं, इंटरनेट प्लेटफॉर्म पर उसका मजबूत होना साफ़ संकेत है कि एक मजबूत लॉबी जमकर फिल्म के प्रमोशन में लगी हुई है.

IMDb IMDb पर द कश्मीर फाइल्स की रेटिंग देखें.

द कश्मीर फाइल्स की समीक्षाएं भी जबरदस्त

मजेदार यह भी है कि IMDb के यूजर रिव्यू कैटेगरी में करीब 1400 से ज्यादा समीक्षाएं भी हैं जिसमें द कश्मीर फाइल्स के लिए जबरदस्त तारीफ़ देखने को मिलती है. यहां भी व्यापक रूप से फिल्म समीक्षा के साथ फिल्म को 10 में से 10 पॉइंट दिया गया है. समीक्षाओं में यूजर दूसरे लोगों को फिल्म देखने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. फिल्म को ऑस्कर के लायक पा रहे हैं. प्राय: समीक्षकों ने फिल्म को मास्टरपीस करार दिया है. तमाम यूजर तो नेशनल अवॉर्ड की मांग कर रहे हैं. यहां एक यूजर ने द कश्मीर फाइल्स के बहाने घाटी के सबसे दर्दनाक मंजर को सामने लाने के लिए विवेक की जमकर तारीफ़ की. फिल्म के बहाने वामपंथी विचारकों पर भी निशाना साधा जा रहा है. मिथुन चक्रवर्ती, अनुपम खेर, पल्लवी जोशी और दर्शन कुमार के काम की खूब सराहना की जा रही है.

दुनियाभर में सबसे ज्यादा रेटिंग पानी वाली फिल्म बनी, जय भीम का रिकॉर्ड टूटा

IMDb पर द कश्मीर फाइल्स के लिए जिस तरह का तूफ़ान दिखा वैसा हाल फिलहाल किसी भी दूसरी फिल्म के लिए नहीं नजर आया था. हालांकि पिछले साल महामारी के दौरान रिलीज हुई सुरिया की जय भीम को भी यहां जबरदस्त रेटिंग मिली थी. रिलीज के बाद जय भीम को 10 में से 9.6 रेटिंग मिली थी. रेटिंग के मामले में इसने हॉलीवुड की द शौशैंक रिडेम्प्शन को पछाड़कर ज्यादा रेटिंग पाने वाली फिल्म बन गई थी. इस तरह देखें तो द कश्मीर फाइल्स ने द शौशैंक रिडेम्प्शन और जय भीम जैसी फिल्मों को पछाड़ते हुए दुनिया की सबसे ज्यादा रेटिंग पाने वाली फिल्म बन चुकी है. फिलहाल तो ऐसा ही है. यह हाल रिलीज के 24 घंटे के अंदर का है. IMDb पर विवेक अग्निहोत्री की फिल्म को रेटिंग मिलने का सिलसिला ख़त्म नहीं हो रहा और माना जा सकता है कि यहां फिल्म कई और रिकॉर्ड बनाने जा रही है. जिस तरह फिल्म रेस में है यह दुनिया की है यह दुनिया की हाई रेटेड फिल्म बन सकती है.

anupam-the-kashmir-f_031222041414.jpgअनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती समेत कलाकारों के काम की तारीफ़ हो रही है.

क्या है फिल्म की कहानी

फिल्म की कहानी एक बुजुर्ग कश्मीरी पंडित की है जिसे 90 के दशक में कश्मीर छोड़कर भागना पड़ा था. जो दिल्ली में शरणार्थी बना. परिवार में उसका पोता भर बचा है. पोता देश की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी में पढ़ता है जो दिल्ली में ही. फिर दिखता है कश्मीर को लेकर बुजुर्ग और उसके पोते का नजरिया. और इसी के साथ कश्मीर में आतंक का अतीत और वर्तमान, राजनीतिक मनोदशा, तमाम तरह के नैरेटिव दिखते हैं. फिल्म अपने आप में काफी बोल्ड है और इसमें राजनीतिक साउंड काफी मजबूत नजर आ रहा है. बताने की जरूरत नहीं कि 90 के दशक में आतंकवाद की वजह से कश्मीर के हालात किस तरह हो गए थे. वहां पाकिस्तान से वित्तपोषित आतंकी संगठनों ने कश्मीरी पंडितों समेत हिंदू और सिखों का व्यापक रूप से कत्लेआम किया. घाटी में लाखों परिवारों को घरबार छोड़कर भागना पड़ा. अच्छे खासे लोगों को कैम्पों में शरन लेनी पड़ी. द कश्मीर फाइल्स में आतंकवाद, शरणार्थी संकट और उसमें भारतीय राजनीति की भूमिका की पड़ताल करने की कोशिश की गई है.

हालांकि विवेक अग्निहोत्री की वजह से उनपर तमाम चीजों को वायस्ड होकर प्रचारित करने का आरोप भी लगाया जाता है. विवेक राजनीतिक रूप से भाजपा का समर्थन करते दिखते हैं और कांग्रेस समेत तमाम दलों पर देश विरोधी और तुष्टिकरण को बढ़ावा देने का आरोप लगा चुके हैं. द कश्मीर फाइल्स से पहले विवेक ने द ताशकंत फाइल्स बनाई थी जो पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत के बहाने तमाम चीजों की पड़ताल करती है.

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