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Updated: 04 जून, 2021 10:45 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी की मोस्ट अवेटेड वेब सीरीज द फैमिली मैन सीजन 2 (The Family Man 2) ने अमेजन प्राइम वीडियो (Amazon Prime Video) पर रिलीज होते ही तहलका मचा दिया है. बेसब्री के साथ इंतजार कर रहे दर्शकों की उम्मीदों पर वेब सीरीज सौ फीसदी खरी उतरी है. मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) तो अपनी लाजबाब एक्टिंग के लिए जाने ही जाते हैं, लेकिन इस बार साउथ की सुपरस्टार समांथा अक्किनेनी (Samantha Akkineni) ने अपने दमदार अभिनय से इसमें चार चांद लगा दिया है. तमिल विद्रोही राजी के किरदार को उन्होंने जिस तरह जिया है, वो काबिले-तारीफ है. सस्‍पेंस, ड्रामा, एक्‍शन और एडवेंचर से भरे इस वेब सीरीज में आपको फन, फियर, फैमिली और फर्ज की ऐसी कहानी मिलेगी, जिसे देखकर कह उठेंगे कि 'इंतजार का फल मीठा होता है'.

the-family-man-2_650_060421080253.jpgदर्शकों के दिल पर 'श्रीकांत तिवारी' संग राज कर रही है 'राजी', उम्मीदों पर सौ फीसदी खरी उतरी द फैमिली मैन सीजन 2.

द फैमिली मैन 2 की कहानी

द फैमिली मैन सीजन 2 की कहानी पहले सीजन से आगे बढ़ती है. दिल्ली में हुए गैस कांड के बाद श्रीकांत तिवारी (मनोज बाजपेयी) की टीम बिखर जाती है. कश्मीर में एक आतंकी की तलाश में गए श्रीकांत की गोली से एक निर्दोष लड़के की हत्या हो जाती है. एजेंसी मृतक लड़के को आतंकी घोषित करके मामले को रफा-दफा कर देती है. लेकिन ये बात श्री के मन में घर कर जाती है. अपराधबोध की वजह से वो थ्रेट एनालिसिस एंड सर्विलांस सेल (TASC) से रिजाइन देकर एक आईटी कंपनी में नौकरी करने लगता है. उसकी टीम के दो मेंबर मिलिंद (सनी हिंदुजा) और जोया (श्रेया धनवंतरी) भी गैस कांड में घायल होने के बाद ब्रेक पर हैं. केवल जेके तलपड़े (शारिब हाशमी) एजेंसी के लिए काम कर रहा है. उसके जरिए श्रीकांत टास्क (TASC) की गतिविधियों के बारे में जानकारी लेता रहता है.

इसी बीच TASC को एक स्पेशल मिशन पर चेन्नई भेजा जाता है. वहां श्रीलंका की निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री भास्करन के छोटे भाई सुब्बु को पकड़ने के साथ ही प्रधानमंत्री पर होने वाले संभावित हमले को रोकने का काम दिया जाता है. जेके इस मिशन को लीड करता है, लेकिन पुलिस कस्टडी में सुब्बु की बम धमाके में मौत हो जाती है. इधर, श्रीकांत अपनी फैमिली को बचाने की लाख कोशिशें करता है, लेकिन उसकी पत्नी शुचि के साथ उसके संबंध ठीक नहीं हो पाते. परिवार से परेशान श्रीकांत चेन्नई मिशन की जानकारी होने के बाद वापस TASC ज्वाइऩ कर लेता है. उसे मिशन की जिम्मेदारी सौप दी जाती है. उधर सुब्बु का भाई भास्करन उसकी मौत के बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के सरगना समीर खान के साथ मिलकर भारत में एक बड़े हमले की योजना बना रहा होता है.

लंका से लेकर लंदन की इस कहानी यात्रा में मुंबई और दिल्‍ली पड़ाव हैं, लेकिन चेन्‍नई युद्धभूमि है. यहां आतंकियों और विद्रोहियों का सामना थ्रेट एनालिसिस एंड सर्विलांस सेल के जाबांज अफसरों से होता है. इसी बीच इनपुट मिलती है कि भास्करन और साजिद एक साथ मिलकर प्रधानमंत्री बासु (सीमा बिस्वास) की हत्या की योजना बना रहे हैं. पूरी वेब सीरीज में एक साथ तीन कहानियां समानांतर चल रही होती हैं, जो एक समय के बाद एक साथ जुड़ जाती हैं. पहली कहानी तमिल विद्रोहियों की, दूसरी आईएसआई की नापाक साजिशों की और तीसरी श्रीकांत की फैमिली लाइफ की है. श्रीलंकाई तमिल विद्रोही भारतीय प्रधानमंत्री की हत्या क्यों करना चाहते हैं? क्या TASC इस बार अपने मिशन में सफल होता है? इस बार श्रीकांत की फैमिली की क्या भूमिका है? इन सवालों के जवाब के लिए आपको वेब सीरीज देखनी होगी.

1_650_060421080853.jpgमनोज बाजपेयी अपनी शानदार एक्टिंग के लिए देश-दुनिया में जाने जाते हैं.

द फैमिली मैन 2 का रिव्यू

द फैमिली मैन का दूसरा सीजन 413 मिनट (6 घंटे और 53 मिनट) का है, जो 9 एपिसोड में विभाजित है. शुरु के दो एपिसोड लंबे हैं, बाद के 30 से 45 मिनट के हैं. सह-निर्देशक सुपर्ण वर्मा के साथ शो के निर्माता राज एंड डीके ने हर एपिसोड को एक नए सब-प्लॉट की तरह ट्रीट किया है. इसमें थ्रिल, ड्रामा, ह्यूमर और एक्शन का बेजोड़ संगम देखने को मिलता है. हर एपिसोड में एक क्लाइमेक्स है, जिसे इस तरह से बुना गया है कि देखने के बाद दर्शक दांतों तले उंगलियां दबाने पर मजबूर हो जाएंगे. पटकथा ऐसी लिखी गई है कि एक मिनट के लिए नजर हटाना मुश्किल होता है. कई बार तो किसी एपिसोड में आगे के कुछ सीन समझने के लिए रिवाइंड भी करना पड़ जाता है. परिवार और देश जैसे दो संवेदनशील मोर्चों पर एक अफसर कैसे लड़ाई करता है, इसे श्रीकांत के किरदार के जरिए बखूबी दिखाया गया है.

इस सीजन का छठा एपिसोड सबसे शानदार है. इसे द फैमिली मैन का अबतक का सर्वश्रेष्ठ एपिसोड कहा जा सकता है. छठे से लेकर नौवें एपिसोड तक दर्शक एक पल के लिए बिना पलक झपकाए सीरीज देखते रह जाएंगे. इसमें रोमांच और रहस्य के साथ हास्य भी भरपूर है. श्रीकांत का अपने दोस्त जेके और बेटे अथर्व के साथ हास्य संवाद और मजाकिया वन-लाइनर्स हंसने पर मजबूर करते हैं. कैमेरॉन एरिक ब्राइसन की सिनेमैटोग्राफी अच्छी है. कहानी के हिसाब से ही कैमरा मूव करता है. एक्शन सीक्वेंस अच्छी तरह से कोरियोग्राफ किए गए हैं. चाहे वह संकरी गलियों में राजी का पीछा करने वाला पूरा सीक्वेंस हो या शूट आउट या फिर मारधाड़, एक्शन सीन वास्तविक हैं और एक गहरी छाप छोड़ते हैं. हेवी-ड्यूटी क्लाइमेक्स को केवल एक्शन सीन के लिए ही नहीं, बल्कि कैमरा वर्क के लिए भी देखा जाना चाहिए.

मनोज बाजपेयी एक बेहतरीन अभिनेता हैं, द फैमिली मैन के दूसरे सीजन का इंतजार श्रीकांत तिवारी के लिए लोग कर रहे थे, ये सभी जानते हैं. लेकिन सामंथा अक्किनेनी अपने किरदार में इस कदर जान डाल देंगी, ये किसी ने कल्पना तक नहीं की थी. एक सीधी-सादी लड़की से लेकर तमिल विद्रोही तक के किरदार इस कदर जिया है कि अपनी अदाकारी की बदौलत मनोज बाजेपयी के समानांतर खड़ी दिखाई देती हैं. यह मौका पहले सीजन में प्रियामणि को भी मिला था, लेकिन अच्छे अभिनय के बावजूद उनको ये कद हासिल नहीं हो पाया. एक दोस्त के रोल में शारिब हाशमी इस सीजन में भी जम रहे हैं. मनोज के साथ उनकी केमिस्ट्री मस्त लग रही है. दर्शन कुमार, सीमा विश्‍वास, सनी हिंदुजा, आश्लेषा ठाकुर और वेदांत सिन्हा जैसे कलाकारों ने अपने छोटे रोल को अपने अभिनय के दम पर बड़ा बना दिया है.

देखनी चाहिए या नहीं?

इस वेब सीरीज में इतनी सारी अच्छाईयों के बावजूद एक सबसे बड़ी कमी है, जो पहले से आखिरी एपिसोड तक खटकती है. पहले एपिसोड की शुरूआत श्रीलंका से होती है, जहां शुरू के करीब 10 मिनट तक पूरी कहानी तमिल में चलती है. इसके बाद भी शो को नेचुरल दिखाने के चक्कर में इतने लंबे-लंबे डायलॉग तमिल और अंग्रेजी में दिखाए गए हैं कि हिंदी भाषी दर्शकों के पल्ले ही नहीं पड़ते हैं. इस वजह से कई सीन बहुत बोरिंग से लगने लगते हैं. शायद मेकर्स को तमिल और अंग्रेजी अच्छे से आती है, इसलिए वो इस पहलू पर ध्यान नहीं दे पाए. हालांकि, सबटाइटल्स हिंदी और अंग्रेजी में दिए गए हैं, लेकिन हिंदी पट्टी के लोगों के लिए मुश्किल ये है कि सबटाइटल्स समझने के चक्कर में सीन मिस हो जाता है. कुल मिलाकर, द फैमिली मैन सीजन 2 एक शानदार वेब सीरीज है. इसे जरूर देखा जाना चाहिए.

लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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