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Updated: 03 जुलाई, 2022 04:09 PM
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भारतीय टीवी के इतिहास में शायद ही कोई दूसरा शो हो जो तारक मेहता का उलटा चश्मा (TMKOC) की तरह लोकप्रियता के शिखर पर बना हुआ है. लंबे समय तक साफ़ सुथरा मनोरंजन करने और लोकप्रियता के मामले में TMKOC का कोई मुकाबला नहीं है. शो ने टीवी सबसे ज्यादा वक्त तक टीवी पर प्रसारित होने का रिकॉर्ड बनाया है. पहली बार 2008 में टेलीकास्ट हुआ था. अब तक साढ़े तीन हजार से ज्यादा एपिसोड आ चुके हैं. स्वाभाविक है कि लंबे शो में कई किरदार बदले हैं. कुछ TMKOC टीम से खुद अलग हुए और शो के साथ कुछ का नाता बीमारी या निधन की वजहों से टूटा.

TMKOC शो के सबसे ताकतवर किरदारों में से एक नट्टू काका का रोल करने वाले घनश्याम नायक भी ऐसे ही अलग हो गए. पिछले साल कैंसर की बीमारी से उनकी मौत हो गई थी. हालांकि दिशा वकानी के अलग होने के बाद दयाबेन के किरदार को छोड़ दिया जाए तो देर सबेर शो को दूसरे कलाकारों का रिप्लेसमेंट मिल चुका है. अंजलि मेहता, सोनू, डॉ. हाथी, रोशन सिंह सोढी, मिसेज सोढी जैसे कई अहम किरदारों की तरह अब करीब करीब नौ महीने लंबे लूप के बाद नट्टू काका का किरदार जुड़ गया है.

शो मेकर्स ने बहुत खोजबीन के बाद किरण भट्ट के रूप में एक ऐसे कलाकार को चुना है जिनके बारे में दर्शकों को बहुत कम जानकारी नहीं है. असित मोदी ने खुद एक प्रोमो में किरण भट्ट का परिचय दिया. उन्होंने बताया कि किरण भट्ट, घनश्याम की तरह ही मंझे कलाकार हैं. हालांकि नायक की भरपाई कभी नहीं हो सकती लेकिन किरण में इतनी क्षमता है कि वह नट्टू काका के यूनिक किरदार को जीवंत कर देंगे. असित मोदी के मुताबिक़ किरण भट्ट उनके प्रोड्यूसर भी रह चुके हैं.

TMKOCनट्टू काका के किरदार में घनश्याम नायक और किरण भट्ट.

कौन हैं नए नट्टू काका के रूप में दिख रहे किरण भट्ट?

किरण भट्ट के बारे में बहुत जानकारियां नहीं हैं. लेकिन अलग-अलग रिपोर्ट्स और इंटरव्यूज से पता चलता है कि वे भी असल में शो के दूसरे कई प्रमुख कलाकारों की तरह गुजराती थियेटर के बैकग्राउंड से आते हैं. वे मनोरंजन जगत में अब तक हर तरह के काम कर चुके हैं. टीवी फिल्म थियेटर लगभग सभी जगहों पर उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया है. हालांकि उन्हें अब भी गुजराती थियेटर से बहुत प्यार है. कमाल की बात यह भी है गुजराती थियेटर की वजह से ही उन्होंने शो के बड़े कलाकारों मसलन असित मोदी, दिलीप जोशी और घनश्याम नायक के साथ खूब काम किया है.

शो की टीम के साथ किरण भट्ट की पुरानी ट्यूनिंग है. घनश्याम नायक के साथ तो 20 साल से ज्यादा पुराना संबंध है. एक नाटक के लिए तो घनश्याम नायक ने ही किरण भट्ट को आवाज दी थी. हालांकि घनश्याम नायक उम्र के मामले में किरण भट्ट से सीनियर रहे. थियेटर के जमाने का यह संबंध सिर्फ अभिनय जगत तक ही सीमित नहीं रहा. बल्कि दोनों एक दोस्त के रूप में ऑफ़ स्क्रीन ट्यूनिंग बनाए रखी. कहने की जरूरत नहीं कि किरण भट्ट का पहला प्यार थियेटर ही है. फिलहाल वे दो नाटकों पर कम भी कर रहे हैं. इन दो नाटकों के साथ वे निर्माता और निर्देशक की हैसियत से जुड़े हैं.

ऐसा नहीं है कि किरण ने और माध्यमों के लिए काम ना किया हो. नाटक की तरह ही उन्होंने फिल्मों और टीवी सीरियल के लिए भी खूब काम किया है. अगर ध्यान गया होगा तो रामगोपाल वर्मा की ब्लॉकबस्टर रंगीला और सत्या जैसी फिल्मों में किरण भट्ट के किरदारों पर नजर जरूर पड़ी होगी. आमिर खान स्टारर रंगीला म्यूजिकल ब्लॉकबस्टर थी जबकि मुंबई के अंडरवर्ल्ड की कहानी को दिखाने वाली सत्या कल्ट है आज की तारीख में. किरण भट्ट ने कई और फिल्मों में भी छोटी-मोटी भूमिकाएं निभाई हैं. हालांकि 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' की वजह से निसंदेह ज्यादा बड़ी पहचान मिली.

'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में एक्टर ने केतकी दवे के भाई का किरदार निभाया था. इस शो ने भी अपने वक्त में लोकप्रियता के सारे रिकॉर्ड तोड़कर भारतीय टीवी जगत में क्रांति ला दी थी. वैसे एक्टर के खाते में कई शोज हैं. लेकिन दस साल से वे छोटे परदे से गायब थे. तारक मेहता शो एक तरह से दस साल बाद किरण भट्ट का कमबैक भी है. उनके लिए बड़ी चुनौती है कि वे नट्टू काका के किरदार के रूप में घनश्याम नायक ने जो बेंचमार्क बनाए हैं, उसके करीब खड़े हों और दर्शकों के साथ ही मेकर्स की उम्मीदों पर खरा उतरे.

एक इंटरव्यू में किरण भट्ट ने बताया भी कि असित के साथ उनकी पुरानी दोस्ती है बावजूद नट्टू काका का किरदार पाने के लिए वे ऑडिशन देने पहुंचे थे. उन्हें लगा कि घनश्याम के करीब होने की वजह से वे शायद किरदार के साथ बेहतर न्याय कर पाए. मेकर्स का दावा है कि काफी खोजबीन के बाद किरदार के लिए किरण भट्ट का चयन हुआ है.

घनश्याम नायक के कितना पास हैं किरण भट्ट?

नट्टू काका के रूप में किरण भट्ट के एपिसोड टेलीकास्ट हो चुके हैं. इसमें कोई शक नहीं कि दर्शकों को घनश्याम नायक की कमी खल रही है और वे किरण भट्ट को कमजोर पा रहे हैं. यही वजह है कि दर्शक सोशल मीडिया और शो जुड़े डिबेट पर यह कहते नजर आ रहे कि नया नट्टू काका पुराने नट्टू काका की कभी भरपाई नहीं कर सकते. असल में नट्टू काका के रूप में किरण भट्ट का किरदार कमजोर नहीं कहा जा सकता. वे मंझे अभिनेता भी नजर आ रहे हैं. लेकिन जिन दर्शकों को एक किरदार में करीब करी 13 साल तक एक ही कलाकार को देखने की आदत रही हो- अचानक से दूसरा कलाकार का आना असहज करने के लिए पर्याप्त है.

घनश्याम नायक और नट्टू काका एक-दूसरे में रच बस गए थे. घनश्याम बहुमुंखी प्रतिभा के धनी थे. मिसाल के तौर पर प्लेबैक सिंगर के रूप में 12 से ज्यादा गुजराती फिल्मों में गा चुके एक्टर ने शो में अपनी आवाज का जादू भी बिखेरा. जबकि एक एक्टर के रूप में उनके पास लंबा चौड़ा अनुभव था. उन्होंने करियर में करीब 100 गुजराती और हिंदी फिल्मों में छोटी-मोटी और कई ध्यानाकर्षण भूमिकाएं निभाई. 350 के आसपास टीवी शोज भी किए. लोकप्रियता के मामले में नट्टू काका का किरदार उनके करियर का सबसे बड़ा शिखर रहा. उन्होंने इतना जीवंत सहज सरल अभिनय ही किया कि लोग उन्हें घनश्याम नायक की बजाए नट्टू काका के रूप में ही जानते समझते हैं. किसी का भी उनकी जगह लेना मुश्किल है.

इसमें कोई शक नहीं कि नए नट्टू काका पर पुराने का जबरदस्त दबाव रहेगा. लेकिन मेकर्स का फैसला एक लिहाज से बहुत बेहतर माना जा सकता है. घनश्याम नायक के किरदार के लिए एक ऐसा नया नवेला चेहरा चुना गया है जिसके चेहरे या अभिनय पर लोगों ने बहुत ध्यान नहीं दिया है. यह एक चीज किरण भट्ट को आसानी से घनश्याम के किरदार और दर्शकों के मन में उतरने के लिए मदद ही करेगा. वे जल्दी नट्टू काका के रूप में सेट हो सकते हैं. किरण भट्ट बेहतर भूमिका निभाने की क्षमता तो है ही. शायद वे भी वक्त के साथ शो में रिप्लेस होने वाले दूसरे कलाकारों की तरह किरदार में रच बस जाए.

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