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Updated: 21 अप्रिल, 2022 03:04 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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वो दौर गुजर गया जब फिल्म हीरो के सहारे चला करती थी. हीरो का नाम फिल्म की पहचान हुआ करता था. अब सिनेमा नए दौर में है. फिल्मों का असली हीरो कंटेंट है. इसके आधार पर फिल्म का निर्माण करने वाला डायरेक्टर अब असली सुपरस्टार है. ये डायरेक्टर की ही सोच है कि फिल्में इतनी भव्य बन रही हैं. खासकर साउथ सिनेमा के कुछ डायरेक्टर ने तो अपनी फिल्मों के जरिए नए मानक स्थापित कर दिए हैं. उनकी फिल्में उनकी पहचान बन गई हैं. फिल्म 'बाहुबली' को ही ले लीजिए. इसके लीड एक्टर प्रभास की प्रशंसा होने के बावजूद इसकी असली पहचान इसके डायरेक्टर एसएस राजामौली हैं. उनकी फिल्मों में हीरो प्रभास हो या राम चरण या फिर जूनियर एनटीआर, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. उनकी फिल्मों की भव्यता उनकी सोच से आती है. उनकी कल्पना ने आज फिल्मों को पैन इंडिया बना दिया है. वरना पहले फिल्म इंडस्ट्री भाषाओं के आधार पर बंटी हुई थी.

साल 2015 से पहले और बाद के सिनेमा को अलग-अलग याद रखा जाएगा. सही मायने में सिनेमा का स्वर्णिम काल साल 2015 में फिल्म बाहुबली की रिलीज के बाद ही आया है. इसके बाद एक के बाद एक ऐसी फिल्में रिलीज हुई हैं, जिन्होंने लोगों को हैरान कर दिया है. हिंदी बेल्ट में बॉलीवुड की फिल्मों से ऊब चुके लोगों को पहली बार समझ में आया कि सिनेमा इस तरह का भी हो सकता है, जो न सिर्फ उनका मनोरंजन करता है, बल्कि उनकी भावनाओं और विचारों का भी पोषक है. इसका श्रेय साउथ के उन सभी डायरेक्टर्स को जाता है, जिन्होंने अपनी पैन इंडिया फिल्मों के जरिए सिनेमा की दशा और दिशा दोनों बदली है. इनमें एसएस राजामौली के साथ प्रशांत नील, सुकुमार जैसे डायरेक्टर का नाम प्रमुख है.

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आइए उन डायरेक्टर के बारे में जानते हैं, जो साउथ सिनेमा के असली सुपरस्टार हैं... 1. एसएस राजामौली

साउथ सिनेमा के बेहतरीन निर्देशकों में शुमार एसएस राजामौली पैन इंडिया स्तर पर सबसे सफलत डायरेक्टर कहे जा सकते हैं. उन्होंने साउथ की कई सुपरहिट फिल्मों का निर्देशन किया है, लेकिन 'बाहुबली' की वजह से वह पूरे देश में मशहूर हो गए. इस फिल्म को पूरे देश ने पसंद किया. उनकी फिल्म 'बाहुबली 2' भारतीय बॉक्स ऑफिस पर सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म है. फिल्म ने 1800 करोड़ रुपए का बिजनेस किया है. उनकी हालही में रिलीज हुई फिल्म 'आरआरआर' ने उनके विजय रथ को बहुत ज्यादा आगे बढ़ा दिया है. 25 मार्च को रिलीज हुई इस फिल्म ने अभी तक 1000 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार कर लिया है. फिल्म 500 करोड़ रुपए की लागत में बनी थी. ऐसे में इसे हिट कहा जा सकता है. अपनी फिल्मों के जरिए भारतीय संस्कृति और गौरवशाली इतिहास को जिस तरह से वो पेश करते हैं, सीधे दर्शकों के दिल में उतर जाते हैं. राजामौली फिल्मी फैमिली से ताल्लुक रखते हैं. बहुत ही कम लोगों को पता है कि राजामौली का पूरा नाम कोदुरी श्रीसैला श्री राजामौली है. उनके पिता नाम के. वी. विजयेन्द्र प्रसाद मशहूर स्क्रिप्ट राइटर और फिल्म निर्देशक हैं. उन्होंने ही बाहुबली की कहानी लिखी है. उनके चचेरे भाई एमएस कीरावनी म्यूजिक कंपोजर और प्लेबैक सिंगर हैं.

2. प्रशांत नील

फिल्म 'केजीएफ' के जरिए पूरे देश में मशहूर हुए कन्नड़ फिल्म निर्देशक प्रशांत नील भारतीय सिनेमा में एक स्थापित नाम बन चुके हैं. उनकी दोनों फिल्मों 'केजीएफ चैप्टर 1' और 'केजीएफ चैप्टर 2' ने पैन इंडिया स्तर पर जिस तरह से धमाल मचाया है, उसने उनको देशभर में लोकप्रिय बना दिया है. प्रशांत ने साल 2014 में रिलीज हुई फिल्म 'उग्रम' के जरिए बतौर डायरेक्टर अपना डेब्यू किया था. उन्होंने अभी तक तीन फिल्में बनाकर रिलीज कर दी हैं, जबकि फिल्म सालार अगले साल रिलीज होने वाली है, जिसमें बाहुबली फेम एक्टर प्रभास लीड रोल में हैं. उन्होंने बेशक अपने करियर में तीन फिल्में ही बनाई हैं, लेकिन उनके परफेक्शन और स्टोरीटेलिंग को देखकर एसएस राजामौली से उनकी तुलना हो रही है. हालांकि, प्रशांत खुद को इस काबिल नहीं मानते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने अभी तक खुद को निर्देशन के क्षेत्र में साबित नहीं किया है. वह अभी कुछ और नायाब करना चाहते हैं. खैर, वो चाहे जो भी कहें लेकिन उन्होंने तीन फिल्मों से साबित कर दिया है कि वो लंबी रेस के घोड़े हैं. उनकी तीनों ही फिल्में ब्लॉकबस्टर रही हैं.

3. सुकुमार

कोरोना काल में जब बॉलीवुड कराह रहा था. हिंदी फिल्में पिट जाने के बाद सिनेमाघर खाली होने के बहाने बनाए जा रहे थे. उसी वक्त हॉलीवुड की फिल्म स्पाइडर मैन रिलीज हुई थी. ऐसे वक्त में अपनी फिल्म 'पुष्पा: द राइज' रिलीज करके बॉक्स ऑफिस पर तूफान पैदा करने वाले डायरेक्टर सुकुमार किसी परिचय के मोहताज नहीं है. फिल्म 'पुष्पा' की लोकप्रियता ने उनको पूरे देश में मशहूर कर दिया है. इस फिल्म ने करीब 350 करोड़ रुपए का कारोबार कर किया था, जबकि फिल्म की लागत 180 करोड़ रुपए है. इतना ही नहीं इसके हिंदी वर्जन ने 108 करोड़ रुपए की कमाई करके बॉलीवुड को भी हैरान कर दिया था. पैन इंडिया फिल्म की सफलता के सवाल पर सुकुमार कहते हैं, ''हिंदी सिनेमा, तमिल सिनेमा, तेलुगू सिनेमा, ये सब अब बीते दिनों की बाते हैं. अब समय भारतीय सिनेमा का है. यदि फिल्म अच्छी होगी. कहानी दर्शकों को भाएगी और उसकी मेकिंग अंतर्राष्ट्रीय स्तर की होगी तो अब देश की हर भाषा की फिल्म हर भाषा के दर्शक देखने को तैयार हैं. सिनेमा भाषाओं की सरहदें तोड़ रहा है. दर्शकों को अच्छे सिनेमा का स्वाद लग चुका है. सितारे अपनी जगह चमकते रहेंगे, लेकिन अखिल भारतीय सफलता पाने के लिए फिल्म को समग्र होना जरूरी होगा. मौका मिला तो मैं हिंदी फिल्म भी एक दिन जरूर बनाना चाहूंगा.''

4. ए.आर. मुरुगदास

तमिल फिल्म इंडस्ट्री में अपने काम के लिए मशहूर निर्देशक ए.आर. मुरुगदास अपनी फिल्में बड़े-बड़े सुपरस्टार्स के साथ बनाने के लिए मशहूर हैं. उन्होंने सुपरस्टार रजनीकांत को लेकर दरबार और विजय को लेकर सरकार फिल्म बनाई थी. दोनों ही फिल्में तमिल बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही थी. बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्होंने एक हिंदी फिल्म भी बनाई है, जो रिलीज के बाद बहुत ज्यादा सुर्खियों में रही थी. इस फिल्म का नाम गजनी है, जिसमें आमिर खान और आसिन ने लीड रोल किया था. साल 2008 में रिलीज हुई इस फिल्म ने उस वक्त वर्ल्डवाइड 194 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया था. इसमें आमिर खान के लुक की काफी तारीफ हुई थी. फिल्म में आमिर और जिया खान को छोड़कर ज्यादातर साउथ के ही कलाकार थे. यह बॉलीवुड की पहली फिल्म थी, जो 100 करोड़ क्लब में पहुंची थी. मुरुगदास को मुख्य रूप से सामाजिक मुद्दों पर एक्शन फिल्मों के निर्देशन के लिए जाना जाता है. उनको साल 2014 की तमिल एक्शन ड्रामा फिल्म 'कत्थी' के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था. वैसे मुरुगादास ने फिल्म इंडस्ट्री में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर फिल्म 'रत्चागन' (1997) से अपना करियर शुरू किया था. बतौर डायरेक्टर उनकी पहली फिल्म अजिथ स्टारर 'धीना' (2001) है.

5. मणि रत्नम

साउथ से लेकर नॉर्थ तक फिल्म निर्देशक मणि रत्नम को कौन नहीं जानता है. क्लास की फिल्में बनाने के लिए मशहूर मणि रत्नम ने पहली फिल्म साल 1983 में 'पल्लवी अनु पल्लवी' निर्देशित की थी, जो कि तमिल में थी. इस फिल्म में अनिल कपूर और लक्ष्मी लीड रोल में थे. उनको साल 1986 में रिलीज हुई तमिल फिल्म 'मोउना रागम' से पहचान मिली. इसमें रेवती और मोहन लीड रोल थे. इसके लिए उनको नेशनल अवॉर्ड भी मिला था. हिंदी में उन्होंने पहली फिल्म 'दिल से' निर्देशित की थी, जिसे खूब पसंद किया गया था. साल 1992 में मणिरत्नम ने फिल्म 'रोजा' का निर्देशन किया. इस फिल्म के जरिए ए आर रहमान ने डेब्यू किया था. मणि रत्नम फिलहाल फिल्म पीएस -1 का निर्माण कर रहे हैं, जिसमें बॉलीवुड की खूबसूरत अदाकारा एश्वर्या राय बच्चन भी नजर आने वाली हैं. लाइका प्रोडक्शंस और मद्रास टॉकीज द्वारा निर्मित यह मेगा बजट फिल्म दो भागों में है, जिसका पहला भाग पीएस-1 जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज हो जाएगा. कल्कि के क्लासिक तमिल उपन्यास "पोन्नियिन सेलवन" पर आधारित ये फिल्म पैन इंडिया रिलीज होने वाली है.

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लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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