Squad Web Series Review: कमजोर कहानी और लचर निर्देशन की भेंट चढ़ी वेब सीरीज
ओटीटी प्लेटफॉर्म Zee5 पर वेब सीरीज 'स्क्वॉड' (Squad web series Review in hindi) 12 नवंबर से स्ट्रीम होने लगी है. इसमें रिनजिंग डेंजोगपा, मालविका राज, पूजा बत्रा और मोहन कपूर अहम किरदारों में हैं. मशहूर विलेन डैनी डेंजोगपा ने इस एक्शन थ्रिलर से अपने बेटे रिनजिंग डेंजोगपा को लॉन्च किया है.
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'स्क्वॉड' का हिंदी में अर्थ होता है दल या समूह. वैसे तो वेब सीरीज 'स्क्वॉड' में एक ऐसे बहादुरों के समूह की कहानी दिखाई गई है, जो देश में बेटियों की इज्जत की रक्षा करने के लिए कुछ भी कर गुजरता है. लेकिन सही मायने में देखें तो इस वेब सीरीज में फिल्मी घराने के कलाकारों का समूह मौजूद है. निर्माता-निर्देशक से लेकर हीरो-हिरोइन तक, कई प्रमुख लोग किसी न किसी फिल्मी हस्ती के परिवार से हैं. इसमें लीड रोल में नवोदित अभिनेता रिनजिंग डेंजोगपा हैं, जो मशहूर खलनायक डैनी डेंजोगपा के बेटे हैं. वेब सीरीज की हीरोइन एक्ट्रेस मालविका राज फिल्म 'कभी खुशी कभी गम' में करीना कपूर के बचपन का रोल कर चुकी हैं. वह भी फिल्मी परिवार से हैं. उनके पिता बॉबी राज खुद एक फिल्म मेकर हैं. नीलेश जहीदा सहाय वेब सीरीज के निर्माता, निर्देशक और लेखक हैं, जो खुद मशहूर अदाकारा जहीदा के बेटे हैं.
मशहूर खलनायक डैनी डेंजोगपा के बेटे रिनजिंग डेंजोगपा ने एक्शन-थ्रिलर वेब सीरीज से अपना डेब्यू किया है.
वेब सीरीज 'स्क्वॉड' 12 नवंबर से ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर स्ट्रीम हो रही है. जी स्टूडियोज के बैनर तले बनी इस वेब सीरीज के निर्माता नीलेश जहीदा सहाय, ब्रजेश सहाय और मोहन गोपीनाथ हैं. नीलेश जहीदा सहाय ने वेब सीरीज के निर्देशन के साथ लेखन का काम भी किया है. रिनजिंग डेंजोगपा, मालविका राज, पूजा बत्रा और मोहन कपूर अहम किरदारों में हैं. रिनजिंग डेंजोगपा और मालविका राज बतौर लीड एक्टर-एक्ट्रेस इस वेब सीरीज के जरिए लॉन्च किए जा रहे हैं. वैसे भी एक्शन-ड्रामा फिल्में इस तरह की लॉन्चिंग के लिए सबसे सुरक्षित और सफल मानी जाती हैं. लेकिन कई फिल्म मेकर और निर्देशक ये भूल जाते हैं कि एक्शन हीरो को जिस अंदाज में वो दर्शा रहे हैं, उससे भी पहले भी इस जॉनर में बनने वाली फिल्मों में ऐसे सीन दिखाए जा चुके हैं. लेकिन जानकर भी कई बार ये सभी अनजान रह जाते हैं.
Squad Web Series की कहानी
फिल्म POK यानी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में एक आतंकवाद विरोधी अभियान के साथ शुरू होती है, जहां कमांडो भीम राणा (रिनजिंग डेन्जोंगपा) से मिलवाया जाता है, जो कि NERO यानी नेशनल इमरजेंसी रिस्पॉन्स ऑपरेशन से ट्रेनिंग लिया हुआ होता है. आतंकवाद विरोधी अभियान पर निकली टीम का मिशन सफल होता है, लेकिन भीम एक छोटी लड़की को बचाने में विफल रहता है. आतंकवादी उस बच्ची का अपहरण करके ले जाते हैं और उसके शरीर में बम बंधा होता है. भीम को मजबूरन उस बच्ची को छोड़कर अपनी टीम के साथ वापस लौटना पड़ता है. इसी बीच SOS का अलर्ट आता है कि भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक की पोती लापता है. उसे कई देशों की जांच एजेंसियां खोज रही हैं, लेकिन वो आतंकियों के चंगुल में जॉर्जिया में है. तुरंत नेशनल इमरजेंसी रिस्पॉन्स ऑपरेशन को सूचित किया जाता है.
नेशनल इमरजेंसी रिस्पॉन्स ऑपरेशन टीम प्रमुख नंदिनी राजपूत (पूजा बत्रा) ने मामले की पूरी जानकारी लेने के बाद लापता बच्ची की खोज के लिए एक टीम बनाती है, जिसे जॉर्जिया के अदजारा से भारत की बेटी को वापस लाने की जिम्मेदारी दी जाती है. इस टीम में आरिया (मालविका राज) और एडी (तनिषा ढिल्लों) और भीम राणा मौजूद हैं. इस टीम का मिशन 'हिंदुस्तान की बेटी' को बचाने का है. उस हिंदुस्तान की बेटी का जिसके बारे में भीम खुद कहता है, ''हम हिंदुस्तान हैं. बोलेंगे नहीं सीधे तोड़ेंगे.'' इस तरह इसके बाद वेब सीरीज की पूरी कहानी उस मासूम बच्ची को बचाने के आसपास चलती रहती है. बच्ची को बचाने के पीछे भाम राणा की आत्मग्लानी भी है कि कश्मीर में आतंकियों के चंगुल में बम से बंधी बच्ची को बचा नहीं पाया था. इसलिए वो इसे बचाकर अपने मन से बोझ भी हल्का करना चाहता है.
Squad Web Series की समीक्षा
वेब सीरीज 'स्क्वॉड' को एक रेस्क्यू मिशन जैसे दिलचस्प आधार बेहतरीन एक्शन थ्रिलर बनाया जा सकता था, लेकिन कहानी और निर्देशन ही कमजोर है. इसमें कलाकारों और उनके किरदारों के मद्देनजर वन-लाइनर डायलॉग अच्छे से लिखे नहीं गए हैं. वेब सीरीज को देखकर ऐसा लगता है कि लेखक-निर्देशक नीलेश जहीदा सहाय कहानी में एक साथ बहुत सी चीजों को समेटना चाहते थे, लेकिन उनके बीच कोई सामंजस्य नहीं बना पाए. इसलिए दर्शक ठगे रह जाते हैं. हालांकि, यह अनुभवी अभिनेता डैनी डेन्जोंगपा के बेटे रिनजिंग डेन्जोंगपा की पहली फिल्म है, इसलिए अनुमान लगाया जा रहा था कि लीक से हटकर एक्शन फिल्म होगी. क्योंकि इससे पहले एक्शन फिल्मों को डेब्यू करने वाले फिल्मी सितारों के बच्चों का परिणाम सकारात्मक रहा है. फिल्म 'फूल और कांटे' से लेकर 'हीरोपंती' तक, इन फिल्मों में अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ जैसे नवोदित कलाकारों को अनोखे स्टंट को देखकर हर कोई हैरान रह गया था. लेकिन रिनजिंग डेन्जोंगपा की बॉडी और लैंग्वेज दोनों में वो बात नहीं है.
रिनजिंग डेन्जोंगपा के अलावा बाकी कलाकारों मालविका राज, पूजा बत्रा और मोहन कपूर ने भी औसत दर्जे का काम किया है. इतना ही नहीं वेब सीरीज का म्युजिक भी इसमें ठूसा हुआ सा लगता है. हां, एक चीज अच्छी लगी है, वो है शूटिंग के लिए चुने गए लोकेशन. खासकर इसमें जॉर्जिया और लातविया जैसे कुछ दिलचस्प स्थानों को बहुत खूबसूरती से स्क्रीन पर दिखाया गया है. कुल मिलाकर, वेब सीरीज 'स्क्वॉड' अच्छी हो सकती थी, लेकिन नीलेश जहीदा सहाय ने एक साथ कई सारी जिम्मेदारियों को लेने के चक्कर में किसी के साथ न्याय नहीं किया है. वो वेब सीरीज में निर्माता, निर्देशक, लेखक और एक्श डायरेक्टर की भूमिका में है. इसी से समझा जा सकता है कि समस्या की जड़ कहां है. बेहतर होता कि नीलेश किसी भी एक जिम्मेदारी के बखूबी निभाते तो बेहतर वेब सीरीज बना पाए होते. इसे देखना जरूरी नहीं है.

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