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Updated: 20 अक्टूबर, 2020 09:36 PM
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कई बार ऐसा होता है कि हम भावों में बहकर किसी ऐसे मुद्दे को पकड़ लेते हैं जिसका हमसे कोई वास्ता नहीं होता लेकिन उसकी भारी कीमत हमें बाद में चुकानी पड़ती है. ऐसी स्थिति में मामला किस हद तक पेचीदा हो जाता है उसे समझने के लिए हमें कहीं बहुत दूर जाने की ज़रूरत नहीं है. हम साउथ की फ़िल्म इंडस्ट्री का रुख कर सकते हैं और दक्षिण के सुपर स्टार विजय सेतुपति (Vijay Setupati Biopic) की हालत देखकर इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि तब क्या होता है जब कोई पड़ी लकड़ी उठाता है. सुपरस्टार विजय सेतुपति सुर्खियों में हैं. कारण बनी है एक ऐसी बायोपिक जिसमें वो श्रीलंकाई क्रिकेटर मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) का रोल करने वाले थे. दरअसल सेतुपति मुरलीधरन की बायोपिक '800' में दिखाई देने वाले थे. ये बात कुछ लोगों को बुरी लगी और उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया. विवाद बढ़ा तो लोगों ने अपनी सीमाओं को लांघ दिया और सेतुपति की बेटी के साथ बलात्कार (Rape Threats) की बातें करनी शुरू कर दीं.

Muttiah Muralitharan, Biopic, Tamilnadu, Vijay Setupati, Cinemaमुरलीधरन पर बन रही फिल्म मद्देनजर विजय सेतुपति ने खुद मुसीबत मोल ली है

भले ही एक वर्ग सेतुपति के विरोध में सीमाओं को लांघ गया हो मगर उनके समर्थन में आने वालों की भी कोई कमी नहीं थी. मामले के बाद विजय सेतुपति के समर्थन में आवाज उठाई जा रही है और आरोपी के खिलाफ उचित एक्शन लिए जाने की मांग तेज हो गयी है.

बात वाक़ई गंभीर थी इसलिए इसका संज्ञान राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी लिया है. आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा है कि महिलाओं के प्रति अपराध में बढ़ोतरी हो रही है, हम इस तरह के केस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और पुलिस दोनों के सामने उठा रहे हैं. 

मामले के मद्देनजर डीएमके सांसद कनिमोझी खुल कर विजय सेतुपति के समर्थन में आई हैं. कनिमोझी ने ट्रोल्स की आलोचना की है और ट्वीट करिये हुए कहा है कि कायर सिर्फ महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ लड़ते हैं. एक्टर विजय सेतपति की बेटी को धमकी देना शर्मनाक है. महिलाओं और बच्चियों को ट्रोल करने पर सजा होनी चाहिए.

बता दें कि ये पूरा विवाद मुरलीधरन की बायोपिक फिल्म 800 को लेकर हो रहा है. विजय सेतुपति इसमें मुरलीधरन का किरदार निभा रहे थे, लेकिन विवाद के बाद उन्होंने खुद को इस प्रोजेक्ट से अलग कर लिया है. आलोचनाओं और विवाद का हवाला देते हुए खुद मुरलीधरन ने सेतुपति से रोल न करने के लिए भी कहा था.

 

ज्ञात हो कि हाल ही में फिल्म का पहले टीजर लुक जारी किया गया था, जिसके बाद फिल्म ने सुर्खियां बटोरीं। खुद फिल्म के एक्टर विजय सेतुपति ने मुथैया मुरलीधरन के एक बयान को शेयर किया था, जिसमें उन्होंने अभिनेता से इस प्रोजेक्ट से बाहर होने की रिक्वेस्ट की थी. क्योंकि वे किसी भी अभिनेता का करियर खराब नहीं करना चाहते.

क्यों मुरलीधरन से नाराज हैं लोग क्यों घेरे जा रहे हैं सेतुपति 

बात काफी पहले की है तब उस दौर में श्रीलंका सिविल वॉर का सामना कर रहा था. तब मुथैया मुरलीधरन ने श्रीलंका की सरकार का पक्ष लिया था और सरकार का समर्थन करते हुए तमिल आतंकवादी संगठन एलटीटीई का विरोध किया था. मुरलीधरन के उस स्टैंड के बाद तमिलों का एक बड़ा वर्ग उनसे नाराज हो गया था और यही इस पूरे विवाद की वजह है और इसी को लेकर सेतुपति को घेरा जा रहा है. मुरलीधरन के LTTE विरोधी बयानों को आधार बनाकर तमिल फिल्म इंडस्ट्री में मुरलीधरन की बायॉपिक के खिलाफ माहौल बनाया गया है.

फिल्म पर चल रहे विवाद पर मुथैया मुरलीधरन ने चुप्पी तोड़ी है और बयान जारी किया है. मुरलीधरन ने कहा है कि, ‘जब फिल्म निर्माता ने मुझसे संपर्क किया, तो मैं इसके लिए तैयार नहीं था. फिर मैंने सोचा कि फिल्म मेरे परिजनों के संघर्ष, मेरे कोच के योगदान और मेरे जिंदगी के साथ जुड़े लोगों पर प्रकाश डालेगी. मेरे परिवार ने एक चाय के बागान से अपनी जिंदगी शुरू की थी. 30 साल के गृहयुद्ध का श्रीलंका में इस इलाके में रहने वाले तमिलों पर बहुत असर पड़ा. फिल्म '800' दर्शाती है कि मैंने इन परेशानियों को कैसे पार पाते हुए क्रिकेट में सफलता पाई.'

साथ ही उन्होंने ये भी लिखा कि ‘मेरी फिल्म को लेकर तमिलनाडु में जो विवाद हो रहा है उससे मैं दुखी हूं. मेरे बयानों का गलत अर्थ निकाला गया. मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से किसी बेहतरीन अभिनेता का करियर प्रभावित हो. इसलिए मैंने विजय सेतुपति से फिल्म छोड़ने का अनुरोध किया. मैंने अपने जीवन में हर बाधा को पार किया है और कभी हार नहीं मानी. इस बाधा को भी मैं पार कर लूंगा. फिल्म निर्माता ने मुझसे कहा है कि वो फिल्म के बारे में जल्द घोषणा करेंगे’.

बहरहाल अब जबकि सेतुपति फिल्म छोड़ चुके हैं. सवाल वही है कि आखिर हमारा समाज किस दिशा में जा रहा है. पसंद नापसंद अपनी जगह है लेकिन अगर सिर्फ एक फिल्म के कारण कोई किसी बच्ची के बलात्कार की बात करे तो ये कई मायनों में शर्मनाक है. जवाब जनता दे कि जो सेतुपति के साथ हुआ वो कितना सही है और कितना गलत? और यदि जनता सेतुपति के साथ है तो वो ये जरूर बताए कि ऐसे  दोषियों के लिए क्या सजा होनी चाहिए.

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