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Updated: 26 अप्रिल, 2022 06:28 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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साउथ सिनेमा के सुपरस्टार सूर्या की तमिल फिल्म 'सूरारई पोट्रू' का हिंदी रीमेक बनाया जा रहा है. इस बॉलीवुड फिल्म में अभिनेता अक्षय कुमार और राधिका मदान लीड रोल में नजर आने वाले हैं. तमिल फिल्म 'सूरारई पोट्रू' का हिंदी डब वर्जन पहले से ही टीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर मौजूद है. इसे लोगों ने खूब देखा भी है. फिल्म की IMDb रेटिंग 9.1/10 है, जिससे फिल्म की लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि इस फिल्म का हिंदी रीमेक क्यों बनाया जा रहा है? आखिर बॉलीवुड साउथ की फिल्मों की हिंदी रीमेक का मोह क्यों नहीं छोड़ पा रहा है? आने वाले समय में भी बड़ी संख्या में रीमेक फिल्में रिलीज होने वाली है. इनका क्या अंजाम होगा, आइए इसे समझते हैं.

साउथ सिनेमा की सुपरहिट फिल्मों के हिंदी रीमेक बनाने के पीछे सबसे बड़ी वजह इन फिल्मों की अपनी मूल भाषा में मिली जबरदस्त सफलता और रोचक कहानी है. ऐसे में बॉलीवुड के फिल्म मेकर्स को बिना अधिक मेहनत किए, एक ऐसी कहानी मिल जाती है, जिसकी सफलता की गारंटी अधिक होती है. चूंकि इन फिल्मों में साउथ सिनेमा के बड़े सुपरस्टार काम कर चुके होते हैं, इसलिए बॉलीवुड के बड़े कलाकार भी इसमें अभिनय करने के लिए तुरंत हामी भर देते हैं. वरना पहले एक दिलचस्प कहानी को सर्च करना, फिर उसकी पटकथा पर काम करना, उसके बाद मनमाफिक कलाकारों का चयन करना, मेकर्स के लिए एक बड़ी चुनौती होती है. उदाहरण के लिए तमिल फिल्म 'सूरारई पोट्रू' को ही ले लीजिए.

ak_650_042522100929.jpgसुपरस्टार सूर्या की तमिल फिल्म 'सूरारई पोट्रू' का हिंदी रीमेक बन रहा है, जिसका नाम अभी फाइनल नहीं है.

साल 2020 में रिलीज हुई फिल्म 'सूरारई पोट्रू' सिम्पलीफ्लाई डेक्कन (एयर डेक्कन) के संस्थापक जीआर गोपीनाथ की कहानी से प्रेरित है. इस फिल्म को सिनेमाघरों में रिलीज किया जाना था, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन ने मेकर्स की योजना पर पानी फेर दिया. फाइनली फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर तमिल के साथ हिंदी, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ में रिलीज किया गया. फिल्म की स्ट्रीमिंग के बाद इसे जबरदस्त रिस्पांस मिला. देखते ही देखते फिल्म साल 2020 की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली फिल्म बन गई. इसे ओटीटी पर 10 करोड़ से ज्यादा व्यूज मिले. अभी तक सिनेमाघरों में सबसे ज्यादा लोगों द्वारा देखी जानी फिल्म 'बाहुबली 2' है, जिसे 5.2 करोड़ लोगों ने देखा है. ऐसे में 'सूरारई पोट्रू' के व्यूज से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये फिल्म यदि पैन इंडिया रिलीज हुई होती, तो 'आरआरआर' और 'केजीएफ' की तरह कमाई की होती.

फिल्म की कहानी एक ऐसे युवा की है, जो खुद की एयरलाइंस कंपनी खोलने का सपना देखता है, जिसमें वो गरीब लोगों को भी हवाई जहाज की यात्रा करा सके. अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उसके द्वारा जो कोशिश की जाती है, उसकी जिंदगी में जो उतार-चढ़ाव आता है, इस फिल्म में दिखाया गया है. फिल्म की कहानी और सूर्या जैसे सुपरस्टार की बेहतरीन अदाकारी की वजह से इसे लोकप्रियता मिली है. अब इसी लोकप्रियता को बॉलीवुड भुनाने की तैयारी कर रहा है. चूंकि फिल्म ओटीटी पर ही स्ट्रीम हुई है, ऐसे में इसे बड़े पर्दे पर देखने का मजा अलग ही होगा. ये बात बॉलीवुड के मेकर्स समझते हैं, क्योंकि अभी तक साउथ की जितनी फिल्मों की रीमेक बनी हैं, उनमें ज्यादातर सुपरहिट रही हैं.

वैसे बॉलीवुड में रीमेक फिल्मों का चलन नया नहीं है. बहुत पहले से ही रीमेक फिल्में बनती रही हैं. इसमें बॉलीवुड के बड़े सितारों ने काम किया है. जंपिंग जैक के नाम से मशहूर जितेंद्र ने ही अकेले करीब 50 से ज्यादा रीमेक फिल्मों में काम किया. आधिकारिक रीमेक को छोड़ दिया जाए तो कई दर्जन फ़िल्में हैं जिन्हें हॉलीवुड और साउथ की नकल करके बनाया गया. जिन फिल्मों की नकल बेहतर नहीं थी, चोरी पकड़ी गई और बॉलीवुड के नामचीन निर्देशकों की किरकिरी हुई. संजय गुप्ता ने तो साल 2003 में आई 'ओल्ड बॉय' को देखकर हिंदी में जिंदा बना दिया. मगर अवैध नकल की वजह से उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. ये सच्चाई है कि हिंदी में ज्यादातर रीमेक फिल्में खूब पॉपुलर हुई हैं.

बॉलीवुड में हर वर्ष औसत 200 फिल्में रिलीज होती हैं, जिसमें 40 फीसदी रीमेक होती हैं. 100 करोड़ के क्लब में शामिल होने वाली 80 फीसदी फिल्में या तो साउथ की पैन इंडिया होती हैं या फिर साउथ की किसी फिल्म की रीमेक होती हैं. सलमान खान और अजय देवगन की तो ज्यादातर फिल्में रीमेक हैं. सलमान खान की 'बॉडीगार्ड' (2011) साउथ की फिल्म 'बॉडीगार्ड' (2010), 'वांटेड' (2009) तेलुगू फिल्म 'पोकरी' (2006), जय हो (2014) तेलुगू फिल्म स्टालिन (2006) का हिंदी रीमेक है. इसी तरह अजय देवगन की फिल्म 'दृश्यम' (2015) इसी नाम से मलयालम फिल्म है. अक्षय कुमार की ब्लॉकबस्टर फिल्म राउडी राठौर (2012) तेलुगू फिल्म विक्रमारकुडू (2011) का हिंदी रीमेक है.

बॉलीवुड में इस समय भी कई रीमेक फिल्मों पर काम चल रहा है. सूर्या की तमिल फिल्म 'सूरारई पोट्रू' में अक्षय कुमार तो काम कर रही रहे हैं. सलमान भी थलपति विजय की फिल्म मास्टर से काफी प्रभावित हैं और उसे हिंदी में बनाना चाहते हैं. टाइगर श्राफ रैम्बो की रीमेक में, दीपिका पादुकोण द इंटर्न की रीमेक में काम करना चाहती हैं. आमिर खान हॉलीवुड फिल्म 'फॉरेस्ट गंप' पर लाल सिंह चड्ढा बना चुके हैं. फिल्म 25 मार्च रिलीज होने वाली थी, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर क्लैश टालने के लिए रिलीज डेट आगे बढ़ा दी गई है. इसी तरह दृश्यम 2, सिंघम 3, यू टर्न, विक्रम वेधा, कैथी को हिंदी में बनाने की घोषणा हो चुकी है. इन फिल्मों में भी बॉलीवुड के बड़े सितारे काम करते नजर आएंगे.

पैन इंडिया फिल्मों के इस दौर में आखिर रीमेक फिल्म बनाने की जरूरत क्या है? बॉलीवुड के लोग इस बात कब स्वीकार करेंगे कि दर्शकों का फिल्म देखने का मिजाज और स्वाद अब पूरी तरह से बदल चुका है. अब सेट फार्मूले के तहत फिल्में बनाकर सफलता हासिल नहीं हो सकती. न ही रीमेक और बायोपिक फिल्में पहले की तरह बॉक्स ऑफिस पर सफलता हासिल कर सकती हैं. साउथ के फिल्म मेकर्स होशियार हो चुके हैं. उन्हें समझ में आ चुका है कि पैन इंडिया फिल्में रिलीज करने से कमाई कई गुना बढ़ जाती है. इसलिए अब ज्यादातर फिल्में हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ भाषा में बनाकर रिलीज कर रहे हैं, जबकि बॉलीवुड अभी भी बिना मेहनत कमाई का फार्मूला खोजने में लगा हुआ है.

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लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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