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Updated: 09 मई, 2023 10:06 PM
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फिल्म 'बैंडिट क्वीन' से बॉलीवुड डेब्यू करने वाले बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी ने वेब सीरीज 'द फैमिली मैन' से अपना डिजिटल डेब्यू किया था. इसके बाद से वो ओटीटी के सुपरस्टार बन गए हैं. नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम वीडियो से लेकर जी4, सोनी लिव तक, हर ओटीटी प्लेटफॉर्म पर उनकी फिल्मों या वेब सीरीज को देखा जा सकता है. 'साइलेंस', 'डायल 100' और 'गुलमोहर' जैसी बेहतरीन फिल्में करने के बाद एक बार फिर वो जी5 पर एक नई फिल्म लेकर आ रहे हैं. उनकी फिल्म 'सिर्फ एक बंदा काफी है' 23 मई से स्ट्रीम होने जा रही है. इस फिल्म जबरदस्त ट्रेलर रिलीज किया गया है. इसकी कहानी रेप केस में जेल की सजा काट रहे कथित संत आसाराम बापू के करतूतों पर आधारित है.

अपूर्व सिंह कार्की द्वारा निर्देशित सच्ची घटनाओं से प्रेरित इस पॉवर पैक कोर्ट रूम ड्रामा की पटकथा और संवाद दीपक किंगरानी ने लिखी है. इस फिल्म में मनोज बाजपेयी ने पूनम चंद सोलंकी नामक एक वकील की भूमिका निभाई हैं. जो 16 साल की एक पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए दिन-रात एक कर देता है. उसके सामने एक बड़ी ताकत होती है, लेकिन वो अकेले उन सभी से लोहा लेता है. उसे अपने पर यकीन पर होता है, जिसके भरोसे वो कानूनी जंग जीतने में कामयाब रहता है. इस दौरान उस पर जानलेवा हमला किया जाता है. उसके परिवार को परेशान किया जाता है. पीड़िता पर एसिड अटैक होता है. लेकिन दोनों अपनी हिम्मत को नहीं हारते. इसलिए इसका टाइल है, 'सिर्फ एक बंदा काफी है'.

650x400_050823112042.jpgफिल्म 'सिर्फ एक बंदा काफी है' 23 मई से स्ट्रीम होने जा रही है.

अभिनेता मनोज बाजपेयी ने फिल्म का ट्रेलर सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा है, ''एक ऑर्डिनरी मैन, एक गॉडमैन और एक एक्सट्रा ऑर्डिनरी केस. जिस ट्रायल ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींच लिया था, उसका गवाह बनिए. फिल्म 23 मई को जी5 पर स्ट्रीम की जा रही है.'' फिल्म 'सिर्फ एक बंदा काफी है' के 2 मिनट 14 सेकेंड के ट्रेलर की शुरूआत अभिनेता मनोज बाजपेयी के किरदार पूनम चंद सोलंकी के परिचय के साथ होती है. कोर्ट में जज के सामने सोलंकी कहते हैं, ''मैंने अपने जीवनकाल में बहुत सारे केसेज देखे, बहुतों को अपनी गवाही से पलटते हुए भी देखा, इसलिए लड़ाई बड़ी लंबी चलने वाली है हुकुम.'' इसके साथ पीड़िता, उसके परिवार और वकील की तैयारी दिखाई जाती है.

पीड़िता कोर्ट में रुधे गले से कहती है, ''मेरा नाम नूर सिंह है. मेरी उम्र 16 वर्ष है. उसने मेरे प्राइवेट पार्ट पर टच किया, जो मुझे बहुत बुरा लगा.'' इसके बाद गॉड मैन या कथित संत की आवाज गूंजती है. वो हंसते हुए कहता है, ''एक बार जेल जाऊंगा, तो क्या हो जाएगा.'' उसके भक्तों के नारों के बीच पुलिस उसे पकड़कर ले जाती हुई दिखाई देती है. उसके चेहरे पर डर साफ देखा जा सकता है. कोर्ट में उसकी पेशी होती है. वकील सोलंकी कहते हैं, ''सुप्रीम कोर्ट कई बार ये जजमेंट दे चुका है कि पीड़िता का बयान रेप केस में एक मात्र पुख्ता सबूत है. यदि वो कोर्ट को यकीन दिलाने में कामयाब हो जाती है कि वो जो बोल रही है, वो सही बोल रही है.'' इसके बाद इच्छाशक्ति और शक्ति के बीच जंग दिखाई जाती है.

फिल्म 'सिर्फ एक बंदा काफी है' का ट्रेलर देखने के बाद साफ हो जाता है कि इसकी कहानी रेप केस में जेल की सजा काट रहे स्वयंभू संत आसाराम बापू की करतूतों से प्रेरित है. इसमें गॉडमैन का लुक, बॉडी लैग्वेंज और आवाज आसाराम से मिल रही है. फिल्म में दावा भी किया जा रहा है कि इसकी कहानी सच्ची घटनाओं पर आधारित है. इस तरह राम रहीम के बाद आसाराम की करतूतों को रूपहले पर्दे पर दिखाने की तैयारी हो चुकी है. बस 23 मई का इंतजार है, जिस फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम होगी. इसमें वकील के किरदार में मनोज बाजपेयी को देखना दिलचस्प होगा. उनको अभी तक ज्यादातर फिल्मों और वेब सीरीज में पुलिस और इंटेलीजेंस अफसर के किरदार में देखा गया है.

फिल्म के बारे में मनोज बाजपेयी का कहना है, ''इस फिल्म में पूनम चंद सोलंकी का किरदार करना मेरे लिए बहुत ही बेहतरीन अनुभव रहा है. क्योंकि ये किरदार तमाम तरह की विपरीत परिस्थितियों में सच्चाई और इंसाफ की लड़ाई लड़ता है. मुझे आशा है कि इंसाफ की ये लड़ाई दर्शकों को पसंद आएगी. उन्हें प्रेरित करेगी. सच की इस जीत की उन्हें गवाह बनाएगी. इसके साथ ही फिल्म सिर्फ एक बंदा काफी है आपको सिर्फ मनोरंजन या जानकारी ही नहीं देगी बल्कि इस फिल्म के जरिए आप जीवन की एक बड़ी सीख सीखेंगे कि कैसे एक आम आदमी पूरे सिस्टम के खिलाफ खड़ा हो गया था. मेरा मानना है कि सिनेमा हमको बताता है कि कैसे हमको जीना चाहिए और किन लोगों के लिए हमको जीना चाहिए.''

फिल्म के निर्देशक अपूर्व सिंह कार्की का कहना है, ''ये फिल्म मेरे दिल के बहुत करीब है, क्योंकि इसके जरिए मैं अपना डायरेक्टोरियल डेब्यू कर रहा हूं. मैं बहुत खुश हूं कि इसमें मनोज बाजयेपी जैसे बड़े अभिनेता लीड रोल कर रहे हैं. उनके साथ मुझे काम करने का मौका मिला है. मुझे लगता है कि ये मनोज सर का अब तक सबसे बेहतरीन अभिनय प्रदर्शन है. एक साधारण इंसान के किरदार में उनकी असाधारण लड़ाई की ये कहानी लंबे समय तक लोग याद रखेंगे. सुपर्ण सर और विनोद सर का शुक्रिया करना चाहूंगा कि उन्होंने मुझ पर भरोसा जताया और इस बेहतरीन फिल्म को निर्देशित करने का मौका दिया है. मुझ से अब इंतजार नहीं हो रहा है. मैं फिल्म पर दर्शकों की प्रतिक्रिया देखने के लिए बेकरार हूं.''

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