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Updated: 02 जुलाई, 2020 07:32 PM
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क्या सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर राजनीति शुरू हो गई है? लग तो यही रहा है. पहले शिवसेना सांसद संजय राउत का पार्टी मुखपत्र सामना में लेख और फिर अभिनेता से नेता बने शेखर सुमन का राष्ट्रीय जनता दल के बैनर तले पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सुशांत की खुदकुशी पर खूब बयानबाजी. सुशांत सिंह राजपूत की खुदकुशी के बाद जिस तरह से फिल्म इंडस्ट्री और अन्य क्षेत्र के लोगों ने बॉलीवुड में गैंगबाजी और नेपोटिज्म के साथ ही इनसाइडर-आउटसाइर की बात उठाई, उनमें शेखर सुमन भी थे. शेखर सुमन बिहार से हैं और उन्होंने अलग-अलग मीडिया चैनल से बातचीत में साफ तौर पर कबूल किया कि बिहारी होने के नाते वह सुशांत सिंह राजपूत की मौत से काफी दुखी हैं. सुशांत सिंह ने जिस परिस्थिति में यह कदम उठाया, उसे लेकर भी शेखर सुमन लगातार सवाल उठा रहे हैं और इसे साजिश करार देते हुए कह रहे हैं कि इस खुदकुशी के पीछे कई वजहें हो सकती हैं.

सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने सोशल मीडिया से लेकर लोगों के जेहन में भी सैकड़ों सवाल भर दिए हैं. जब सबकुछ ठीक था और सुशांत करियर में लगातार ऊंचाई हासिल कर रहे थे तो आखिर क्या वजह थी जो उन्हें अंदर ही अंदर खाये जा रही थी या किन कारणों से वह डिप्रेशन में थे. बीते 3 हफ्तों से सोशल मीडिया पर ये मांग उठ रही है कि सुशांत की मौत की जांच सीबीआई के द्वारा कराई जाए और जल्द से जल्द सुशांत की फैमिली को इंसाफ मिले. सुशांत सिंह मौत मामले की पुलिस जांच कर रही है और महाराष्ट्र के गृह मंत्री के आदेश के बाद मामले की और सख्ती से जांच हो रही है. इस मामले में अब तक करीब 30 लोगों से पूछताछ हो चुकी है, जिनमें सुशांत के करीबी, उनके को-स्टार के साथ ही यशराज प्रोडक्शन की कास्टिंग डायरेक्टर शानु शर्मा भी हैं.

प्रेस कॉन्फ्रेंस किसी नेता के घर क्यों?

लेकिन इस बीच सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि शेखर सुमन आखिर क्या चाहते हैं? क्या यह एक बिहारी द्वारा एक और बिहारी को न्याय दिलाने का ही मामला है या इसके बहाने शेखर सुमन अपना राजनीतिक हित साधने की कोशिश में हैं? दरअसल, बीते मंगलवार को शेखर सुमन और दिवंगत सुशांत के करीबी दोस्त संदीप सिंह पटना पहुंचे और उन्होंने सुशांत के पिता और बाकी फैमिली से मिलकर शोक संवेदनाएं जाहिर कीं. इसके बाद शेखर सुमन और संदीप सिंह राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के घर पहुंचे. वहां शेखर सुमन ने आरजेडी के बैनर तले प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और सुशांत सिंह की मौत मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि जिन परिस्थितियों में सुशांत की खुदकुशी की खबर आई है, वह विश्वास करने योग्य नहीं है. इस मामले में हर एंगल की जांच होनी चाहिए.

RJD से जुड़े शेखर सुमन?

शेखर सुमन ने कहा कि सुशांत के गले पर निशान, छत की ऊंचाई, उनका सुसाइड नोट न छोड़ना और कुछ ही महीनों के दौरान 50 सिम कार्ड बदलने की घटना सामान्य नहीं है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शायद कोई सुशांत को परेशान कर रहा था. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शेखर सुमन ने जिस तरह की बातें कीं, इससे यही पता चलता है कि वह कहना चाहते हैं कि किसी ने सुशांत की हत्या की है. सबसे दिलचस्प बात ये भी सुर्खियों में है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद शेखर सुमन के राजद जॉइन करने की खबर आ रही है. हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है. हालांकि, शेखर सुमन पहले से राजनीति में रहे हैं. साल 2009 में वह कांग्रेस टिकट से पटना साहिब सीट पर शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन वह हार गए थे. बिहार में आरजेडी और कांग्रेस गठबंधन में है. दरअसल, बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में लोग तरह-तरह से पार्टियों और आम जनता को रिझाने की कोशिश करने लगे हैं.

सुशांत की फैमिली ने एतराज जताया

सुशांत सिंह राजपूत को लेकर शेखर सुमन ने चाहे भावावेश में या राजनीतिक फायदे के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस किया हो, पर इससे सुशांत के परिवार वाले खासे नाराज हैं. उनका कहना है कि शेखर सुमन और संदीप सिंह राजनीतिक फायदे के लिए उनके बेटे का नाम इस्तेमाल कर रहे हैं. सुशांत के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उन्हें इस प्रेस कॉन्फ्रेंस की जानकारी भी नहीं दी गई. दरअसल, सुशांत के एक कजिन भाई पुर्णिया से बीजेपी के विधायक हैं, ऐसे में सुशांत के परिजनों का कहना है कि हम सरकार से सीबीआई जांच की मांग के लिए पर्याप्त हैं, ऐसे में हमें किसी और दल के बैनर तले किसी के द्वारा इस तरह की मांग करने की जरूरत नहीं है. साथ ही सुशांत की फैमिली ने ये भी कहा है कि मुंबई पुलिस मामले की जांच कर रही है, ऐसे में किसी तरह की जल्दबाजी हमें नहीं है, अगर इस जांच के कोई निष्कर्ष नहीं निकलता है तो हम आगे की कार्रवाई पर विचार करेंगे.

उल्लेखनीय है, हो सकता है कि शेखर सुमन ने साफ मन से सुशांत सिंह को लेकर ये बातें कहीं हों, लेकिन जिस तरह उन्होंने एक पॉलिटिकल पार्टी के बैनर तले इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की है, इससे उनके मंसूबों पर सवाल उठने लगे हैं. क्या वाकई बिहार चुनाव में फायदा उठाने की कोशिश के तहत शेखर सुमन बॉलीवुड में आउटसाइडर्स से भेदभाव का मुद्दा उठा रहे हैं. इससे पहले तो कई ऐसे मौके आए, जब शेखर सुमन को आवाज उठाने की जरूरत थी, लेकिन वो चुप रहे. ऐसे में क्या वाकई अच्छे मन से शेखर सुमन ये सब कर रहे हैं, ऐसी उनकी कोशिशें सवालों के घेरे में आ गई हैं.

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