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Updated: 25 जुलाई, 2022 07:03 PM
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लगता है इस साल जुलाई का महीना बॉलीवुड के लिए बर्बादी वाला साबित होने जा रहा है. जुलाई में करीब-करीब आधा दर्जन से ज्यादा हिंदी की बड़ी-बड़ी फ़िल्में आईं मगर किसी एक ने भी दर्शकों को सिनेमाघर तक आने के लिए मजबूर नहीं किया. यशराज फिल्म्स की 'शमशेरा' से बहुत उम्मीदें थी. पहले दो दिन फिल्म का बिजनेस भयंकर हादसा साबित हुआ. शमशेरा की भयावह नाकामी के बाद मुंबई के निर्माताओं के बीच सुई पटक सन्नाटा है. जुलाई में अब फिल्म ट्रेड सर्किल की उम्मीदें बॉलीवुड की एक और बड़ी फिल्म जॉन अब्राहम-अर्जुन कपूर स्टारर 'एक विलेन रिटर्न्स' से हैं. सवाल है कि क्या 'एक विलेन रिटर्न्स' टिकट खिड़की पर जुलाई के सूखे को ख़त्म कर पाएगी. वह भी उस स्थिति में जब फिल्म की स्टारकास्ट पहले से ही बॉक्स ऑफिस पर संदिग्ध साबित हो चुकी है.

एक विलेन रिटर्न्स 29 जुलाई को रिलीज होगी. मोहित सूरी ने करीब आठ साल पहले सिद्धार्थ मल्होत्रा, श्रद्धा कपूर और रितेश देशमुख को लेकर प्यार और सनकपने से भरपूर रोमांटिक थ्रिलर ड्रामा 'एक विलेन' बनाई थी. मात्र 39 करोड़ के मध्यम बजट में बनी फिल्म ने दर्शकों का जबरदस्त मनोरंजन किया था. एक विलेन ने तब टिकट खिड़की पर करीब-करीब 170 करोड़ से ज्यादा का रिकॉर्डतोड़ बिजनेस किया था. फिल्म के हिट होने के तमाम कारण थे. एक तो सिद्धार्थ, श्रद्धा और रितेश देशमुख समेत लगभग सभी कलाकारों ने बहुत ही उम्दा अभिनय किया था, दूसरा फिल्म की कहानी और पटकथा बहुत चुस्त थी और तीसरा फिल्म के ख़ूबसूरत गानों ने भी दर्शकों को आकर्षित किया था. गलियां तो लोगों के जेहन में आज भी बैठा हुआ है.

लीगेसी का फायदा सीक्वल एक विलेन रिटर्न्स को मिल सकता है, बशर्ते इतिहास खुद को ना दोहराए

उस दौरान ट्रेड सर्किल में एक विलेन का बिज़नेस हैरान करने वाला था. क्योंकि किसी को उम्मीद ही नहीं थी कि सिद्धार्थ और रितेश जैसे लो प्रोफाइल सितारों की फिल्म के लिए सिनेमाघरों में दर्शक टूट पड़ेंगे. मगर जबरदस्त स्क्रिप्ट, बेजोड़ अभिनय और लाजवाब रोमांटिक गानों ने फिल्म के पक्ष में ऐसा वर्ड ऑफ़ माउथ बनाया कि सिद्धार्थ-रितेश के खाते में उनके करियर की सबसे बेहतरीन फिल्म दर्ज हो गई. एक विलेन आज भी पसंद की जाती है. अब अगर फिल्म के सीक्वल एक विलेन रिटर्न्स की बात की जाए तो कहीं ना कहीं, पहले पार्ट की लीगेसी फिल्म के साथ जुड़ती है और इससे एक पॉजिटिव माहौल तो तैयार ही होता है. अगर फिल्म की कहानी पहले पार्ट की तरह ही दमदार रही तो ट्रेलर से टिकट खिड़की पर मेकर्स के पक्ष में हवा बहने के संकेत मिल रहे हैं. जहां तक सीक्वल को लीगेसी का फायदा मिलने की बात है- दारोमदार कंटेंट की बुनावट पर ही आकर थम जाता है.

ek villain returnsएक विलेन रिटर्न्स में इस बार जॉन अब्राहम और अर्जुन कपूर नजर आएंगे.

उदाहरण के लिए पिछले कुछ महीनों में बॉलीवुड की हिट फ्रेंचाइजी पर बनी फ़िल्में देखने को मिलीं. इनमें हंगामा 2, बंटी और बबली 2, बधाई दो, सत्यमेव  जयते 2 और भूल भुलैया 2 जैसी फ़िल्में शामिल रहीं. इनमें से सिर्फ भूल भुलैया 2 को छोड़ दिया जाए तो बाकी फ़िल्में बुरी तरह से फ्लॉप मानी जा सकती है. भूल भुलैया 2 पहले पार्ट की तरह ही चुस्त दरुस्त और मनोरंजक थी. फिल्म सफल रही, लेकिन दूसरी फिल्मों का पहला पार्ट जबरदस्त तरीके से कामयाब भी रहा. मगर उनके सीक्वल वैसे नहीं बन पाए कि फ़िल्में लीगेसी का बेहतर फायदा उठा पाती. उलटे पहले पार्ट से तुलना में निंदा ही मिली. अगर एक विलेन रिटर्न्स का निर्माण पहले पार्ट वाली पिच पर ही हुआ होगा तो यह दर्शकों को सिनेमाघरों तक आने के लिए जरूर विवश कर सकता है.

क्या सिर्फ जॉन-अर्जुन के चेहरे से बिक पाएगी एक विलेन रिटर्न्स?

एक विलेन रिटर्न का ट्रेलर हाल ही में रिलीज हुआ था. ट्रेलर पहले पार्ट की तुलना में समय के साथ अपडेट नजर आया. इससे देखकर फिलहाल तो यही लगता है कि सीक्वल में भी रोमांस, थ्रिल और एक्शन की भरमार कम नहीं रहेगी. सुपरहिट गाने 'गलियां' को सीक्वल में भी इस्तेमाल किया गया है. सीक्वल की सबसे अच्छी बात यह है कि निर्देशन मोहित सूरी ही कर रहे हैं और उम्मीद की जानी चाहिए किए पहले पार्ट में उन्होंने जिस तरह से एक फ्रेश कंटेंट बनाने की कोशिश की थी दूसरे पार्ट में भी कामयाब हुए हों. हालांकि दूसरे पार्ट में उन्होंने स्टारकास्ट चेंज कर दी है और कहानी को भी नए सिरे से दिखाने की कोशिश नजर आती है. दूसरे पार्ट में जॉन अब्राहम, अर्जुन कपूर, तारा सुतारिया और दिशा पाटनी मुख्य भूमिकाओं में हैं. चूंकि फिल्म का सब्जेक्ट थ्रिलिंग है तो सीक्वल की जरूरत एक चुस्त पटकथा होगी जो दर्शकों को दो-ढाई घंटा तक बांध के रखे.

एक विलेन रिटर्न्स के लिए सबसे खराब बात मुख्य स्टारकास्ट का लगातार असफल होते रहना है. बॉलीवुड निर्माता अपनी फिल्मों को मेल स्टार्स के कंधों (आप स्टारडम समझ सकते हैं इसे) पर बेचने के दर्शन में यकीन करते हैं. यानी फ़िल्में सितारों के चेहरे के साथ बेंची जाती है. अब एक विलेन रिटर्न्स के बड़े चेहरों को देखें तो जॉन अब्राहम, अर्जुन कपूर फिलहाल टिकट खिड़की पर खुद संघर्ष कर रहे हैं. जबरदस्त फैन फॉलोइंग होने के बावजूद जॉन अब्राहम की पिछली दो फ़िल्में सत्यमेव जयते 2 और अटैक पार्ट 1 बहुत बुरी तरह फ्लॉप हुईं. जबकि अर्जुन को बॉक्स ऑफिस पर ठीकठाक सफलता रोमांटिक ड्रामा हाफ गर्लफ्रेंड से मिली थी जो पांच साल पहले 2017 में रिलीज हुई थी.

पिछले पांच साल में अर्जुन कपूर ने आधा दर्जन से ज्यादा फ़िल्में कीं लेकिन इसमें उनकी बॉक्स ऑफिस सक्सेस नहीं दिखती. ये जरूर है कि पिछले साल उनकी दो फ़िल्में संदीप और पिंकी फरार, भूत पुलिस ने चर्चा बटोरने में कामयाबी हासिल की. दोनों फ़िल्में सिनेमाघरों की बजाए ओटीटी पर रिलिज हुई थीं. ओटीटी पर किसी फिल्म को देखने के पीछे की वजहें अलग हैं. जबकि बॉक्स ऑफिस की कसौटी अलग है. ऐसे में अर्जुन कपूर का बॉक्स ऑफिस ट्रैक पिछली फिल्मों के लिहाज से बहुत अछा संकेत देता तो नजर नहीं आ रहा है. एक विलेन रिटर्न के दोनों लीड स्टार्स- जॉन और अर्जुन फिलहाल संघर्ष ही कर रहे हैं. जहां तक बात फिल्म की फीमेल लीड की है- दिशा पाटनी और तारा सुतारिया अपनी फिल्मों में ख़ूबसूरत गुड़िया से अलग नजर नहीं आतीं. ऐसे में दोनों से उम्मीद करना बेमानी होगा.

कुल मिलाकर एक विलेन रिटर्न्स की कामयाबी का सारा दारोमदार मोहित सूरी के निर्देशन पर ही है. मोहित सूरी ने खुद असीम अरोड़ा के साथ मिलकर कहानी पर काम किया है. कंटेंट अगर बढ़िया रहा तो मोहित सूरी में इतनी प्रतिभा दिखती है कि वे आठ साल बाद एक विलेन जैसा जादू फिर दोहरा दें और बॉलीवुड के लिए जुलाई को बर्बाद होने से बचा लें. वर्ना तो पिछले छह महीनों में यह इकलौता ऐसा महीना होगा जब बॉलीवुड से आई कोई एक भी हिंदी फिल्म बॉक्स ऑफिस के सामने दर्शकों को लाने में नाकाम रही है.

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