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Updated: 03 जुलाई, 2020 03:40 PM
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फिल्मों में जब आप माधुरी दीक्षित और दिवंगत श्रीदेवी को डांस करते वक्त तरह-तरह के एक्सप्रेशन देखते हैं तो आपकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता है और लबों से बरबस ये शब्द निकलते हैं कि अरे वाह! क्या कमाल के एक्सप्रेशन दिए हैं. आज उस डांस एक्सप्रेशन की सबसे बड़ी वजह ने दुनिया से रुखसत ले लिया. हम यहां बात कर रहे हैं भारत की सबसे पॉप्युलर और 50 साल से ज्यादा समय से बॉलीवुड में एक्टिव रहीं कोरियोग्राफर सरोज खान की. सरोज खान का एक डायलॉग सबसे ज्यादा फेमस है- डांस चेहरे पर दिखना चाहिए. सरोज खान की आज 3 जुलाई को मुंबई स्थित अस्पताल में कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई. सरोज खान 72 साल की थीं. आखिरी बार आपने उन्हें उनकी सबसे फेवरेट स्टूडेंट एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित को कलंक फिल्म के ‘तबाह हो गए’ गाने में कोरियोग्राफर के तौर पर देखा था. सरोज खान की फिल्म इंडस्ट्री में इतनी इज्जत थी कि लोग उन्हें गुरु मां और मास्टर जी कहकर बुलाते थे. सरोज खान की मौत के बाद माधुरी दीक्षित ने शोक जाहिर करते हुए कहा कि मैंने अपनी गुरु और सबसे अच्छी दोस्त को खो दिया. यह अकल्पनीय और बेहद दुखद है.

दुनिया कोरोना संकट से जूझ रही है और आए दिन हम सब किसी ने किसी अपने की खोने की खबर से डरे हुए हैं. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री यानी बॉलीवुड के लिए यह साल किसी सदमे की तरह है, जिसके उबर पाना बिल्कुल आसान नहीं. सबसे पहले इरफान खान, फिर ऋषि कपूर और उसके बाद सुशांत सिंह राजपूत की खुदकुशी के सदमे को लोग भूल नहीं पा रहे हैं और इस बीच सरोज खान की कार्डियक अरेस्ट की खबर ने फैंस के साथ ही फिल्म स्टार्स को भी झकझोर कर रख दिया है. सरोज खान काफी स्वस्थ थीं और उम्र के 72वें पड़ाव पर भी फिल्म इंडस्ट्री में काफी सक्रिय थीं. आज जब वह सबको अलविदा कह चुकी हैं तो दुनिया बॉलीवुड में उनके 40 साल से ज्यादा समय तक निभाए किरदारों को याद कर रही है.

क्लासिकल डांस को किसी ने सीरियसली लिया तो वह सरोज खान थीं

सरोज खान ने एक गुरु के रूप में बॉलीवुड को बड़े-बड़े कोरियाग्राफर दिए, जो आज ज्यादातर गानों में डांस डायरेक्टर के रूप में अपना जलवा बिखेर रहे हैं. सरोज खान को दुनिया एक स्ट्रिक्ट डांस टीचर के साथ ही डांस मुव्स को बेहद आसान बनाकर कलाकारों को उनपर थिरकने के लिए मजबूर कर देने वाली हंसमुख और प्यारी गुरु के रूप में जानती हैं, जो डांस के क्लासिकल फॉर्म्स को नए सांचे में ढाल फिल्मों में पेश करती हैं और उसे दुनिया देख वाह-वाह करती है. दरअसल, कोई भी एक्ट्रेस तभी हर रूप में परफेक्ट कहलाती है. जब वह अपनी अदाओं, नजाकत और भाव-भंगिमा के साथ ही अच्छा नृत्य भी करती है, क्योंकि उसे परदे पर खुद को ऐसे रूप में पेश करना होता है कि दर्शक उसे देख आनंद की अनुभूति करे. ऐसे में करीना कपूर से जुड़ा एक छोटा वाकया याद आता है. करीना ने एक कार्यक्रम में कहा था कि जब मैं एक्ट्रेस बनने का ख्वाब देख रही थी तो मेरी मां ने कहा कि अगर हीरोइन बनना चाहती हो तो सरोज जी के कोरियोग्राफ किए गाने ध्यान से देखो. माधुरी दीक्षित तो कई मौकों पर बोल चुकी हैं कि वह आज जो कुछ भी हैं तो सिर्फ और सिर्फ सरोज जी की वजह से. फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे हजारों लोग हैं जिन्हें सरोज खान ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रेरित किया.

श्रीदेवी और माधुरी की सफलता में सबसे ज्यादा योगदान

सरोज खान ऐसी शख्सियत थीं, जिन्होंने कई बॉलीवुड एक्ट्रेस को इंडस्ट्री में स्थापित होने में मदद की और इसमें सबसे खास हैं माधुरी दीक्षित और श्रीदेवी. सरोज खान का मानना था कि डांस एक ऐसा आर्ट है, जिसकी अभिव्यक्ति सबसे ज्यादा चेहरे से होती है, यानी एक्सप्रेशन. डांस करते वक्त चेहरे पर अगर तरह-तरह के भाव नहीं आए तो फिर दर्शकों पर जादू चल ही नहीं पाएगा. यह बात शत-प्रतिशत सही भी है, क्योंकि जिन एक्ट्रेसेज ने सरोज खान की इस सीख को आत्मसात किया, वह अपनी खुबसुरती और एक्टिंग से ज्यादा डांस स्किल और लाजवाब एक्सप्रेशन की मल्लिका के रूप में जानी जाती हैं.

फिल्म इंडस्ट्री में सरोज खान की दो शिष्या की सबसे ज्यादा चर्चा होती है और वो हैं- श्रीदेवी और माधुरी दीक्षित. सरोज खान ने अपनी कोरियोग्राफी से दोनों एक्ट्रेस के करियर को ऐसी ऊंचाई दी कि आज वर्षों बाद भी जब इनके गाने बजते हैं तो लोगों की निगाहें थम सी जाती हैं और एक समय के बाद लोग इन गानों पर झूमने के लिए मजबूर हो जाते हैं. आपको दिवंगत श्रीदेवी के कुछ मशहूर गाने याद हैं? अगर नहीं तो हम बताते हैं. मिस्टर इंडिया का गाना ‘हवा हवाई’ और ‘काटे नहीं कटते दिन ये रात’, नगीना फिल्म का ‘मैं तेरी दुश्मन दुश्मन तो मेरा’ और चांदनी फिल्म का ‘मेरे हाथों में नौ-नौ चूड़ियां हैं’ समेत श्रीदेवी के कई ऐसे गाने हैं, जिनमें उनके एक्सप्रेशन और डांस देख दुनियाभर की निगाहें थम जाती हैं और यह जादू करने वाली थीं- सरोज खान. यही नहीं, डांस क्वीन माधुरी दीक्षित ने जिन गानों को लेकर सबसे ज्यादा पॉप्युलैरिटी हासिल की, वे सारे गाने सरोज खान ने कोरियोग्राफ किए थे. चाहे खलनायक का ‘चोली के पीछे क्या है’ गाना हो, तेजाब का ‘एक दो तीन चार’, बेटा फिल्म का ‘धक धक करने लगा’, याराना का ‘मेरा पिया घर आया’ थानेदार का ‘तम्मा तम्मा’ गाना हो या देवदास का ‘डोला रे डोला’ गाना. ये सारे गाने माधुरी के लिए किसी ट्रेजरी की तरह है, जिसे देख उन्हें हौसला मिलता है.

करीना और ऐश्वर्या को स्टार बनाया

सरोज खान ने करीना कपूर की कई फिल्मों में कोरियाग्राफर की भूमिका निभाई थी, जिसमें एजेंट विनोद फिल्म का ‘दिल मेरा मु्क्त का’ गाना सबसे मशहूर हुआ था. करीना की फिल्म जब वी मेट के लिए सरोज खा को बेस्ट कोरियोग्राफी का नैशनल अवॉर्ड मिला था. इसके साथ ही उन्होंने करीना के साथ फिजा फिल्म में भी कोरियोग्राफी की थी. जिस तरह सरोज खान ने माधूरी दीक्षित के करियर को ऊंचाई दी थी, उसी तरह ऐश्वर्या राय की सफलता के पीछे भी सरोज खान का बड़ा हाथ है. ऐश्वर्या की पहली हिंदी फिल्म और प्यार हो गया से लेकर ताल, हम दिल दे चुके सनम, देवदास और गुरु फिल्म के गाने सरोज खान ने ही कोरियोग्राफ किए थे और इन सारी फिल्मों की सफलता के पीछे इसके गानों का बड़ा हाथ था. आज जब सरोज खान नहीं हैं तो उनके इन गानों को देख-सुन दुनिया उन्हें याद कर रही है.

महज 13 साल की उम्र में 30 साल बड़े गुरु सोहनलाल से शादी की थी

अपने फिल्मी करियर में कोरियोग्राफी के लिए 3 नैशनल अवॉर्ड और 8 फिल्मफेयर अवॉर्ड जीत चुकीं सरोज खान ने 2000 से ज्यादा गानों को कोरियोग्राफ किया था. मुंबई में 22 नवंबर 1948 को निर्मला नागपाल के रूप में पैदा हुईं सरोज खान ने अपनी दूसरी शादी के बाद धर्म बदल लिया था. चाइल्ड आर्टिंस्ट के रूप में करियर शुरू करने वालीं सरोज खान ने महज 13 साल की उम्र में खुद से 30 साल बड़े कोरियोग्राफर गुरु बी. सोहनलाल से शादी कर ली थी. बाद में जब उन्हें पता चला कि सोहनलाल तो 4 बच्चों के बाप हैं तो शादी के 4 साद बाद वर्ष 1965 में वह उनसे अलग हो गईं. इसके बाद वर्ष 1966 में सरोज ने सरदार रोशन खान से शादी की और इसी साल यानी 2020 में रोशन खान की भी मौत हो गई थी. पहले बैकग्राउंड डांसर और फिल्मों में मेनस्ट्रीम कोरियोग्राफर के तौर पर सरोज खान फिल्म इंडस्ट्री में करीब 50 वर्षों तर सक्रिय रहीं और इस दौरान उन्होंने लगभग सभी बड़े स्टार्स, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर्स के साथ काम किया. कोरियोग्राफर के साथ ही सरोज खान ने कई फिल्मों की कहानी भी लिखीं, जिनमें खिलाड़ी, हम हैं बेमिशाल, छोटे सरकार, दिल तेरा दीवाना, देवा, भाई-भाई, होते-होते प्यार हो गया, बेनाम और खंजर जैसी फिल्में थीं.

टीवी पर भी खेली लंबी पारी

फिल्मों में कोरियोग्राफी से इतर सरोज खान टीवी पर जज के रूप में भी कई शो से जुड़ी रहीं, जिनमें वूगी-वूगी, नच बलिए, झलक दिखला जा और नचले वे विद सरोज जैसे पॉप्युलर शो हैं. साल 2012 में फिल्म डिविजन ऑफ इंडिया ने The Saroj Khan Story नाम से एक डॉक्यूमेंट्री बनाई, जिनमें सरोज खान की जिंदगी की कहानी दुनिया को दिखाई गई. टीवी शो में सरोज खान एक सख्त गुरु के साथ ही हंसमुख और बेबाक शख्सियत के रूप में दिखती थीं, जिनकी रग-रग में डांस बसा था. हालांकि, समय के साथ दर्शकों के बदलते मिजाज में वह नहीं ढल पाईं, जिसकी वजह से उन्होंने नए कोरियोग्राफर के डांस स्टाइल की आलोचना भी की. लेकिन अगर क्लासिकल डांस को मॉडर्न अवतार में ढाल पर्दे पर कयामत करने की क्षमता किसी में थी तो वह एकमात्र सरोज खान थीं, जिनकी जादूगरी दुनिया अब नहीं देख पाएगी.

कास्टिंग काउट पर विवादित बयानों से चर्चा में रही थीं

सरोज खान कई मुद्दों पर काफी मुखर थीं, जिस वजह से कई विवादों से भी घिरीं. फिल्म इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच के मुद्दे पर एक बार उन्होंने इतना विवादित बयान दे दिया था कि बाद में उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी. दो साल पहले एक कार्यक्रम के दौरान जब उनसे कास्टिंग काउच के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने को कहा गया तो उन्होंने कहा- ये चला आ रहा है बाबा आजम के जमाने से. हर लड़की के ऊपर कोई न कोई हाथ साफ करने की कोशिश करता है. सरकार के लोग भी करते हैं. तुम फिल्म इंडस्ट्री के पीछे क्यों पड़े हो? वो कम से कम रोटी तो देती है, रेप करने के बाद छोड़ तो नहीं देती. सरोज खान के इस बयान के बाद काफी हंगामा मच गया था, जिसके बाद उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए कहा था कि वह कास्टिंग काउच के फेवर में नहीं हैं. सरोज खान और गणेश आचार्य के बीच प्रफेशनल राइवलरी की भी काफी चर्चा रही है. दोनों एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहते थे.

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