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Updated: 11 अगस्त, 2021 12:20 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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'मुझे लगता है कि आज मैं ज़िंदगी के जिस मुकाम पर हूं, वह मेरे इतने वर्षों की मेहनत, ज्ञान, अनुभव का फल है, जो अब मिल रहा है. आज मैं सबसे ज्यादा संतुष्ट और कंपलीट महसूस करता हूं'...सिनेमा को अपने सपनों में जीने वाले, हकीकत में उसे पूरी भव्यता के साथ रुपहले पर्दे पर पेश करने वाले, भारतीय सिनेमा की जान और पहचान संजय लीला भंसाली का ये कथन उनकी दूरदर्शिता के साथ गहरी सोच को प्रदर्शित करता है. 'देवदास', 'हम दिल दे चुके सनम', 'गोलियों की रासलीला-रामलीला', 'बाजीराव-मस्तानी', 'सांवरिया', 'पद्मावत' जैसी ब्लॉकबस्टर हिट फिल्में बना चुके संजय लीला भंसाली ने आज फिल्म इंडस्ट्री में 25 साल पूरे कर लिए हैं.

भारतीय सिने इतिहास में ऐसे कई फिल्म मेकर्स हुए जिन्होंने सैकड़ों फिल्मों का निर्माण किया, ऐसे कई फिल्म मेकर्स हुए जिन्होंने अपनी फिल्मों से जमकर बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया, लेकिन ऐसे बहुत कम फिल्मकार हैं, जिन्होंने अपनी फिल्मों के जरिए इतिहास लिखा, उन चुनिंदा लोगों में से संजय लीला भंसाली एक हैं. अपनी रचनात्मक सोच, संगीत की समझ, लेखन क्षमता, निर्देशन कौशल और फिल्म सेट की विशालता के लिए मशहूर संजय लीला भंसाली ने न केवल कालजयी फिल्में बनाईं, बल्कि बॉलीवुड को कई शानदार कलाकार भी दिए. दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह, ऐश्वर्या राय, रानी मुखर्जी और सलमान खान इंडस्ट्री को उनकी ही देन हैं.

650_081021072212.jpgभारत सरकार ने साल 2015 में संजय लीला भंसाली को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया था.

फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भंसाली को फिल्म मेकर विधु विनोद चोपड़ा के साथ काम करने का मौका मिला. विधु विनोद चोपड़ा के निर्देशन में बनी फिल्म 'परिंदा' जो कि साल 1989 में रिलीज हुई और फिल्म '1942 लव स्टोरी' जो कि साल 1994 में रिलीज हुई, में भंसाली सह निर्देशक थे. इन फिल्मों को बनाने के दौरान भंसाली ने फिल्म निर्माण की बारीकियों को अच्छे से समझा. इसके बाद साल 1996 में बतौर निर्देशक अपनी पहली फिल्म 'खामोशी' बनाई. इस फिल्म में सलमान खान और मनीषा कोइराला लीड रोल में थे. हालांकि ये फिल्म दर्शकों द्वारा उतनी पसंद नहीं की गई, लेकिन भंसाली के काम की तारीफ खूब की गई थी. इस फिल्म को फिल्मफेयर का बेस्ट क्रिटिक अवॉर्ड भी मिला था. इसके बाद साल 1999 में उन्होंने फिल्म 'हम दिल दे चुके सनम' बनाई.

फिल्म 'हम दिल दे चुके सनम' एक ट्रायंगल लव स्टोरी है, जिसमें सलमा1न खान, ऐश्वर्या राय और अजय देवगन मुख्य भूमिका में हैं. फिल्म ने बॉक्स ऑफस पर धमाका करते हुए कामयाबी के नए मुकामों को छुआ था. फिल्म को लोगों ने खूब पसंद किया था. इतना ही नहीं इस फिल्म ने चार राष्ट्रीय पुरस्कार और नौ फिल्मफेयर पुरस्कार अपने नाम भी किए थे. इनमें फिल्मफेयर बेस्ट फिल्म, क्रिटिक अवॉर्ड और बेस्ट डायरेक्टर शामिल है. इसके साथ ही फिल्म का प्रीमियर भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में किया गया था. इस फिल्म के बाद से ही संजय लीला भंसाली की नजर और नजरिया दोनों बदल गया. उन्होंने फिल्मों की भव्यता पर काम शुरू कर दिया.

अब इसे संजय लीला भंसाली की बड़ी सोच कहें या उनके सपनों की ऊंची उड़ान, उन्होंने जिस अगली फिल्म की योजना बनाई वो थी 'देवदास'. मशहूर बांग्ला उपन्यासकार शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास देवदास पर साल 1955 में भी फिल्म बन चुकी थी, जिसमें दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार, सुचित्रा सेन और वैजंतीमाला मुख्य भूमिका में थे. इसके बावजूद दोबारा देवदास बनाना किसी चुनौती से कम नहीं था. लेकिन भंसाली ने इसे स्वीकार किया और अपनी रचनात्मक सोच की बदौलत पूरी फिल्म का प्रस्तुतिकरण इतना भव्य कर दिया कि लोगों को पुरानी फिल्म ही भूल गई. बड़े-बड़े सेट, किरदारों की सुंदर पोशाक, उस दौर की रचनात्मक प्रस्तुती और सुंदर संगीत के साथ बेहतरीन नृत्य देखकर लोग वाह वाह कर उठे. बॉक्स ऑफिस पर पैसों की बरसात होने लगी. नेशनल और फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के ढेर लग गए.

संजय लीला भंसाली ने इसके बाद ब्लैक, सावरिया, गुज़ारिश, गोलियों की रासलीला राम-लीला, बाजीराव मस्तानी और पद्मावत जैसी फिल्मों का निर्देशन किया. इन सब फिल्मों के जरिए उन्होंने अलग-अलग तरह की प्रेम कहानियों को लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की है. लेकिन सबसे अजीब बात ये है कि रोमांटिक फिल्में बनाने वाले भंसाली की निजी जिंदगी में कोई भी ऐसा खास इंसान नहीं है, जो उनके दिल के करीब हो. वो काफी शांत स्वभाव के हैं और उनको अकेले रहना पसंद है. कहा जाता है कि फिल्म 'हम दिल दे चुके सनम' के निर्माण के दौरान कोरियोग्राफर वैभवी मर्चेंट से उनको प्यार हो गया था. इन दोनों का ये रिश्ता शादी तक भी पहुंच गया था. लेकिन किन्हीं कारणों से भंसाली और वैभवी की शादी नहीं हो पाई थी. पहले प्यार के मारे भंसाली की जिंदगी में वैभवी के बाद कोई भी दूसरी लड़की नहीं आई.

अपने सिंगल स्टेटस से संजय खुश रहते हैं. उनकी ज़िंदगी में कई रिश्ते बने लेकिन कोई परवान नहीं चढ़ा. वे खुद को नोमैडिक लोनर (अकेला बंजारा) मानते हैं और कहते हैं, 'मैंने खुद अपने लिए ये ज़िंदगी चुनी है और अब मैं किसी रिश्ते का बोझ उठाकर आगे नहीं बढ़ सकता. मैं मानता हूं कि एक इंसान की ज़िंदगी उसके आसपास की गतिविधियों से प्रभावित होती हैं. बचपन से मैंने रिश्तों से जूझते लोगों को देखा है. शायद इसी वजह से मैंने खुद को रिश्तों के भंवर से दूर रखा है.'

फिल्म इंडस्ट्री में संजय लीला भंसाली के योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने साल 2015 में उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया था. इसके अलावा चार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और 15 फिल्म फेयर पुरस्कार उनको मिल चुके हैं. भंसाली को राष्ट्रीय पुरस्कार उनके द्वारा बनाई गई फिल्म ‘देवदास’, ‘ब्लैक’, ‘मैरी कॉम’ और ‘बाजीराव मस्तानी’ के लिए दिए गए थे. बेहद शांत रहने वाले भंसाली को कई बार विवादों का भी सामना करना पड़ा. साल 2017 में फिल्म 'पद्मावत' और साल 2013 में फिल्म राम-लीला के लिए उनको लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था. हालांकि, बाद में इन फिल्मों के नाम में मामूली फेरबदल करने के बाद रिलीज किया गया था. भंसाली ने हालही में अपकमिंग फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी की शूटिंग पूरी की है. फिलहाल नेटफ्लिक्स के लिए वेब सीरीज हीरामंडी का निर्माण करने जा रहे हैं.

लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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