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Updated: 28 अगस्त, 2020 11:22 AM
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आलिया भट्ट, संजय दत्त, पूजा भट्ट, आदित्य रॉय कपूर अभिनीत और महेश भट्ट द्वारा निर्देशित फ़िल्म सड़क 2 का बड़ी बेसब्री से इंतजार था और ओटीटी प्लैटफॉर्म डिज्नी हॉटस्टार पर इंतजार की यह घड़ी खत्म हो गई है. भले आलिया भट्ट और महेश भट्ट की फ़िल्म सड़क 2 से फैंस नाराज हों, लेकिन 21 साल बाद निर्देशन में वापसी करने वाले महेश भट्ट की यह फ़िल्म खास तो जरूर है. चाहे स्टार कास्ट हो या 29 साल पहले आई फ़िल्म सड़क की सफलता दोहराने का जज्बा, सड़क 2 को देखने की कई वजहें हैं. इन सबसे बीच एक सवाल जो बार-बार उठ रहा है, वो ये है कि क्या आलिया भट्ट और संजय दत्त के साथ ही अन्य कई कलाकारों को लेकर बनाई सड़क 2 साल 1991 में आई फ़िल्म सड़क की सफलता दोहरा पाएगी. इस जवाब की तलाश में जब हम सड़क 2 को देखते हैं तो हमें नाकामी हाथ लगती है और फिर संजय दत्त, पूजा भट्ट और सदाशिव अमरापुरकर के अद्भुद महारानी किरदार के साथ ही कर्णप्रिय संगीत से लबरेज सड़क फ़िल्म के आगे साल 2020 की सड़क 2 गड्ढ़े और पंचर की तरह लगती है, जिसमें किरदार तो बहुत हैं, लेकिन न ही इसमें महारानी जैसा किरदार है और न ही मन को सुकून तक पहुंचाने वाला संगीत.

जब महेश भट्ट ने निर्देशन में वापसी की घोषणा करते हुए सड़क 2 बनाने की बात कही थी तो सबसे पहले फैंस के दिमाग में यही बात आई कि सड़क 2 में महारानी के किरदार जैसा कुछ होगा कि नहीं. दरअसल, महेश भट्ट ने अपनी फिल्म सड़क में महारानी के किरदार में सदाशिव अमरापुरकर को अमर कर दिया था और उनकी चर्चा हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में गब्बर सिंह, मोगैंबों, शाकाल और कांचा चीना जैसे विलेन के समतुल्य होती है. सड़क में ट्रांसजेंडर महारानी के रूप में सदाशिव ने कालजयी परफॉर्मेंस दिया था और आज भी लोग सड़क फ़िल्म को संजय दत्त और पूजा भट्ट से ज्यादा महारानी के किरदार से ज्यादा जानते हैं. सड़क 2 में महेश भट्ट ने मकरंद देशपांडे के बहाने महारानी जैसा जलवा दिखाने की कोशिश की है, लेकिन पर्दे पर मकरंद का वैसा जादू नहीं हो पाता और लोग महारानी से उनकी तुलना भी नहीं कर पाते. इसी वजह से सड़क 2 सड़क 2 के आगे फीकी लगती है. महेश भट्ट की सड़क 2 के साथ एक बात और नेगेटिव जाती है, वो है इसका म्यूजिक. फ़िल्म के गाने दिल तक नहीं पहुंच पाते और फिर हम नदीम श्रवण के जादुई सड़क एल्बम की कमी महसूस करते हैं, जहां कुमार सानु और अल्का यागनिक के साथ ही अन्य सिंगर्स की याद आती है.

‘महारानी’ का किरदार मिस करेंगे

सड़क 2 में वैसे तो अच्छे-अच्छे कलाकार हैं, लेकिन प्रमुख रूप से आर्या (आलिया भट्ट), रवि वर्मा (संजय दत्त) और स्वयंभू गुरु (मकरंद देशपांडे) को छोड़कर किसी कलाकार पर नजरें ज्यादा देर तक नहीं टिक पातीं. आलिया भट्ट के बॉयफ्रेंड विशाल के रूप में आदित्य कपूर बस सह कलाकार बनकर रह जाते हैं. वहीं आलिया के पिता के रूप में जीशू सेनगुप्ता समेत प्रियंका बोस, गुलशन ग्रोवर, मोहन कपूर, अक्षय आनंद और अन्य कलाकार बस फ़िल्म के हिस्से के रूप में दिखते रहते हैं और कभी उभरकर सामने आ नहीं पाते. जिस तरह सड़क 2 में दीपक तिजोरी ने गोटिया के रूप में हम किरदार निभाया था, सड़क 2 में गोटिया जैसे किरदार की कमी खलती है. आदित्य रॉय कपूर संजय दत्त के किरदार के आगे कभी उभरकर आ ही नहीं पाते. उसी तरह जब मकरंद देशपांडे दिखते हैं तो जेहन में सदाशिव अमरापुरकर का महारानी किरदार दिमाग में घूमने लगता है और फिर मकरंद पर नजरें नहीं टिक पातीं.

सड़क 2 में क्या है खास

सड़क 2 की कहानी वहां शुरू होती है, जहां 29 साल पहले आई सड़क की कहानी खत्म होती है. पत्नी पूजा वर्मा (पूजा भट्ट) की याद में रवि वर्मा (संजय दत्त) हताश-निराश किसी तरह विरह वेदना में जी रहा होता है. टैक्सी का धंधा भी छोड़ चुका होता है. ऐसे में एक दिन उसकी मुलाकात आर्या से होती है, जो उसे मनमाने पैसे देकर कैलाश पर्वत की ओर ले चलने का आग्रह करती है. आर्या के साथ उसका बॉयफ्रेंड विशाल भी होता है. कैलाश का यात्रा के दौरान रवि को पता चलता है कि आर्या एक मिशन के तहत कैलाश जा रही है. यह यात्रा प्यार, दर्द और बदले की भावना के साथ ही मोक्ष की भी है, जिसके हर पड़ाव पर नई चुनौतियां आती है और आर्या की जिंदगी में रवि मसीहा बनकर आता है. आर्या की जान के पीछे पड़े एक स्वयंभू गुरु (मकरंद देशपांडे) से रवि कैसे आर्या को बचाता है और फिर स्वंयभू गुरु का क्या होता है. साथ ही आर्या की लव लाइफ किस मोड़ पर आकर रुकती है, इसी कहानी को महेश भट्ट ने सड़क 2 की शक्ल दी है.

नेगेटिव कैंपेन से कहीं नुकसान न हो जाए

सुहरिता सेनगुप्ता के साथ महेश भट्ट ने सड़क 2 की कहानी ऐसी लिखी है, जिसमें संजय दत्त, आलिया भट्ट ही प्रमुख किरदार है, जो पर्दे पर अपने इमोशन से दर्शकों का मन बहलाते हैं. बाकी फ़िल्म के खूबसूरत लोकेशंस, मकरंद देशपांडे का लुक और संजय दत्त की आंखें ही ऐसी है, जिनसे आपको प्यार होगा. बाकी सड़क में ज्यादा खास कुछ नहीं है. उल्लेखनीय है कि सुशांत सिंह राजपूत मौत के बाद जिस तरह से महेश भट्ट और आलिया भट्ट कि खिलाफ नेगेटिव कैंपेन चल रहे हैं, उससे सड़क 2 को अच्छा खासा नुकसान हो रहा है. सड़क 2 ट्रेलर को जिस तरह से लोगों ने नकारा है और रिया से नजदीकी के कारण महेश भट्ट की फ़िल्म सड़क 2 के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं, इससे फ़िल्म को नुकसान होने की प्रबल आशंका है. हालांकि, ओटीटी प्लैटफॉर्म पर फ़िल्में रिलीज करने का फायदा ये है कि लोग भले आलोचना करें, लेकिन वो घर बैठे फ़िल्म जरूर देख लेते हैं. हालांकि, सुशांत सिंह राजपूत मौत की वजह से बड़े स्टार्स की फ़िल्मों के बहिष्कार का तर्क उतना सही नहीं लगता. अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में सड़क 2 लोगों की नजरों पर चढ़ती है या उतरती है.

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