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Updated: 12 अप्रिल, 2022 08:27 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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फिल्में जब से पैन इंडिया रिलीज होनी शुरू हुई हैं, उनकी कमाई में कई गुना इजाफा हुआ है. एक वक्त था जब फिल्मों की कमाई क्षेत्र आधारित थीं. हिंदी फिल्में केवल हिंदी भाषी राज्य के लोग देखते थे, तो तमिल-तेलुगू में बनी फिल्में केवल तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के लोग देखते थे. इस वजह से फिल्मों की कमाई सीमित होती थी. अब फिल्में पहले से ही पैन इंडिया ध्यान में रखकर बनाई जाती है. यहां तक की शूटिंग के वक्त ही अलग-अलग भाषाओं को ध्यान में रखकर शूट किया जाता है. इसकी वजह से फिल्में क्षेत्रीय सीमाओं को तोड़कर हर भाषा के लोगों के पास पहुंच रही हैं, जिसकी वजह से कमाई में तेजी बढ़ोतरी हो रही है. 'बाहुबली' फेम निर्देशक एसएस राजामौली की फिल्म 'आरआरआर' को ही देख लीजिए. इस फिल्म ने महज 18 दिनों में 1030 करोड़ रुपए की कमाई कर ली है. इस तरह ये 1000 करोड़ क्लब में पहुंचने वाली तीसरी भारतीय फिल्म भी बन गई है.

फिल्म 'आरआरआर' से पहले आमिर खान की फिल्म 'दंगल' और प्रभास की फिल्म 'बाहुबली-2' 1000 करोड़ क्लब में शामिल हुई थी. राम चरण तेजा, जूनियर एनटीआर, अजय देवगन और आलिया भट्‌ट स्टारर फिल्म 'आरआरआर' ने पहले हफ्ते में 709.36 करोड़ रुपए, दूसरे हफ्ते में 259.88 करोड़ रुपए और तीसरे हफ्ते के पहले दिन (शुक्रवार) 21.68 करोड़ रुपए, दूसरे दिन (शनिवार) 21.68 करोड़ रुपए, तीसरे दिन (रविवार) को 25 करोड़ रुपए कमाए थे. इस तरह फिल्म रिलीज के बाद 16वें दिन यानी तीसरे हफ्ते के पहले दिन ही 1000 करोड़ के क्लब में पहुंच गई थी. इसी तरह राजामौली की ही फिल्म 'बाहुबली-2' ने वर्ल्डवाइड 1780 करोड़ रुपए कमाए थे. इस फिल्म ने पहली बार इंडियन बॉक्स ऑफिस पर सबसे ज्यादा कलेक्शन किया था. वरना आमिर खान की फिल्म 'दंगल' ने भले ही 2112 करोड़ रुपए का कारोबार किया, लेकिन इसमें से 1500 करोड़ चीन से आए थे.

rrr_650_041222065507.jpgएसएस राजामौली की फिल्म 'आरआरआर' ने महज 18 दिनों 1030 करोड़ की कमाई कर ली है.

यहां एक सवाल जरूर खड़ा होता है कि आखिर इन तीनों फिल्मों 'दंगल', 'बाहुबली-2' और 'आरआरआर' में ऐसा क्या है, जिसकी वजह से इन फिल्मों ने इतिहास कायम करते हुए बंपर कमाई की है. 1000 से लेकर 2000 करोड़ रुपए कमाई का आंकड़ा पार कर लिया है. दरअसल, तीनों फिल्मों की कहानी, ट्रीटमेंट, तकनीक, स्टारकास्ट और डायरेक्टर उनको यूनिक बनाते हैं. किसी भी फिल्म की जान उसकी कहानी में बसती है. यदि रोचक और लोगों से जुड़ने वाली कहानी रूपहले पर्दे पर दिखाई जाती है, तो उसमें दर्शकों की दिलचस्पी बढ़ती है. लोग फिल्म की माउथ पब्लिसिटी करने लगते हैं. इस तरह बढ़ी संख्या में लोग सिनेमाघर में जाकर फिल्म को देखते हैं, जिसकी वजह से उसके बॉक्स ऑफिस कलेक्शन में तेजी से इजाफा होता है. फिल्म 'आरआरआर' की कहानी को ही ले लीजिए. 550 करोड़ रुपए के बड़े बजट में बनी इस फिल्म की कहानी ब्रिटिश शासन काल में स्थापित है.

फिल्म 'आरआरआर' भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों कोमुरम भीम और अल्लूरी सीताराम राजू के जीवन पर आधारित है. इस सच्ची दास्तान को रामायण की पृष्ठभूमि पर कल्पना का समावेश करके लिखा गया है. फिल्म में राम, हनुमान और सीता जैसे पौराणिक किरदार हैं. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बुनी गई कहानी में पौराणिक किरदार लोगों को लुभा रहे हैं. इसके साथ ही फिल्म के बेहतर ट्रीटमेंट ने इसे भव्य बना दिया है. इसका सारा श्रेय डायरेक्टर एसएस राजामौली को जाता है. सही मायने में ये फिल्म राजामौली की ही है. फिल्म बाहुबली देखने के बाद लोगों की उनसे उम्मीदें बहुत ज्यादा बढ़ गई थीं, जिस पर वो सौ फीसदी खरे उतरे हैं. उन्होंने आधुनिक तकनीक के सहारे फिल्म को इतना विहंगम बनाया है कि जो भी देखता है आवाक रह जाता है. एक-दूसरे से फिल्म की तारीफ करता है. इस माउथ पब्लिसिटी की वजह से फिल्म को बहुत फायदा हुआ है. रही सही कसर राम चरन, एनटीआर जूनियर, श्रिया सरन, अजय देवगन, आलिया भट्ट, ओलिविया मॉरिस, एलिसन डूडी, रे स्टीवेंसन जैसे दिग्गज कलाकार ने अपने शानदार परफॉर्मेंस से पूरी कर दी है.

एसएस राजामौली ने अपनी पहली पैन इंडिया फिल्म 'बाहुबली' के जरिए यह साबित कर दिया था कि वो अव्वल दर्जे के फिल्म मेकर हैं, जिनके आसपास भी कोई सोच नहीं सकता. उन्होंने पूरे देश की फिल्म इंडस्ट्री को पैन इंडिया फिल्मों का कॉन्सेप्ट समझाया. वरना बॉलीवुड तो घीसे-पीटे विषयों पर फिल्में बनाकर दर्शकों को मूर्ख बना ही रहा था. लेकिन राजामौली ने सबके सामने एक चुनौती खड़ी कर दी. दर्शकों को टेस्ट बदल दिया. फिल्में बनाने का पैमाना बदल दिया. उनके द्वारा सेट किए गए मानक इतने ऊंचे हैं कि उस तक पहुंचने के लिए बॉलीवुड के फिल्म मेकर्स को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है. फिर भी वो वहां तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. फिल्म बाहुबली में पहली बार भारतीय दर्शकों ने देखा कि भव्यता क्या होती है. राजा-रानी और रजवाड़े की कहानियों तो हिंदी सिनेमा में बहुत देखी गई है, लेकिन माहिष्मती साम्राज्य की कल्पना राजामौली ही कर सकते हैं. अपनी कल्पना को धरातल पर उतारकर 'बाहुबली' जैसे राजा का कालजयी किरदार राजामौली ही गढ़ सकते हैं. सच कहें तो 'बाहुबली' को देखने के बाद लोगों की आंखें फटी की फटी रह गई थीं.

'आरआरआर' और 'बाहुबली' की तरह फिल्म 'दंगल' ने भी बॉक्स ऑफिस पर कमाल किया था. ये फिल्म इंडियन बॉक्स ऑफिस पर 500 करोड़ के क्लब में पहुंची थी. इसके बाद इसे चीन में रिलीज किया गया, जहां इसने धमाका कर दिया. पहली बार किसी भारतीय फिल्म को चीन में इतना पसंद किया गया था. चाइनीज मार्केट में फिल्म ने 1500 करोड़ रुपए का कारोबार किया था. भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लिए ये एक अनोखा अनुभव और अवसर था. क्योंकि कमाई के लिए एक नया विंडो 'दंगल' ने ही खोला था. 'दंगल' कहानी है हरियाणा के बलाली गांव के रहने वाले एक रेसलर महावीर फोगाट की असल जिंदगी पर आधारित है, जिसमें अभिनेता आमिर खान ने उनका किरदार निभाया है. इसमें फोगाट की दो बेटियों गीता और बबीता के नेशनल रेसलर बनने और गोल्ड मेडल जीतने की दास्तान को दिखाया गया है. इस फिल्म का डायलॉग 'म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के?' बहुत मशहूर हुआ था.

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लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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