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Updated: 17 अप्रिल, 2022 11:09 PM
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यश की केजीएफ़ 2 हिंदी में ब्लॉकबस्टर बनती दिख रही है. उत्तर से लेकर दक्षिण तक फिल्म के बारे में बातें हो रही हैं. केजीएफ 2 से जुड़े कई सोशल ट्रेंड्स में दिलचस्प चीजें दिखाई पड़ रही हैं. याद नहीं आता कि आख़िरी बार कब किसी फिल्म के लिए रवीना टंडन की इतनी वाहवाही हुई थी. केजीएफ 2 में रवीना का काम सराहा जा रहा है. और ऐसा भी नहीं है कि सराहना सिर्फ हिंदी पट्टी के दर्शक ही कर रहे हैं. तारीफ़ करने वाले प्रशंसकों में उत्तर से लेकर दक्षिण तक के दर्शक शामिल हैं. केजीएफ 2 में अभिनेत्री ने रमिका सेन नाम का किरदार निभाया है. असल में यह देश की बेहद ताकतवर प्रधानमंत्री का किरदार है.

केजीएफ 2 में उनका किरदार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से प्रेरित बताया जा रहा है. उनका किरदार इंदिरा के कितना नजदीक या दूर है- यह तो बाद की बात है, जहां तक इसके असर का सवाल है दर्शकों को रवीना टंडन का अंदाज खूब पसंद आ रहा है. कई लोग इस बात से पूरी तरह सहमत हैं कि केजीएफ़ 2 पूरी तरह से यश की फिल्म है. मगर लोग यह भी मान रहे हैं कि प्रधानमंत्री की भूमिका में रवीना ने जबरदस्त छाप छोड़ी है. यहां तक दावा किया जा रहा है कि साउथ के सिनेमा यूनिवर्स में प्रधानमंत्री के रूप में रवीना का किरदार उतना ही ताकतवर है जितना कि एसएस राजमौली की फिल्म बाहुबली में शिवगामी का किरदार था.

RAVEENA kgf 2 शिवागामी और रमिका सेन को दक्षिण के सिनेमा इतिहास में आइकनिक किरदार बताया जा रहा है.

प्रधानमंत्री रमिका सेन के रूप में रवीना के तेवर क्यों पसंद आ रहे लोगों को?  

बाहुबली में शिवगामी का किरदार रम्या कृष्णन ने निभाया था. शिवगामी महिष्मति की राजमाता थीं. उनका किरदार एक ताकतवर, मानवीय और ईमानदार राष्ट्रवादी महिला के रूप में दिखाया गया था. एक ऐसी महिला जो न्याय और अन्याय के प्रश्न पर अपने गर्भ से जन्मे बेटे के विरोध में खड़ी हो जाती है. केजीएफ 2 में भी प्रधानमंत्री के रूप में एक ताकतवर महिला राजनेता को दिखाया गया है. पुरुषों के प्रभुत्व वाली राजनीति में रमिका के रूप में अभिनेत्री ने ताकतवर प्रधानमंत्री के तेवर, आत्मविश्वास और शक्ति को जिया है. उनका अभिनय उनके चरित्र को गहराई देता है. केजीएफ 2 से जुड़े दर्जनों हैशटैग में तारीफों को देखा पढ़ा जा सकता है.

ग्लैमरस अंदाज के लिए मशहूर रवीना का यह अवतार व्यापक व्यापक सुर्खियां पाता दिख रहा है. उन्होंने अभिनेत्री के रूप में अब तक कई ऐसे किरदार जिए हैं जिसमें उनकी क्षमताओं और एक्टिंग की गहराई का पता चलता है. पर लंबे वक्त बाद यह पहला बड़ा मौका है जब फिल्म की रिकॉर्डतोड़ सफलता की वजह से लोगों का ध्यान उनकी ओर खींच रहा है. रवीना करीब तीन दशक से एक्टिंग कर रही हैं. उनके करियर को किरदारों के खांचे में बांटकर देखें तो कहा जा सकता है कि बतौर अभिनेत्री इस वक्त वह दूसरे दौर में हैं. और यह भी कि बतौर अभिनेत्री अमिताभ बच्चन-ऋषि कपूर की परंपरा का जयघोष कर रही हैं. पॉपुलर सिनेमा में हीरोइनों को खूबसूरत गुड़िया के रूप में देखे जाने की अन्यायपूर्ण व्यवस्था में उम्रदराज नायिकाओं के लिए इसे अच्छा संकेत माना जा सकता है.

दूसरे दौर में धीरे-धीरे लेकिन मजबूती से बढ़ रही हैं रवीना

खासकर रवीना टंडन जैसी अभिनेत्रियों के लिए जिन्हें पहले दौर में अभिनय को दिखाने के बहुत ज्यादा मौके नहीं हासिल हुए, रमिका से सेन के रूप में उनका दर्शकों को प्रभावित करना दूसरे दौर की सफलता का संकेत भी है. अभिनेत्री अब ग्लैमरस भूमिकाओं की बजाय चरित्र भूमिकाओं में कोशिश कर रही हैं. हालांकि उन्हें फिल्मों में बहुत किरदार नहीं मिल रहे. सिलसिला भले कमजोर है पर वे छाप छोड़ने के लिए मेहनत और कोशिश करते दिख रही हैं. पिछले साल उनकी वेब सीरीज अरण्यक ने लोगों को प्रभावित किया था. नेटफ्लिक्स की क्राइम थ्रिलर सीरीज में उन्होंने पुलिस अफसर का किरदार निभाया था जिसकी जवान बेटी भी है. अब केजीएफ 2 की सफलता फिल्मों में उनके सिलसिले को बढ़ाने में मदद कर सकता है. मात्र, अरण्यक और केजीएफ 2 की सफलता सबूत है कि धीरे-धीरे ही सही रवीना के कदम दूसरे दौर में मजबूती से बढ़ रहे हैं.

रवीना के पहले दौर को देखें तो उनकी पहचान ग्लैमर डॉल के रूप में ही नजर आती है. उन्हें तू चीज बड़ी है मस्त मस्त और टिप टिप बरसा पानी जैसे मादक गानों ने बेशुमार लोकप्रियता दी. रवीना ने अपने दौर के सभी बड़े अभिनेताओं के साथ हिट फ़िल्में दी हैं. हालांकि अक्षय कुमार और गोविंदा के साथ उनकी ट्यूनिंग कुछ अलग नजर आती थी. रवीना के पहले दौर में सिनेमा का ढांचा ही ऐसा था जहां अभिनेत्रियां शोपीस नजर आती थीं. रवीना को जितना काम मिला उन्होंने बेहतरीन करने का प्रयास किया. लेकिन एक जैसी भूमिकाओं में बंधे रहना, मुकाबले में नई अभिनेत्रियों का आ जाना और बाद में शादी के बाद घर गृहस्थी की वजह से रवीना की असफलताओं का दौर शुरू हो जाता है.

रवीना की फ़िल्में फ्लॉप होती हैं. ऐसे दौर भी हैं कि उन्हें तीन-तीन चार-चार साल का गैप भी लेना पड़ता है. उन्हें सही काम भी नहीं मिलता दिखता है. पर वे रुकती नहीं है और छोटी-छोटी भूमिकाओं में या फिर गेस्ट अपीयरेंस में ही नजर आती रहती हैं. लेकिन 2017 में मात्र के किरदार की वजह से वो सिनेमा के नए तंत्र में दोबारा उठने की कोशिश करते नजर आती हैं. यह फिल्म कारोबारी लिहाजा से सफल तो नहीं कही जा सकती, मगर इसने समीक्षकों और फिल्म मेकर्स का ध्यान तो खींचने में कामयाबी पाई ही. अब केजीएफ 2 की सफलता और रमिका सेन के किरदार की चर्चा उन्हें करियर के दूसरे दौर में बड़ा मकसद देने वाला साबित हो सकता है.

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