राम सेतु: अक्षय चूक गए हैं, टीजर में हिंदुत्व के ज्वार को भुनाने की कोशिश के अलावा कुछ नहीं
राम सेतु के टीजर में अक्षय कुमार के फ्रेश लुक के अलावा कुछ नहीं है. शायद बॉलीवुड के तमाम फिल्म मेकर्स को यह लगने लगा है कि हिट का फ़ॉर्मूला हिंदुत्व है. वे उसके नाम पर कुछ भी बना देंगे तो दर्शक देखने चला आएगा. फिल्म में टीजर जैसी चीजें ही दिखीं तो अक्षय को तगड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.
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बच्चन पांडे, सम्राट पृथ्वीराज, रक्षा बंधन और कटपुतली के बेअसर होने के बाद अक्षय कुमार की चौथी फिल्म बनकर तैयार है. नवरात्रि के पहले दिन फिल्म का टीजर रिलीज हुआ. टीजर के जरिए पहली बार अक्षय कुमार के फिल्म की विस्तृत झलकी नजर आती है. जिन्हें लग रहा था कि टॉम हैंक्स स्टारर 'द विंची कोड' की तरह उन्हें अक्षय की रामसेतु में भी कुछ शानदार देखने को मिलेगा, वे बुरी तरह निराश हो सकते हैं. अक्षय स्टारर रामसेतु का टीजर देखने के बाद एक बात साफ़-साफ़ समझी जा सकती है. चाहे कोई ऐसा गैरा फिल्ममेकर हो या अक्षय जैसे सितारे- सभी, हिंदुत्व और उसे मिल रही सहानुभूति को मूर्खतापूर्ण चीजों से भुनाने की अंधी रेस में लगे नजर आते हैं.
राम के नाम पर कोई रामसेतु बना रहा है कोई हिंदुत्व जैसी फिल्मों के जरिए सनसनी मचाने की कोशिश में लगा है. शायद फिल्ममेकर्स को लग रहा कि दर्शक इतने भर से उनका सिनेमा देखने के लिए भर-भरकर घरों से बाहर निकल आएगा. लगातार चार फ्लॉप देने के बावजूद रामसेतु का टीजर बताता है कि अक्षय और उनके फिल्म मेकर्स भी इसी मुगालते में हैं. बॉलीवुड के भाई साहबों और साहबजादियों- दर्शकों पर हिंदुत्व के बहाने इस तरह का इमोशनल अत्याचार मत करो. तुम जो नाच गाना बना सकते हो वही बनाओ. बस ठीक से बनाओ. कोई जरूरत नहीं, आपको फिल्मों का वाल्मीकि, वेदव्यास या फिर तुलसीदास बनने का. जो नहीं आता है उसे मत करो.
नीचे फिल्म का टीजर देखा सकते हैं:-
रामसेतु के टीजर में क्या है?
टीजर को एक झलकी माना जाए तो कह सकते हैं कि रामसेतु में रामसेतु की गुत्थी तो फोकस में नहीं दिखती, मगर उसके आसपास शायद श्रीलंका की अंदरूनी दिक्कतों से लेकर मिडिल ईस्ट में इस्लामिक आतंकवाद तक का तड़का जमकर लगाया गया है. टीजर की शुरुआत में ही पता चल जाता है कि रामसेतु के अस्तित्व पर खतरा है. सिर्फ तीन दिन का वक्त बचा है- उसे बचाने के लिए. अक्षय और उनकी टीम रामसेतु को बचाने के मिशन पर नजर आती है. हालांकि रामसेतु पर खतरा किस तरह का और किससे है- यह पता ही नहीं चल पाता. बस भागम भाग दिखती है. अक्षय एंड टीम भागती रहती है और शायद मिडिल ईस्ट से श्रीलंका में जाफना तक की चीजें एक-एक कर नजर आती हैं.
यह फिल्म जब अनाउंस हुई थी तब दर्शकों को लगा था कि संभवत: रामसेतु को खोजने के लिए कुछ-कुछ अक्षय की फिल्म में वैसी ही कहानी देखने को मिले जैसे डैन ब्राउन के उपन्यास 'द विंची कोड' पर सेम टाइटल से बनी हॉलीवुड फिल्म में दिखा था. साल 2006 में आई टॉम हैंक्स स्टारर फिल्म का निर्देशन रोन हावर्ड ने किया था. इसमें ईसा मसीह से जुड़े एक रहस्य को सुलझाने की कहानी है. थ्रिल से भरपूर फिल्म की कहानी इतनी जबरदस्त थी कि इसे दुनियाभर में जमकर देखा गया. फिल्म ने तारीफें भी जमकर बटोरी. मगर रामसेतु किसी भी मायने में उस बेंचमार्क के आसपास भी नजर नहीं आ रहा. जबकि रामसेतु की कहानी में द विंची कोड से भी ज्यादा थ्रिल और रचनात्मकता की गुंजाइश थी.
हो सकता है कि जब फिल्म का ट्रेलर आए तो चीजें और बेहतर दिखें. मगर फिलहाल के आधार पर फिल्म के कंटेंट को कमजोर कहने के वाजिब कारण हैं. अक्षय की यह फिल्म भी दुर्भाग्य से बॉलीवुड की एक साधारण मसाला मसाला एंटरटेनर से ज्यादा कुछ और नजर नहीं आ रही. बाकी सारी चीजें तो ठीक हैं मगर यह बात तो समझ से परे है कि अक्षय की फिल्म में इस्लामिक आतंकवाद का कनेक्शन किस रास्ते घुसा दिया गया है? कहीं ऐसा तो नहीं कि रामसेतु के मेकर्स महज लोगों की भावनाओं को भुनाने के लिए दो अलग-अलग विषयों को एक कर सिर्फ सनसनी फैलाकर भारी मुनाफा कमाने की कोशिश में लगे हैं. अगर ऐसा है तो यह बुरा है.
अक्षय या किसी दूसरे स्टार या किसी और भी फिल्म मेकर को यह हक़ नहीं कि वह निजी कारोबारी फायदे के लिए लोगों की भावनाओं के साथ जबरदस्ती का खिलवाड़ करें और उन्हें एक कूड़ा कहानी देखने पर विवश करे. रामसेतु के टीजर में अक्षय बोर करते नजर आ रहे हैं. टीजर में सितारों की झलकी दिखती है. हालांकि जैकलीन फर्नांडीज को बहुत फोकस नहीं किया गया है. टीजर की सबसे अच्छी बात सिर्फ और सिर्फ अक्षय का अपना लुक है जो उनके तमाम पिछले किरदारों के बीच निश्चित ही फ्रेश फील देता है.
रामसेतु 25 अक्टूबर को दीपावाली पर रिलीज की जाएगी. फिल्म का निर्देशन अभिषेक शर्मा ने किया है.
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