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Updated: 29 मार्च, 2023 05:18 PM
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बॉलीवुड हो या फिर भोजीवुड माफिया हर जगह बैठे हुए हैं. इन माफियाओं के इशारे पर फिल्म पूरी इंडस्ट्री काम करती है. दरअसल, किसी भी फिल्म इंडस्ट्री के टॉप पर बैठे कुछ लोग अपनी एक गैंग बना लेते हैं. उसके बाद ये गैंग पूरी इंडस्ट्री को कंट्रोल करता है. किसी फिल्म की स्टारकास्ट क्या होगी, कौन डायरेक्टर होगा, कौन एक्टर और एक्ट्रेस होगी, ये सबकुछ यही गैंग निर्धारित करता है, वो भी अपनी शर्तों पर. यदि किसी ने उनकी शर्तों पर काम करने से इंकार कर दिया तो समझिए कि उसका करियर दांव पर लग गया. ऐसा ही एक इंकार बॉलीवुड दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह ने किया था, आज वो कहां हैं किसी से छिपा नहीं है. उनकी मौत आज भी रहस्यमयी है. कोई इसे आत्महत्या बताता है, तो कोई हत्या, लेकिन मौत की गुत्थी सुलझ नहीं पाई है. इन सबके बीच प्रियंका चोपड़ा ने ये कहकर सनसनी फैला दी है कि बॉलीवुड की राजनीति की वजह से उन्हें देश छोड़ना पड़ा था.

650x400_032823094637.jpgफिल्म एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा ने लंबे समय बाद एक सनसनीखेज खुलासा किया है.

बॉलीवुड से हॉलीवुड पहुंची एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा लंबे समय बाद इस मुद्दे पर अपनी आपबीती बताई है. उन्होंने कहा कि वो हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की अंदरूनी राजनीति से थक गई थी. उन्हें जानबूझकर इग्नोर किया जा रहा है. उन्हें एक कोने में धकेल दिया गया था, जहां वो अपनी इच्छा के अनुसार काम नहीं कर सकती थीं. उनको जिस तरह की फिल्में ऑफर हो भी रही थीं, वो उनमें बिल्कुल भी काम नहीं करना चाहती थी. यही वजह है कि उन्होंने हॉलीवुड की ओर रुख कर लिया था. अमेरिकन फिल्म मेकर डेक्स शेफर्ड के पॉडकास्ट शो 'आर्मचेयर एक्सपर्ट' में एक्ट्रेस पूछा गया कि जब बॉलीवुड में उनका करियर पीक पर था, तो अचानक उन्होंने हॉलीवुड का रुख क्यों कर लिया? इसके जवाब में उन्होंने बताया, ''मैं उस समय बॉलीवुड से बाहर निकलने का कोई न कोई रास्ता खोज रही थी. मुझे फिल्म इंडस्ट्री में एक कोने में धकेला जा रहा था. लोग मुझे अपनी फिल्मों में कास्ट करने से बच रहे थे. मुझे लोगों से शिकायत थी. मैं उस तरह के गेम खेलने में अच्छी नहीं हूं. मैं राजनीति से थक गई थी और मुझे बॉलीवुड से एक ब्रेक की जरूरत महसूस हो रही थी.''

प्रियंका चोपड़ा ने आगे बताया कि फिल्म 'सात खून माफ' (2011) की शूटिंग के समय अमेरिकन म्यूजिक लेबल देसी हिट्स कंपनी की अंजलि आचार्य ने उनको कॉल करके अमेरिका आकर म्यूजिक में करियर बनाने के लिए ऑफर दिया था. अंजलि ने प्रियंका को किसी म्यूजिक वीडियो में देखा था, उसके बाद उनको ख्याल आया कि वो उनके लिए काम कर सकती हैं. ये प्रियंका के लिए एक बेहतरीन मौका था. क्योंकि वो खुद बॉलीवुड से दूर रहकर कुछ अलग काम करना चाह रही थी. उन्होंने इस ऑफर को तुरंत स्वीकार कर लिया. इसके बारे में प्रियंका बताती हैं, ''म्यूजिक की वजह से मुझे दुनिया के दूसरे हिस्से को एक्सप्लोर करने का मौका मिला. जिस तरह की फिल्में मुझे बॉलीवुड में मिल रही थीं, उनमें मैं कभी काम नहीं करना चाहती थी. मैंने इंडस्ट्री में तब तक काफी काम कर लिया था. इसलिए जब म्यूजिक का ऑफर आया तो मैंने कहा- भाड़ में जाओ, मैं तो चली अमेरिका.''

''भाड़ में जाओ, मैं तो चली अमेरिका''...ऐसा बोलकर हिंदुस्तान छोड़कर जाने वाली प्रियंका चोपड़ा भले ही देसी गर्ल कही जाती हैं, लेकिन उनमें देश के लिए न तो प्यार है, न ही उस इंस्ट्री के लिए सम्मान है, जिसने उनको एक नई पहचान दी है. माना कि बॉलीवुड में बहुत ज्यादा गंदगी फैल चुकी है. कई मठाधीश अपनी सत्ता स्थापित करके अपने हिसाब से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को चलाने की कोशिश करते रहे हैं. जिसने भी उनकी बात नहीं मानी उन्हें या तो फिल्म इंडस्ट्री छोड़नी पड़ी या फिर इस दुनिया को अलविदा कह गए. ऐसे में प्रियंका की मनोस्थिति को समझा जा सकता है. लेकिन इसी परिस्थिति में कंगना रनौत जैसी फाइटर ने सर्वाइव किया है. उनके खिलाफ तो सिनेमा से लेकर सियासत तक के लोग हाथ धोकर पीछे पड़े रहे हैं. बॉलीवुड के मठाधीश से लेकर राजनीति के छत्रप तक उनको नेस्तनाबूत करने की कोशिश करते रहे हैं. लेकिन कंगना शेरनी की तरह सबसे लड़ती रही हैं.

कंगना रनौत भी चाहती तो हॉलीवुड का रुख कर सकती थी या फिर मठाधीशों के आगे नतमस्तक होकर अपने करियर को संवार सकती थी. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. उन्होंने इन मठाधीशों का डटकर मुकाबला किया. सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मौत के बाद पूरे फिल्म इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा मुखर वही थी. उन्होंने करण जौहर, आदित्य चोपड़ा से लेकर शिवसेना के तमाम बड़े नेताओं के खिलाफ खुलकर बोला था. यहां तक कि जान से मारने की धमकी मिलने और उनके ऑफिस के एक हिस्से को बुलडोजर से गिरवा देने के बाद भी वो पीछे नहीं हटी. वो उसी फिल्म इंडस्ट्री में आज भी काम कर रही हैं, जिसे प्रियंका छोड़कर चली गई. जबकि उनको ऐसा नहीं करना चाहिए था. यदि प्रियंका रुकी होती, तो कंगना जैसी कई एक्ट्रेस की आवाज को मजबूती मिलती. इस तरह बॉलीवुड के मठाधीशों के खिलाफ लड़ाई धारदार होती, जिसका फायदा निश्चित तौर पर नए कलाकारों को मिलता.

इसके विपरीत कंगना रनौत ने प्रियंका चोपड़ा के इस बयान के आने के बाद ट्वीट करके अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा है, ''प्रियंका का बॉलीवुड के बारे में कहना है कि लोगों ने उनके खिलाफ गुट बना लिया था. उन्हें बुली किया और फिल्म इंडस्ट्री से निकाल दिया. जिस महिला ने अपने दम पर सब हासिल किया, उसे भारत छोड़ने को मजबूर कर दिया गया. हर कोई जानता है कि करण जौहर ने उन्हें बैन कर दिया था. मीडिया ने करण जौहर के साथ प्रियंका के मनमुटाव के बारे में खूब लिखा क्योंकि शाहरुख के साथ उनकी दोस्ती थी. हमेशा से ही ऐसे आउटसाइडर्स की तलाश में रहने वाले मूवी माफिया को प्रियंका चोपड़ा के रूप में सही पंचिंग बैग मिल गया. उन्हें इस हद तक हैरेस किया गया कि भारत छोड़कर ही जाना पड़ा. इस अप्रिय, ईर्ष्यालु, मीन और टॉक्सिक व्यक्ति को फिल्म इंडस्ट्री के कल्चर और एनवायरमेंट को बर्बाद करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.''

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