New

होम -> सिनेमा

बड़ा आर्टिकल  |  
Updated: 02 सितम्बर, 2020 05:15 PM
ओम प्रकाश धीरज
ओम प्रकाश धीरज
  @om.dheeraj.7
  • Total Shares

एक कलाकार फ़िल्मों से इतर अपनी असल जिंदगी में कितने किरदार निभा सकता है? 3 या 4 या बहुत हो गया तो 5! लेकिन तेलुगू सिनेमा इंडस्ट्री में पावर स्टार का दर्जा पाने वाले सुपरस्टार पवन कल्याण से इतने अलंकार जुड़े हैं कि एक बार को सोचने में लगता है कि किसी आदमी में इतनी सारी प्रतिभा, आखिरकार कैसे? जी हां! तेलुगू सिनेमा इंडस्ट्री में मेगास्टार का दर्जा पाने वाले चिरंजीवी के छोटे भाई पवन कल्याण में इतनी खूबियां हैं कि उनके लाखों-करोड़ों फैंस कहते हैं कि पवन कल्याण जैसा कोई नहीं. पवन कल्याण एक बेहतरीन एक्टर होने के साथ ही प्रोड्यूसर, डायरेक्टर, स्क्रीनराइटर, कोरियोग्राफर, सिंगर, स्टंट कोऑर्डिनेटर भी हैं. यही नहीं, पवन कल्याण राजनीति के मंच पर भी उतने ही पॉप्युलर हैं. साल 2014 में उन्होंने जन सेना नामक पार्टी बनाई थी और तब से वह आंध्र प्रदेश की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.

पवन कल्याण का आज यानी 2 सितंबर को 49वां बर्थडे है और उनके फैंस इस मौके को अपने-अपने तरीके से सेलिब्रेट कर रहे हैं. लेकिन इस बीच एक बुरी खबर ये आई है कि हैदराबाद में पवन कल्याण का एक बड़ा बैनर लगाने के दौरान उसमें बिजली आने से 3 समर्थकों की मौत हो गई और 4 अन्य घायल हो गए हैं. पवन कल्याण ने समर्थकों की मौत पर शोक जताते हुए 2-2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी है. दक्षिण भारत में सिने प्रेमियों की अपने फेवरेट स्टार्स के प्रति दीवानगी की हद का अंदाजा लगाना मुश्किल काम है. जब बड़े स्टार्स की फ़िल्में रिलीज होती हैं तो उन्हें भगवान की तरह पूजा जाता है और चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु समेत अन्य जगहों के सिनेमाहॉल 24 घंटे खुले रहते हैं. ऐसे में पवन कल्याण के जन्मदिन के मौके को भी उनके फैंस और सपोर्टर अगल-अलग अंदाज में सेलिब्रेट कर रहे हैं. आइए जानते हैं पावर स्टार पवन कल्याण की जिंदगी से जुड़ी कहानी और उनकी फ़िल्मों से लेकर राजनीतिक सफर के हर पड़ाव की रोचक दास्तां.

चे ग्वेरा और अकीरा कुरोसावा के फैन

वर्ष 1971 सितंबर महीने में 2 तारीख को कोनिडेला वेंकट राव और अंजना देवी के घर जन्मे पवन कल्याण की जिंदगी उनकी फ़िल्मों की तरह ही रंगीन और रोचक है. फ़िल्मों में आने से पहले मिक्स मार्शल आर्ट की तरफ झुकाव बढ़ा और एमएमए के साथ ही कराटे में भी ब्लैक बेल्ट लेकर महारत हासिल की. वैसे तो पवन कल्याण का नाम कोनिडेना कल्याण बाबू था, लेकिन एक मार्शल आर्ट कॉम्पिटिशन में हवा की मानिंद लचक और फुर्ती की वजह से उन्हें किसी ने पवन नाम से पुकारा और फिर वह पवन कल्याण नाम से फेमस हो गए. पवन कल्याण के जीवन पर अर्जेंटीना के क्रांतिकारी चे ग्वेरा और जापान के फेमस निर्देशक अकीरा कुरोसावा का काफी प्रभाव है. बचपन से जवानी तक के सफर को पवन कल्याण ने अपनी मर्जी से जीया और फैमिली ने हर फैसले में उनका साथ दिया, खासकर भाई चिरंजीवी और भाभी सुरेखा ने. मेगास्टार चिरंजीवी को पवन कल्याण अपना आदर्श मानते थे और उनके नक्शेकदम पर चलते हुए ही उन्होंने एक्टिंग प्रोफेशन को अपनाया. पवन कल्याण ने अब तक 3 शादियां की हैं, जिनमें 2 पत्नी से उनके 4 बच्चे हैं.

पवन कल्याण का अनोखा फ़िल्मी सफर

1990 के दशक में जब तेलुगू सिनेमा इंडस्ट्री में चिरंजीवी समेत अन्य बडे़ स्टार्स की फ़िल्मों का बोलबाला था, तब साल 1996 में पवन कल्याण ने Akkada Ammayi Ikkada Abbayi फ़िल्म से एक्टिंग में कदम रखा. इस फ़िल्म में पवन कल्याण ने अपने मार्शल आर्ट का जलवा बिखेरा था. पवन कल्याण को दुनिया ने तब पहचाना, जब साल 1998 में उनकी फ़िल्म Tholi Prema रिलीज हुई. इस फ़िल्म को नैशनल अवॉर्ड के साथ ही 6 नंदी अवॉर्ड भी मिले थे. पवन कल्याण ने अपनी सादगी, अलग अंदाज, डांस और स्टंट से तेलुगू सिनेमा में खलबली मचा दी थी. लोग उनके दीवाने हो गए और फिर दुनिया ने पवन कल्याण का असली चेहरा देखा, जो कि बाकी सभी कलाकारों से अलग था.

बेहद कम समय में पवन कल्याण ने तेलुगू सिनेमा में इतना ऊंचा मुकाम हासिल किया कि लोग सोच भी नहीं सकते. पवन कल्याण की पॉप्युलैरिटी का आलम ये था कि एक के बाद एक उनकी फ़िल्में Thammudu, Badri, Kushi समेत अन्य सुपरहिट हुई और साल 2001 में उन्हें करोड़ों के फ़िल्म ऑफर्स आने शुरू हो गए. दरअसल, निर्माताओं के लिए पवन कल्याण किसी जैकपॉट की तरह थे, जिनकी फ़िल्में तो सुपरहिट होनी ही हैं. करियर के अहम मुकाम पर साल 2001 में पवन कल्याण ने खुद की निर्देशित फ़िल्म जॉनी के लिए 2 साल तक किसी और के साथ काम नहीं किया. हालांकि, जब 2003 में Johnny रिलीज हुई तो यह थिएटर में उतनी चल नहीं पाई, लेकिन दुनिया ने पवन कल्याण को एक्टर के साथ ही डायरेक्टर, स्क्रीनराइटर, कोरियोग्राफर, स्टंट मास्टर और सिंगर समेत अन्य कई रूपों में भी जाना.

पवन कल्याण का अब दिखेगा जलवा

पवन कल्याण ने दो दशक से ज्यादा समय के फ़िल्मी करियर में 25 से ज्यादा फ़िल्में की हैं, जिनमें ज्यादातर सुपरहिट रही हैं. हालांकि, राजनीति में आने के बाद पवन कल्याण फ़िल्मों में ज्यादा सक्रिय नहीं दिखे हैं और पिछले 7 साल में उनकी महज 5 फ़िल्में रिलीज हुई हैं. पवन कल्याण अब फिर से फ़िल्मों में सक्रिय होने वाले हैं और इस साल उनकी फ़िल्म वकील साब आने वाली है, जिसका मोशन पोस्टर प्रोड्यूसर बोनी कपूर ने उनके बर्थडे के मौके पर शेयर किया है. इसके साथ ही पवन कल्याण की एक और फ़िल्म की घोषणा हुई है, जिसका नाम है PSPK27.जहां वकील साब को श्रीराम वेणु डायरेक्टर कर रहे हैं, वहीं पीएसपीके27 को क्रिश डायरेक्ट करने वाले हैं. पवन कल्याण के फैंस के लिए पावर स्टार के बर्थडे के मौके पर दोहरी खुशी आई है.

राजनीति में आक्रामकता और बदलाव के प्रबल समर्थक

फ़िल्मों के साथ ही पवन कल्याण राजनीतिक मंच पर भी उतने ही पॉप्युलर हैं. साल 2008 में अपने बड़े भाई चिरंजीवी की प्रजा राज्यम पार्टी के साथ राजनीति की शुरुआत करने वाले पवन कल्याण ने बाद में पार्टी छोड़ दी, क्योंकि चिरंजीवी ने कांग्रेस से हाथ मिला लिया था. पवन प्रजाराज्यम पार्टी की यूथ विंग युवाराज्यम के अध्यक्ष थे. पवन कल्याण राजनीति में आक्रामकता और त्वरित बदलाव के समर्थक रहे हैं. हालांकि, उनका झुकाव वामपंथ के प्रति रहा है, लेकिन वह विचारधारा से ज्यादा किसी व्यक्ति को ज्यादा वैल्यू देने का समर्थन करते हैं, जो सकारात्मक बदलाव में अग्रणी भूमिका निभाता हो. पवन कल्याण ने साल 2014 में जन सेना पार्टी बनाई. बाद में उन्होंने बीजेपी को समर्थन दिया और प्रदेश में सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के साथ मिलकर नरेंद्र मोदी के लिए खूब प्रचार किया.

साल 2014 में बीजेपी केंद्र की सत्ता में आई, लेकिन पवन कल्याण और बीजेपी का साथ ज्यादा दिनों तक नहीं रहा. पवन कल्याण ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न देने को लेकर बीजेपी संग पार्टी के रिश्ते को खत्म कर दिया. समय के साथ पवन कल्याण राजनीतिक मंच पर और मुखर एवं आक्रामक होते गए और समय-समय पर केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ अगल-अलग मुद्दों पर प्रदर्शन और रैली करते दिखे. जन सेना के समर्थकों की संख्या बढ़ती गई और इसके साथ ही पार्टी और पवन कल्याण के सपनों का भी विस्तार होने लगा. लेकिन साल 2019 के लोकसभा चुनाव और प्रदेश चुनाव में पवन कल्याण की पार्टी का प्रदर्शन खास नहीं रहा, जिसकी वजह से पवन कल्याण की मुहिम को झटका लगा. साल 2019 के आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में पवन कल्याण ने 137 सीटों पर चुनाव लड़ा था. हालांकि, जन सेना को महज एक सीट पर जीत मिली, लेकिन प्रदेश की करीब 7 फीसदी जनता ने उनपर विश्वास जताया. ऐसे में आने वाले समय में उनकी पार्टी के और बेहतर करने की उम्मीदें हैं. फिलहाल पवन कल्याण लोगों के जरूरी मुद्दे उठाते रहते हैं और फिल्मों के साथ ही राजनीतिक मंच पर भी सक्रिय हैं.

पवन कल्याण के अंदाज के दीवाने

तेलुगू सिनेमा के पावर स्टार पवन कल्याण की सबसे खास बात ये है कि उनका स्टारडम आम लोगों से जुड़ा है. अपने फैंस से उनकी इतनी नजदीकी है कि अब रजनीकांत और कमल हासन जैसे बड़े स्टार्स भी उनसे सीखकर फैंस से सीधे संवाद करते हैं और उनके बीच जाते हैं. वहीं पवन कल्याण पिछले 7-8 वर्षों से अपने फैंस से लगातार संवाद करते हैं और रैलियों में उनके जरूरी मुद्दे उठाते हैं. इसी वजह से उनकी छवि ऐसी बन गई है कि लोग उनसे आसानी ने जुड़ जाते हैं. वहीं फ़िल्मों में भी पवन कल्याण अपने अनोखे अंदाज के लिए जाने जाते हैं. चाहे एक्टिंग हो, डांस हो या स्टंट, पवन कल्याण का अंदाज वाकई सबसे अलग होता है और इसी वजह से लोग उनकी फिल्म का इंतजार करते रहते हैं. भारतीय सिनेमा में जब भी किसी ऐसे स्टार का जिक्र होता है जो फ़िल्मों से ज्यादा अपने अनोखे अंदाज और सादगी के लिए जाना जाता है तो उसमें पवन कल्याण का नाम सबसे ऊपर आता है, जो कि आक्रमकता, समझदारी, टैलेंट और विनम्रता की मिसाल हैं.

लेखक

ओम प्रकाश धीरज ओम प्रकाश धीरज @om.dheeraj.7

लेखक पत्रकार हैं, जिन्हें सिनेमा, टेक्नॉलजी और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय