Pathaan का विरोध करने वाले शाहरुख खान की फिल्म को फायदा ही पहुंचा रहे हैं!
फिल्म 'पठान' के 'बेशर्म रंग' गाने का हर तरफ विरोध हो रहा है. कई हिंदू और मुस्लिम संगठन इस फिल्म को बैन करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन इस विरोध की वजह से फिल्म को जबरदस्त प्रमोशन मिल रहा है. फिल्म के जिस गाने का विरोध हो रहा है, यूट्यूब पर उसका व्यूज महज 6 दिनों में 74 मिलियन पहुंच गया है. वैसे देखा जाए तो विवाद फिल्म के लिए हमेशा फायदे का सौदा रहा है. आइए जानते हैं कि कैसे?
-
Total Shares
फिल्म 'पठान' के पहले गाने 'बेशर्म रंग' की रिलीज के बाद चौतरफा विरोध हो रहा है. पहली बार किसी फिल्म से हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों के संगठन आहत हैं. दोनों की तरफ से फिल्म के बैन की मांग हो रही है. हिंदू कह रहे हैं कि फिल्म गाने में जानबूझकर भगवा बिकनी का इस्तेमाल किया गया है. भगवा हिंदू धर्म का प्रतीक रंग हैं, ऐसे में ये धर्म का अपमान है. इतना ही नहीं फिल्म अश्लीलता कूट-कूट कर भरी हुई है. दूसरी तरफ मुस्लिम कह रहे हैं कि फिल्म में इस्लाम का गलत प्रचार प्रसार किया गया है. इससे मुस्लिमों की भावनाएं आहत हुई हैं. इसलिए उनकी तरफ से फिल्म को बैन करने की मांग की जा रही है. इतना ही नहीं राजनीतिक दल के कई नेता भी फिल्म के खिलाफ सड़क पर उतर गए हैं. इन सबके बावजूद फिल्म का नुकसान की बजाए फायदा होता दिख रहा है. फिल्म के गाने को महज 6 दिनों में 74 मिलियन व्यूज मिले हैं, जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है.
शाहरुख खान की आने वाली फिल्म 'पठान' के 'बेशर्म रंग' गाने का हर तरफ विरोध हो रहा है.
इतना ही नहीं इस विवाद की वजह से शाहरुख खान की फिल्म 'पठान' का जमकर प्रचार प्रसार भी हो रहा है. इतने प्रचार के लिए फिल्म फर्टिनिटी के लोग करोड़ों-अरबों रुपए खर्च करते हैं. कई बार तो पैसे खर्च करके भी ऐसा प्रमोशन नहीं मिल पाता है. लेकिन विवाद फिल्मों के लिए हमेशा से फायदे का सौदा रहे हैं. अभी तक का रिकॉर्ड देखा जाए तो जिन फिल्मों पर जितना ज्यादा विवाद हुआ है, उसकी कमाई में उतना ज्यादा इजाफा हुआ है. इस मामले में 'पद्मावत', 'रामलीला' और 'बाजीराव मस्तानी' जैसी फिल्में बनाने वाले फिल्म मेकर संजय लीला भंसाली का रिकॉर्ड सबसे अच्छा है. उनकी लगभग हर फिल्म पर विवाद होता है. विवाद के बाद उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट साबित होती हैं. वैसे भी फिल्म इंडस्ट्री में विवाद फिल्मों को पॉपुलर करने के लिए हथकंडे की तरह इस्तेमाल होने लगे हैं. कई बार तो जानबूझकर ऐसे विषय चुने जाते हैं, जिनका लोग विरोध करें.
वैसे तो सोशल मीडिया पर बॉलीवुड बायकॉट मुहिम लंबे समय से चलाई जा रही है. लोग बॉलीवुड की फिल्मों के बहिष्कार की अपील करते रहे हैं. किसी फिल्म की रिलीज डेट के ऐलान के साथ ही उसके बहिष्कार की बात शुरू हो जाती है. लेकिन पहली बार सोशल मीडिया पर बॉलीवुड की किसी फिल्म के पक्ष में मुहिम चलाई जा रही है. एक तरफ #BoycottPathaan चल रहा है, तो दूसरी तरफ #PathaanFirstDayFirstShow भी तेजी से ट्रेंड कर रहा है. इतना ही नहीं बड़ी संख्या में लोग ''हिंदुस्तान देखेगा पठान'' हैशटैग के साथ भी फिल्म का समर्थन कर रहे हैं. एक बड़ा वर्ग उन फिल्मों के स्क्रीनशॉट भी शेयर कर रहा है, जिसमें दूसरी हीरोइनों ने भगवा रंग के कपड़े पहनकर डांस किया है. इसमें अक्षय कुमार की फिल्म भूल भुलैया का एक गाना ''हरे राम हरे राम" भी खूब शेयर किया जा रहा है. इसमें राम नाम के कपड़े पहनकर लड़कियां डांस कर रही हैं.
कहने का मतलब ये है कि फिल्म को लेकर लोग दो पक्षों में बंट चुके हैं. जितनी संख्या में लोग इसका विरोध कर रहे हैं, उतनी संख्या में लोग समर्थन भी कर रहे हैं. पिछले एक हफ्ते से फिल्म 'पठान' सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर ट्रेंड कर रहा है. लोग इसके बारे में बातें कर रहे हैं. इस मौके का फायदा उठाते हुए शाहरुख खान ने कल देर रात ट्विटर पर #Asksrk नाम से एक सेशन रखा था, जिसमें उन्होंने अपने फैंस के सवालों के जवाब दिए. उनसे बातचीत की है. इस सेशन के दौरान शाहरुख ने बहुत से लोगों के सवालों के मजेदार जवाब दिए हैं. हैशटैग आस्क एसआरके के सेशन के दौरान एक यूजर ने उनसे 'पठान' के कलेक्शन पर सवाल पूछा, ''पठान के पहले दिन के कलेक्शन पर आपकी क्या भविष्यवाणी है?'' इस पर उन्होंने जवाब देते हुए लिखा, ''मैं भविष्यवाणी के बिजनेस में नहीं हूं. मेरा बिजनेस आपको एंटरटेन करना और आपके चेहरे पर मुस्कान लाना है.''
इस तरह शाहरुख खान अपनी हाजिर जवाबी से लोगों को दिल जीतने का काम शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं उन्होंने ये भी साफ कर दिया है कि फिल्म में अश्लीलता को लेकर भले ही विरोध किया जा रहा है, लेकिन आने वाले दिनों में जब टीजर और ट्रेलर रिलीज किया जाएगा, तो लोगों को विचार अपने आप बदल जाएगा. वैसे भी फिल्म इंडस्ट्री में विवाद फिल्मों को पॉपुलर करने के लिए हथकंडे की तरह इस्तेमाल होने लगा है. कई बार तो जानबूझकर ऐसे विषय चुने जाते हैं, ऐसी हरकतें की जाती है, जिनका लोग विरोध करें. पूरे देश में जब विरोध प्रदर्शन होने लगता है. लोग नकारात्मक ही सही उस फिल्म के बारे में चर्चा करने लगते हैं, तब फिल्म के मेकर्स उसमें मामूली बदलाव करके रिलीज कर देते हैं. इस तरह फिल्म को उतनी पॉपुलैरिटी मिल चुकी होती है, जितनी की करोड़ों खर्च करने के बाद भी नहीं मिल सकती. फिलहाल 'पठान' का क्या हाल होता है, ये देखना दिलचस्प होगा.
आपकी राय