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बड़ा आर्टिकल  |  
Updated: 13 मार्च, 2023 10:15 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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भारतीय सिनेमा के 100 वर्षों के इतिहास में आज यानी 13 मार्च सबसे बड़ा और ऐतिहासिक दिन है. इसी दिन पहली बार भारतीय सिनेमा को दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान मिला है, जिसके लिए हर हिंदुस्तानी लंबे समय से तरस रहा था. जी हां, हिंदुस्तान के लिए ऑस्कर का सूखा अब खत्म हो चुका है. एसएस राजामौली की फिल्म 'आरआरआर' के गाने 'नाटू-नाटू' को बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग कैटेगरी में ऑस्कर अवॉर्ड मिला है. इसके साथ ही कार्तिकी गोंजाल्विस के निर्देशन में बनी डॉक्यूमेंट्री 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' ने बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म का ऑस्कर अवॉर्ड जीता है. इस तरह एकेडमी अवॉर्ड में भारत ने दो ट्राफी के साथ अपना खाता खोल लिया है.

'आरआरआर' के गाने 'नाटू-नाटू' को ऑस्कर अवॉर्ड से पहले कई इंटरनेशनल अवॉर्ड मिल चुके हैं. इनमें गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड, अटलांटा फिल्म क्रिटिक्स सर्कल अवॉर्ड, न्यूयॉर्क फिल्म क्रिटिक्स सर्कल अवॉर्ड और हॉलीवुड क्रिटिक्स एसोसिएशन अवॉर्ड का नाम प्रमुख है. 'नाटू-नाटू' सॉन्ग को तेलुगू और हिंदी में एक साथ फिल्माया गया है, जिसमें साउथ सिनेमा के सुपरस्टार राम चरण और जूनियर एनटीआर को डांस करते देखा जा सकता है. इस गाने के बनने की कहानी बहुत दिलचस्प है. बताया जाता है कि इस गाने को पूरा करने में एसएस राजामौली और उनकी टीम को दो साल लग गए थे. इतना ही नहीं पूरी फिल्म के बजट का एक बड़ा हिस्सा इस पर खर्च हुआ है.

राजामौली 'आरआरआर' के लिए एक ऐसा गाना चाहते थे, जो पूरी फिल्म में आकर्षण का केंद्र बने. इसलिए उन्होंने इसकी जिम्मेदारी अपने सबसे विश्वास पात्र म्यूजिक डायरेक्टर एमएम कीरावाणी को दी, जो उनकी ब्लॉकबस्टर पहली पैन इंडिया फिल्म 'बाहुबली' के लिए गाना तैयार कर चुके थे. एमएम कीरावाणी के मार्गदर्शन में चंद्रबोस ने इस गाने के बोल लिखे. इसके बाद इसका संगीत तैयार किया गया. इस गाने को राहुल सिप्लिगुंज और काल भैरव ने गाया है. इसके बाद इसकी शूटिंग के लिए फिल्म की टीम यूक्रेन के कीव गई. वहां प्रेसिडेंट के घर मारिंस्की पैलेस में इसकी शूटिंग की गई. इसकी कोरियोग्राफी के लिए कोरियोग्राफर प्रेम रक्षित ने सैकड़ों स्टेप्स तैयार किए थे.

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आइए इस ऐतिहासिक गाने को तैयार करने वाली टीम के लोगों के बारे में जानते हैं...

1. डायरेक्टर- एसएस राजामौली

'मक्खी' और 'बाहुबली' जैसी बेहतरीन फिल्म देकर भारतीय सिनेमा की दशा और दिशा बदलने वाले एसएस राजामौली हिट फिल्मों की गारंटी के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने अभी तक 12 फिल्मों का निर्माण किया है, जिनमें सभी बॉक्स ऑफिस पर न केवल सुपर हिट रही हैं, बल्कि अपने कंटेंट की वजह से चर्चा का विषय बनी है. राजामौली एक ऐसे डायरेक्टर हैं जिनकी फिल्मों में काम करने वाला एक्टर भी सुपरस्टार बन जाता है. पहले प्रभास (बाहुबली) और अब राम चरण, जूनियर एनटीआर (आरआरआर) इस बात के गवाह है.

इनको राजामौली की फिल्मों में काम करने के बाद ही पैन इंडिया पहचान मिली है. राजामौली को भव्य सिनेमा के निर्माण के लिए भी जाना जाता है. कहानी से लेकर तकनीक तक, गाने से लेकर डांस तक, हर छोटी बड़ी चीज पर वो बहुत बारीकी से ध्यान देते हैं. उनके समर्पण की मिसाल इसी से समझी जा सकती है कि उन्होंने बाहुबली जैसी फिल्म के निर्माण के लिए खुद को 5 साल तक कैद कर लिया था. इस फिल्म के लिए लगातार 380 दिनों तक शूटिंग करते रहे थे. 'आरआरआर' के 4 मिनट 43 सेकेंड लंबे गाने की शूटिंग उन्होंने 20 दिन में की थी, इतने दिनों में बॉलीवुड की कई फिल्मों का एक तिहाई हिस्सा शूट हो जाता है. खासकर अक्षय कुमार जैसे कलाकार तो दो महीने में पूरी फिल्म शूट कर लेते हैं.

2. म्यूजिक डायरेक्टर- एमएम कीरावाणी

''मुझे भरोसा है. नाटू नाटू में जीतने की ताकत है. यह घमंड नहीं है. मैं एक संगीतकार के रूप में अपनी क्षमताओं को जानता हूं और मुझे पता है कि हर कंपोजिशन कैसा है. मुझे लगता है कि मैंने इस गाने में मैंने अच्छा प्रदर्शन किया है. इसे संभव बनाने के लिए शुक्रिया''...फिल्म 'आरआरआर' के म्यूजिक डायरेक्टर एमएम कीरावाणी की इन बातों से उनका आत्मविश्वास समझा जा सकता है. कीरावाणी साउथ सिनेमा के सबसे सफल संगीत निर्देशक माने जाते हैं. उन्होंने कई बॉलीवुड फिल्मों के गानों में भी संगीत दिया है.

1994 में रिलीज हुई फिल्म 'क्रिमिनल' के गाने 'तुम मिले दिल खिले', 2002 में रिलीज 'सुर' के गाने आ भी जा आ भी जा' और 1998 में रिलीज 'जख्म' के गाने 'गली में आज चांद निकला' संगीत कीरावाणी ने ही दिया था. राजामौली के निर्देशन में बनी पहली पैन इंडिया फिल्म 'बाहुबली' का संगीत निर्देशन भी उन्होंने किया था. 1990 में तेलुगु फिल्म 'मनासु ममता' से अपना फिल्मी करियर शुरू करने वाले कीरावाणी को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एमएम करीम के नाम से जाना जाता है. उनको बहुत ज्यादा धार्मिक माना जाता है. कहा जाता है कि वो कोई भी काम मुहूर्त देखकर करते हैं. यहां तक कि मुहूर्त देखकर ही कार से उतरते हैं. फिलहाल तेलुगू, हिंदी के साथ तमिल, कन्नड़ सिनेमा के लिए भी काम कर रहे हैं.

3. लिरिक्स- चंद्रबोस

तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री के लिए मुख्य रूप से काम करने वाले गीतकार चंद्रबोस का असली नाम कनुकुंतला सुभाष चंद्रबोस है. उन्होंने 1995 में तेलुगू फिल्म 'ताज महल' के साथ एक गीतकार के रूप में अपने करियर शुरुआत की थी. वो अबतक तीन हजार से अधिक गाने लिख चुके हैं. इससे पहले उन्होंने सिंगिंग में हाथ आजमाया था लेकिन बाद में वो सॉन्ग राइटिंग की तरफ शिफ्ट हो गए. चंद्रबोस को अपने गीतों में सरल बोलचाल के शब्दों का उपयोग करने के लिए जाना जाता है, जिससे वे श्रोताओं के लिए अधिक सुलभ और यादगार बन जाते हैं. ऑस्कर और गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड के अलावा चंद्रबोस ने नंदी अवॉर्ड (आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा फिल्म पुरस्कार), फिल्मफेयर साउथ अवॉर्ड और SIIMA अवॉर्ड जीते हैं. उनके कुछ सबसे लोकप्रिय गीतों में 'पुष्पा: द राइज़' (2021) का 'श्रीवल्ली', 'नेनुन्नानु' (2004) का 'नेनुन्नानी', और 'रंगस्थलम' (20+8) का 'आ गट्टुनुनतावा' शामिल हैं.

4. सिंगर- राहुल सिप्लिगुंज

'नाटू-नाटू' सॉन्ग को अपनी आवाज देने वाले सिंगर राहुल सिप्लिगुंज तेलुगू सिनेमा के मशहूर कलाकार हैं. उन्होंने अपने सिंगिंग करियर की शुरूआत यूट्यूब पर गानों के जरिए शुरू किया था. इसके बाद कई रियलिटी शोज में भी हिस्सा लिया. राहुल 'बिग बॉस तेलुगु' के तीसरे सीजन के विजेता हैं. वो सिंगर, सॉन्ग राइटर और म्यूजिशियन भी हैं. उन्होंने टॉलीवुड की कुछ फिल्मों के लिए भी काम किया है. इनमें 'जोश', 'ईगा', 'आरएक्स 100' और 'महर्षि' जैसी फिल्में शामिल हैं. उनकी पहली फिल्म धीरा है, जो कि साल 2009 में रिलीज हुई थी. इसके बाद उन्होंने 3 दर्जन से ज्यादा फिल्मों के लिए गाने का काम किया है. उन्होंने 'प्रेशर कूकर', 'रंगा मार्तंड' और 'रमा चक्कानी सीता' जैसी फिल्मों में एक्टिंग भी की है.

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5. सिंगर- काल भैरव

'नाटू-नाटू' सॉन्ग को गाने वाले दूसरे सिंगर काल भैरव इसके म्यूजिक डायरेक्टर एमएम कीरावाणी के बेटे हैं. उन्होंने साल 2011 में रिलीज हुई फिल्म 'राजन्ना' से अपने करियर की शुरूआत की थी. इसके बाद राजामौली की फिल्म 'बाहुबली' और 'बाहुबली 2' के कई गाने गाए, जिसके बाद फिल्म इंडस्ट्री में उनकी पहचान बनी. भैरव ने 'बाहुबली' के अलावा 'डियर कॉमरेड' (2019), 'जवान', 'नात्यम', 'यात्रा', 'गुल्ली राऊडी', 'कृष्णम', 'माजिली', 'कोंडा पोलम', 'कथनम', 'ओरेंज' और 'जर्सी' (2019) जैसी तेलुगु फिल्मों के लिए गाना गाया है.

6. कोरियोग्राफर- प्रेम रक्षित

प्रेम रक्षित तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर कोरियोग्राफर हैं. उन्होंने साउथ सिनेमा की कई फिल्मों में बतौर कोरियोग्राफर काम किया है. इनमें 'वीरम तमिल', 'आगाडु', 'बाहुबली: द बिगिनिंग', 'तानाशाह', 'बाहुबली 2: द कन्क्लूजन', 'मेर्सल', 'रंगस्थलम', 'अन्नात्थे, 'आरआरआर' और 'आचार्य' जैसी फिल्मे शामिल हैं. उन्हें बतौर कोरियोग्राफर साल 2005 में पहचान मिली, जब उन्होंने प्रभास की फिल्म 'छत्रपति' में काम किया. प्रेम का शुरूआती जीवन बहुत तंगी में गुजरा है. उनके पिता डांस असिस्टेंट का काम करते थे. लेकिन इतनी आमदनी नहीं हो पाती थी कि परिवार का पेट पल सके. उन्होंने कुछ दिनों तक ट्रेलर का भी काम किया, लेकिन बात नहीं. अंत में परेशान होकर उन्होंने खुदकुशी करने का फैसला कर लिया. इसके लिए चेन्नई के एक बीच पर पहुंचे, लेकिन उनके पिता की कॉल आ गई. उन्होंने बताया कि प्रेम को एक फिल्म में काम मिल गया है. इसके बाद उनकी किस्मत बदल गई.

7. डांसर/एक्टर- राम चरण

साउथ के सुपरस्टार राम चरण ने 2007 में रिलीज हुई पुरी जगन्नाथ की फिल्म 'चिरुथा' से अपने करियर की शुरुआत की थी. साल 2013 में फोर्ब्स इंडिया मैगजीन के 100 सेलिब्रिटी की लिस्ट में अपनी जगह बनाने वाले राम चरण को तीन फिल्म फेयर और दो नंदी अवॉर्ड मिल चुके हैं. उनको तेलुगू सिनेमा का हाईएस्ट पेड एक्टर माना जाता है. उनकी नेटवर्थ 2500 करोड़ रुपए से ज्यादा है. उनकी पत्नी उपासना अपोलो हॉस्पिटल्स के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन प्रताप सी. रेड्डी की पोती हैं. दोनों ने 14 जून, 2012 को शादी की थी. साल 2016 में उन्होंने अपना प्रोडक्शन हाउस खोला था, जिसका नाम 'कोन्निडेला प्रोडक्शन कंपनी' है. रामचरण हैदराबाद बेस्ड एयरलाइन ट्रू जेट के मालिक भी हैं. उनकी पोलो टीम भी है.

8. डांसर/एक्टर- जूनियर एनटीआर

''मुझे अभी अपनी खुशी को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं मिल रहे हैं. यह सिर्फ आरआरआर की जीत नहीं है बल्कि एक देश के तौर पर भारत की जीत है. मेरा मानना है कि यह अभी शुरुआत है. हमें दिखा रहा है कि भारतीय सिनेमा कितनी दूर जा सकता है''...फिल्म आरआरआर के ऑस्कर अवॉर्ड जीतने के बाद इसके लीड कलाकार जूनियर एनटीआर ने ये बातें कही हैं. जूनियर एनटीआर ने फिल्मों में एक्टिंग की शुरुआत साल 2001 में फिल्म 'स्टूडेंट नंबर 1' से की थी, जिसका निर्देशन एसएस राजामौली ने किया है. इस फिल्म से जूनियर एनटीआर रातोंरात स्टार बन गए थे. उनको एक्टिंग विरासत में मिली है. उनके दादा एनटी रामाराव तेलुगू सिनेमा के मशहूर नाम हैं. वो अभिनेता के साथ राजनेता भी थे.

नाटू नाटू सॉन्ग की शूटिंग के समय राजामौली क्या करते थे, इसके बारे में जूनियर एनटीआर ने एक इंटरव्यू में बताया था, ''हमने उस गाने को 20 दिनों तक शूट किया. राजामौली सर हमसे खूब काम कराते थे. हम रात को 11:30 बजे सोते थे और सुबह 5:30 बजे उठ जाते थे. गाने की शूटिंग से पहले 7 दिनों तक रिहर्सल हुआ था. इसके बाद जब शूटिंग शुरू हुई तो राजामौली हर फ्रेम को ध्यान से देखते थे. हर मूवमेंट को अलग-अलग कैप्चर करवाते थे. कोई कुछ गलत स्टेप करते तो उसे तुरंत टोक देते थे.''

9. प्रोग्रामर- जीवन बाबू

'नाटू-नाटू' सॉन्ग जीवन बाबू द्वारा प्रोग्राम किया गया था. वो तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री के लोकप्रिय संगीत निर्देशक और बैकग्राउंड स्कोर देने वाले हैं. उन्हें जे.बी नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2000 में की थी. उन्होंने अपना एल्बम 'प्रेमांटे थेलुसा' जारी किया. जेबी इस एल्बम के संगीत निर्देशक थे जिसमें 4 गाने शामिल थे. किसी फिल्म के लिए उनका पहला संगीत निर्देशन 'ई रोजुल्लो' के साथ था. ये फिल्म साल 2012 में रिलीज हुई थी. इसके सात गानों में जेबी ने संगीत दिया था.

10. प्रोग्रामर- सिद्धार्थ एस

सिद्धार्थ एस 'नाटू-नाटू' सॉन्ग के दूसरे प्रोग्रामर हैं. इन्होंने ज्यादातर जीवन बाबू के साथ ही सहायक के रूप में काम किया है.

सुनिए नाटू नाटू सॉन्ग का हिंदी वर्जन नाचो नाचो...

लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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