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Updated: 21 सितम्बर, 2017 07:58 PM
सिद्धार्थ हुसैन
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  @siddharth.hussain
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न्यूयॉर्क में आईफा अवॉर्ड के मंच पर करण जौहर, सैफ अली खान और वरुण धवन ने कंगना रनाउत का मजाक उड़ाया. इस अवॉर्ड फंक्शन को करण जौहर और सैफ होस्ट कर रहे थे और तभी एक मौके पर जब वरुण धवन स्टेज पर बेस्ट एक्टर कॉमिक रोल का अवॉर्ड लेने कि लिये पहुंचे तभी सैफ अली खान ने ‘नेपोटिज़्म’ यानी भाई भतीजावाद या खानदानवाद की बात छेड़ते हुए कहा- 'आज तुम जो भी हो सिर्फ अपने पिता की वजह से हो'.

इस पर वरुण धवन ने सैफ को जवाब दिया 'और आप जो भी हैं अपनी मां शर्मीली टैगोर की वजह से हैं'. बात यहीं नहीं थमी, फिर करण जौहर ने कहा 'मैं इस इंडस्ट्री में अपने पिता की बदौलत हूं'. और फिर तीनों ने ज़ोर से कहा 'नेपोटिस्म रॉक्स' सैफ और वरुण ने करण जौहर की फिल्म 'कभी खुशी कभी ग़म' का गाना गाते हुए कहा 'बोले चूड़ियां बोले कंगना' जिस पर करण जौहर ने तपाक से कहा 'कंगना ना ही बोले तो अच्छा है'.

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हालांकि अभी तक तो कंगना ने कोई जवाब नहीं दिया है लेकिन कंगना की बेबाक़ी को देखते हुए लगता नहीं है कि वो बहुत वक्त तक चुप बैठेंगी. करण जौहर और कंगना रनाउत के बीच जंग तब छिड़ी थी जब कंगना रनाउत ने करण के शो ‘कॉफ़ी विद करण’ पर करण जौहर को खुलेआम और डंके की चोट पर 'नेपोटिस्म का झंडा फैरानेवाला कहा था' कंगना ने करण को ये भी कहा था कि वो ना सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री के बच्चों को ही अपनी फिल्मों में लेते हैं बल्कि बाहर से आए और खासतौर से छोटी जगह से आए लोगों का मज़ाक भी उड़ाते हैं'. इस बात पर करण जौहर खिसिया गये थे, हालांकि वो कंगना की बात से सहमत नहीं हुए थे, लेकिन उन्होंने खेद प्रकट किया था.

‘कॉफ़ी विद करण’ पर करण जौहर ने कंगना को कोई जवाब नहीं दिया लेकिन कुछ दिनों बाद लंदन में एक इंटरव्यू के दौरान करण जौहर ने कंगना के प्रति अपनी भड़ास निकाली थी, अपनी सफाई में बोले-'कंगना शो पर मेरी मेहमान थीं, इसलिये जो भी उन्होंने वहां कहा मैंने चुपचाप सुना, कंगना ने मुझे 'नेपोटिस्म का झंडा फैरानवाला कहा' मेरे ख्याल से वो इसका मतलब भी नहीं जानतीं, और अगर उन्हें इतना डर लगता है तो वो फिल्म इंडस्ट्री छोड़ क्यों नहीं देतीं, वो हर समय सहानुभूति बटोरने में लगी रहती हैं'.

karan johar

करण जौहर के जवाब के बाद कंगना रनाउत चुप नहीं रहीं बाल्कि बेबाकी से फिर जवाब दिया 'कि मैं ना सिर्फ सहानुभूति का कार्ड बल्कि हर वो कार्ड खेलुंगी जिससे औरतों की इज़्ज़त पर आंच न आए, करण जौहर औरतों की बेइज़्ज़ती करने में क्यों लगे हुए हैं और वो कोई भी नहीं हैं ये कहनेवाले कि मैं इंडस्ट्री छोड़ दूं, मैं आज जहां भी हूं अपनी मेहनत से हूं, उम्मीद है करण अब पिता बन गये हैं तो मां-बाप के दर्द और अपने बच्चों के प्रति उनकी फ़िक्र को बेहतर समझेंगे'.

सभी को लगा करण जौहर और कंगना रनाउत के बीच कड़वे बोलों की जंग खत्म हो गयी लेकिन करण जौहर, सैफ अली खान और करण के चेले वरुण धवन ने एक बार फिर इस बात को तूल दे दिया है. दिलचस्प बात ये है कि जब करण, सैफ और वरुण से इसके बारे में पूछा जायेगा या जब कभी कंगना इस पर जवाब देंगी, तो ये तिकड़ी जरूर कहेगी 'इन्होनें मजाक किया था' दमदार बात तब होती अगर ये तीनों कंगना की हाज़िरी में ये बातें करते, ताकि कंगना को भी जवाब देने का मौका मिलता, पीठपीछे कहा तो क्या कहा. और यही वजह है जो इस मामले में कंगना की हिम्मत की दाद देनी होगी, क्योंकि उन्होंने करण जौहर को जो कहा उनके मुंह पर कहा. मगर करण जौहर में इतनी हिम्मत न तब थी और न अब है. मजाक में दिल की भड़ास निकालने वाले करण जौहर और उनके दोस्त सैफ-वरुण ने दरअसल इस बात का एहसास दिला दिया कि उनकी सोच और मानसिकता कितनी छोटी है.

kangana ranautकंगना रॉक्स !!

जो इन तीनों ने किया वो मजाक नहीं बल्कि तंज था, हालांकि ये तीनों आज सफल हैं लेकिन ये भी सच है कि करण जौहर की पहली फिल्म में शाहरुख-काजोल जैसे सितारे इसलिये थे क्योंकि वो बड़े निर्माता यश जौहर के बेटे थे, वरना कितने टेलेंटिड न्यूकमर्स, ऐसे सितारों के साथ अपनी पहली फिल्म बना पायेंगे, या सैफ शुरू में दनादन फ्लॉप देने के बाद भी टिके रहते या वरुण धवन अगर डेविड धवन के बेटे ना होते तो क्या करण जौहर की फिल्म से डेब्यू कर पाते. ये तीनों माने या ना मानें लेकिन इनकी शुरूआती जड़ें नेपोटिस्म की ही हैं, ये जरूर है कि बाद में इनकी सफलता इनकी अपनी मेहनत और टेलेंट से इन्हें मिली.

मगर बड़े बुज़ुर्ग कहते हैं ना कि 'आपके मजाक से आपकी जहनीयत का अंदाज़ा होता है' तो करण जौहर, सैफ अली खान और वरुण धवन ने भी साबित कर दिया कि ज़हनीयत उनकी 'नेपोटिस्म रॉक्स वाली ही है', तभी तो वो ऐसी लड़की का मजाक उड़ा रहे हैं जो किसी गॉडफ़ादर के बग़ैर उनके बराबर खड़ी है. तो हम तो यही कहेंगे 'नेपोटिस्म नहीं कंगना रॉक्स' और हर वो शक्स 'रॉक' करेगा जिसमें टेलेंट होगा फिर चाहे करण जौहर जैसा निर्माता उसे ब्रेक न भी दे, कोई फर्क नहीं पड़ता.

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लेखक

सिद्धार्थ हुसैन सिद्धार्थ हुसैन @siddharth.hussain

लेखक आजतक में इंटरटेनमेंट एडिटर हैं

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