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Updated: 22 दिसम्बर, 2017 02:34 PM
सिद्धार्थ हुसैन
सिद्धार्थ हुसैन
  @siddharth.hussain
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फिल्म देखने की वजह एक नहीं अनेक हैं ...

1) सलमान खान एक बार फिर टाइगर के रोल में

2) पाँच साल बाद सलमान कटरीना की जोड़ी

3) 2012 में रिलीज़ "एक था टाइगर" थी सुपर हिट , तो सीक्वल को मिला सही माईलेज

4) फिल्म के निर्देशक अली ज़फ़र और सलमान खान की पिछली फिल्म "सुलतान" थी सुपर हिट

5) सच्ची घटनाओं से प्रेरित है फिल्म की कहानी

पहले फिल्म की कहानी में ...

इराक में 25 भारतीय नर्सों का अपहरण ISIS आतंकवादी ऑर्गेनाइज़ेशन कर लेती है और फिर भारत के विदेश मंत्रालय अपने जासूस टाइगर यानि सलमान खान के ज़रिये सभी नर्सों को बचाने का प्लान बनाता है. सच्ची घटना से प्रेरित है टाइगर की कहानी दरअसल, असल में इराक में 46 भारतीय नर्सों के ISIS द्वारा अपहरण कर लिए जाने की घटना हुई थी. ये घटना इराक में सद्दाम हुसैन के गृह नगर तिकरीत में हुई थी, जहां के एक अस्पाताल में ये नर्सें काम करती थीं. जब ISIS ने इस शहर पर कब्जा किया, तो इन नर्सों को आतंकियों ने बंधक बना लिया था. जून 2014 में जब ये खबर दुनिया के सामने आई थी, तो हंगामा मच गया था. बेहद नाटकीय ढंग से उन नर्सों को बचाया गया था और इसी घटना को सलमान के ज़बरदस्त एक्शन के साथ पेश किया गया.

टाइगर जिंदा है, सलमान खान, बॉलीवुड, कटरीना कैफ

निलेश मिश्रा की कहानी दिलचस्प है और अली असग़र का स्क्रीनप्ले बाँध कर रखता है, फिल्म की शुरूआत में ही सलमान को सीक्वल के हिसाब से एक बच्चे का पिता दिखाया है और पूरी फिल्म में दाढ़ी में दिखते हैं, उनका गेटअप किरदार के साथ इंसाफ़ करता है, सलमान की एंट्री और भेड़ियों के साथ फिल्म में उनका पहला एक्शन दिल दहलाने वाला और फिर कटरीना के साथ उनका रोमांटिक गाना, पति पत्नी की केमेस्ट्री सही तरीके से दिखाता है. फिल्म में फ़र्स्ट हाफ अगर तैयारी है कि कैसे नर्सों को बचाया जायेगा तो दूसरे हाफ में अंजाम क्या होगा इस पर फ़ोकस किया गया है. इंटरनेश्नल स्तर के स्टंट फिल्म को और दिलचस्प बनाते हैं, हालांकि, कुछ एक्शन सीन्स बहुत लंबे हैं और थोड़ा बोर करते हैं, लेकिन सलमान के फैन्स वहाँ भी सीटी बजाये बग़ैर नहीं बैठेंगे.

कटरीना का रोल बहुत लंबा नहीं है, लेकिन सलमान के साथ उनकी जोड़ी मैच करती है. कटरीना ने भी बहुत अच्छा एक्शन किया है. फिल्म का स्क्रीनप्ले हॉलीवुड की एक्शन फिल्मों की याद ज़रूरी दिलाता है लेकिन आखिर में सलमान के चाहने वाले फिल्म ट्यूबलाइट की तरह इस बार निराश नहीं होंगे. बहस ये नहीं होगी कि फिल्म हिट है बल्कि बात ये होगी कि क्या "टाइगर ज़िंदा है "300 करोड़ का बिजनेस कर पायेगी या नहीं? एक्टिंग के डिपार्टमेंट में सलमान खान के अलावा कोई और स्टार इस फिल्म के लिये बना ही नहीं है, सलमान का एक्शन करना हो या टीशर्ट उतारना, या स्टाइल से डायलॉग बोलना, सभी मसाले हैं. सलमान एक बार फिर फ़ुल फ़ॉर्म में दिख रहे हैं. ये फिल्म जवाब है इस बात का कि सलमान इतने बड़े स्टार क्यों हैं. कटरीना कैफ़ भी अपने किरदार के साथ इंसाफ़ करती हैं और ख़ूबसूरत तो वो हैं ही. परेश रावल और कुमुद मिश्रा दोनों ने बेहद ग़ज़ब का अभिनय किया है, बल्कि कुमुद मिश्रा के पास डायलॉग्स कम हैं फिर भी वो दर्शकों को अपने हर डायलॉग से हंसाने में कामयाब होते हैं.

मुख्य खलनायक के रोल में अभिनेता सज्जाद देलाफ्रूज बेहद पावरफुल हैं और सलमान को बाक़ायदा टक्कर देते हैं. नये कलाकार परेश पहूजा और अंगद बेदी भी अपनी छाप छोड़ने में सफल रहते हैं. जूलियस पैकियम का संगीत असरदार है फिल्म के दो गाने सुपर हिट हैं, स्वैग से करेंगे स्वागत और दिल दियां गल्लां.

लोकेशन्स और मारसिन लास्काविक की सिनेमेटोग्राफ़ी असरदार है. कुलमिलाकर टाइगर ज़िंदा है कुछ ख़ामियों के बावजूद या कहें सिनेमेटिक लिबर्टी के साथ एंटरटेनिंग फिल्म है, जिसका श्रेय फिल्म के निर्देशक अली अब्बास ज़फ़र को जाता है. सुलतान जैसी सुपर हिट फिल्म के बाद सलमान के साथ वो एक और ब्लॉकबस्टर देंगे ये तय है.

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लेखक

सिद्धार्थ हुसैन सिद्धार्थ हुसैन @siddharth.hussain

लेखक आजतक में इंटरटेनमेंट एडिटर हैं

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