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Updated: 22 फरवरी, 2022 07:19 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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सच्चाई का रास्ता कठिन जरूर होता है, लेकिन यही रिश्तों में भरोसा पैदा करता है. बात चाहे इश्क की हो या आपसी रिश्तों की, किसी न किसी रूप में झूठ हर जगह मौजूद है. झूठ से भरोसा टूटता है, लोग परेशान होते हैं, बिखरते हैं और टूट जाते हैं. इसलिए कहा गया है कि झूठ और फरेब की बुनियाद पर बने रिश्तों की उम्र बहुत कम होती है. इन्हीं तथ्यों को एक कहानी के जरिए पेश करती एक वेब सीरीज 'मिथ्या' ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर स्ट्रीम हो रही है. अप्लॉज एंटरटेनमेंट और रोज ऑडियो विजुअल्स के बैनर तले बनी इस साइकोलॉजिकल थ्रिलर का निर्देशन रोहन सिप्पी ने किया है. इसमें हुमा कुरैशी, परमब्रत चटर्जी, अवंतिका दसानी, समीर सोनी, अवंतिका आरेकर और रजित कपूर अहम रोल में हैं. वेब सीरीज की कहानी अल्थिया कौशल, अन्विता दत्त और पूर्वा नरेश ने लिखी है.

untitled-1-650_022222065937.jpgसाइकोलॉजिकल थ्रिलर वेब सीरीज 'मिथ्या' में हुमा कुरैशी और अवंतिका दसानी लीड रोल में हैं.

वेब सीरीज 'मिथ्या' साल 2019 में रिलीज हुई एक वेब सीरीज 'चीट' की ऑफिशियल अडप्टेशन है. इसकी सबसे खास बात ये है कि अपने जमाने की मशहूर अदाकारा भाग्यश्री की बेटी अवंतिका दसानी ने इसके जरिए अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की है. लेकिन समस्या ये है कि अवंतिका के केंद्रीय किरदार में होने और बेहतरीन अभिनय के बावजूद वेब सीरीज औसत दर्जे का ही बन पाई है. यहां तक कि इसके ऑफिशियल अडप्टेशन में ही चीटिंग नजर आती है. काफी हद तक इसका दोष निर्देशक और पटकथा लेखकों को दिया जाना चाहिए. लेखन टीम ऐसी पटकथा लिखी है जिसमें रहस्य तो आखिर तक बना रहता है, लेकिन इसे देखने का रोमांच दर्शक बीच में ही खो देते हैं. 'जंगली', 'दम मारो दम' और 'टैक्सी नंबर 9 2 11' जैसी फिल्मों का निर्देशन करने वाले रोहन सिप्पी उम्मीद पर खरे नहीं उतर पाते.

Mithya Web series की कहानी

'मिथ्या' वेब सीरीज की कहानी एक हिंदी प्रोफेसर जूही अधिकारी (हुमा कुरैशी) और रिया राजगुरू (अवंतिका दसानी) के ईद-गिर्द घूमती है. दार्जिलिंग के एक कॉलेज में जूही अधिकारी हिंदी साहित्य पढ़ाती है. उसके पिता आनंद (रजीत कपूर) अंग्रेजी के मशहूर शिक्षक होते हैं. अपने पिता की छत्र छाया से बाहर निकल अपना अलग मुकाम बनाने के लिए जूही हिंदी साहित्य में कदम रखती है. वो अपने पति नील अधिकारी (परमब्रत चटर्जी) के साथ रहती है, लेकिन उसकी जिंदगी में सुकून नहीं है. घर से कॉलेज तक वो अतृप्त नजर आती है. वो एक तरफ घर पर पति के साथ हमबिस्तर होकर बच्चे की योजना बनाती है, तो दूसरी तरफ कॉलेज में एक प्रोफेसर को देखकर कामुक हो जाती है. रिया राजगुरू शहर को एक हाईप्रोफाइल फैमिली की लड़की है. उसे हिंदी आती तो नहीं है, लेकिन साहित्य में उसे नाम कमाने की भूत सवार हो जाती है.

रिया दूसरों की मदद लेकर और चोरी कि गए साहित्य के जरिए निबंध लिखकर कॉलेज में पेश करती है. जूही उसका कंटेंट देखते ही समझ जाती है कि वो रिया के लिखे नहीं हैं. उसे बुलाकर पूछताछ करती है, तो रिया जूही को ब्लैकमेल करने लगती है. रिया का ये रवैया जूही अधिकारी को रास नहीं आता और वो उसे हिंदी साहित्य में फेल कर देती हैं. यहां से कहानी में नया ट्विस्ट आता है. बदले की आग में जल रही रिया, जूही से बदला लेने के लिये उसके घर तक पहुंच जाती है. उसके पति के साथ शराब पीती है. उसे अपनी तरफ आकर्षित करती है. इसी दौरान जूही की सबसे प्रिय पालतू बिल्ली की रहस्यमयी ढंग से मौत हो जाती है. जूही को शक है कि रिया ने ऐसा किया है. अभी वो इसकी पड़ताल कर ही रही होती है कि उसके पति नील अधिकारी (परमब्रत चटर्जी) की हत्या हो जाती है. कहानी यही से तेजी के साथ साजिश से मर्डर मिस्ट्री की तरफ बढ़ जाती है. पालतू बिल्ली और नील की हत्या की किसने की है? 6 एपिसोड की वेब सीरीज के अंत में इसी सवाल का जवाब दिया जाता है.

Mithya Web series की समीक्षा

क्राइम फिक्शन में कई सब-जॉनर होते हैं. इसमें जासूसी फिक्शन जैसे व्होडुनिट जॉनर मुख्य है, जिसमें ये पता लगाने की अंत तक कोशिश की जाती है कि क्राइम आखिर किसने किया है? 'मिथ्या' भी इसी शैली की सीरीज है. 'जंगली', 'दम मारो दम' और 'टैक्सी नंबर 9 2 11' जैसी फिल्मों के निर्देशन के जरिए अपनी पहचान बनाने वाले रोहन सिप्पी ने इस सीरीज के साथ निर्देशन में वापसी की है. लेकिन शो में रहस्य के साथ रोमांच बरकरार नहीं रख पाए हैं. यही वजह है कि दर्शक ऊबने लगते हैं. वो तो भला कहिए सीरीज के संपादक को, जिन्होंने बहुत ही टाइट एडिटिंग करके एपिसोड को 30-30 मिनट का रखा है. इसका फायद ये होता है कि लोग जैसे ही ऊबने लगते हैं, अगला एपिसोड शुरू हो जाता है. एक अंग्रेजी वेब सीरीज के हिंदी अडप्टेशन के दौरान जो सावधानियां बरती जानी चाहिए, वो बरती नहीं गई हैं.

इसकी पटकथा में ऐसी कई बाते हैं, जो हर समय खटकती रहती हैं. मसलन, एक छात्रा केवल विषय में फेल किए जाने से इतना प्रतिशोधी क्यों हो जाती है? एक प्रोफेसर को उसकी पत्नी की छात्रा इतनी आसानी से कैसे अपनी जाल में फंसा लेती है? रिया एक बड़े बाप और परिवार की बेटी है, तो उसके बारे में घरवालों को क्यों नहीं सूचित किया जाता? रिया ने अपने लैपटॉप पर बड़े अक्षरों में 'स्पेस्ड आउट' क्यों लिखा है? हिंदी की एक प्रोफेसर जो शुद्ध साहित्यिक है, साड़ी पहनती है, लेकिन दूसरी तरफ नशेड़ी है, कामुक है, फरेबी है, झूठ की बुनियाद पर अपने रिश्तों को बनाती है. हिंदुस्तान में इस तरह का कैरेक्टर भी कुछ लोगों के गले नहीं उतरेगा. ऐसा लगता है कि ब्रिटिश सीरीज 'चीट' का गूगल ट्रांसलेशन किया गया है. जो दिखता तो हिंदी है, लेकिन मतलब समझ नहीं आता. हां, कलाकारों ने अपने प्रदर्शन के जरिए सीरीज को संभालने की कोशिश की है. जूही अधिकारी के किरदार में हुमा कुरैशी और रिया राजगुरू के किरदार में अवंतिका दसानी जम रहे हैं.

हुमा कुरैशी अपनी अभिनय प्रतिभा और खूबसूरती से डूबते जहाज को बचाने की पूरी कोशिश की है. अवंतिका दसानी ने इस सीरीज के जरिए डेब्यू किया है. स्टार किड्स होने के बावजूद उनमें अपार संभावनाएं दिखती है. उन्होंने अपने अभिनय से प्रभावित किया है. हालांकि, उनको अभी बहुत कुछ सीखना है. परमब्रत चटर्जी, समीर सोनी, अवंतिका आरेकर और रजित कपूर लिमिटेड स्क्रीन स्पेस मिलने वजह से उभर कर सामने नहीं आ पाए हैं. कुल मिलाकर, 'मिथ्या' एक औसत दर्जे की वेब सीरीज है. इसमें समय मिलने पर एक बार देखा जा सकता है. साइकोलॉजिकल थ्रिलर के शौकीन दर्शकों के लिए फायदे का सौदा हो सकता है.

iChowk.in रेटिंग: 5 में से 2.5 स्टार

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लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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