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Updated: 07 दिसम्बर, 2022 01:17 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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साउथ की फ़िल्में हिंदी पट्टी के बीच आग लगा रही हैं. फैंस साउथ से आ रही फिल्मों को किस तरह हाथों हाथ ले रहे हैं बॉक्स ऑफिस कलेक्शन से इस बात का अंदाजा बड़ी ही आसानी से लगाया जा सकता है. सवाल ये है कि हिंदी बेल्ट में साउथ के सिनेमा के प्रति ये रुझान आखिर कैसे आया? वजह कास्टिंग से लेकर डायरेक्शन और कहानी तक बहुत सारी हैं. यानी जब साउथ में राजामौली या मणिरत्नम जैसे डायरेक्टर के पास कोई अच्छी स्क्रिप्ट आती है, और उसे ये लगता है कि, किसी स्थापित नाम के बजाए कोई न्यू कमर रोल के साथ न्याय कर पाएगा. तो साउथ का निर्देशक रिस्क लेने से घबराता नहीं है. नतीजा क्या होता है बहुत ज्यादा कुछ कहने और बताने की जरूरत नहीं है. बॉलीवुड यहीं मार खाता है. अच्छी कहानी होने के बावजूद निर्देशक उन्हीं स्टार्स को कास्ट करता है जिन्हें हम बार बार लगातार पर्दे पर देख रहे हैं. अक्षय कुमार भी ऐसे ही एक्टर हैं. अक्षय को कभी हम पैडमैन के रूप में देखते हैं तो कभी बाला के रूप में वो हमको गुदगुदाने की नाकाम कोशिश करते हैं. हमने अक्षय को पृत्वीराज के रोल में भी देखा लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण ये रहा कि चाहे वो लुक रहा हो या फिर एक्टिंग पृथ्वीराज में अपने अंदर के बाला को दूर करने में अक्षय बुरी तरह विफल रहे. अक्षय फिर सुर्ख़ियों में हैं कारण बने हैं छत्रपति शिवाजी.अक्षय कुमार ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की और बताया है कि जल्द ही वो हमें छत्रपति शिवाजी के रूप में रुपहले पर्दे पर दस्तक देते दिखाई देने वाले हैं.

Akshay Kumar, Shivaji, Maratha, Film, Bollywood, Mahesh Manjrekar, Boycott, Prithvirajअपनी अपकमिंग फिल्म वेडात मराठे वीर दौड़ले सात में बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार

जिक्र छत्रपती शिवजी पर बन रही फिल्म का हुआ है. तो बताते चलें कि फिल्म मराठी भाषा में बन रही हैं और अक्षय इस फिल्म में लीड रोल में हैं. फिल्म को महेश मांजरेकर द्वारा निर्देशित इस फिल्म को वसीम कुरैशी प्रोड्यूस कर रहे हैं. इस फिल्म के लिए निर्देशक की जीम्मेदारी महेश मांजरेकर को सौंपी गई है. फिल्म अक्षय कुमार की पहली मराठी फिल्म है जिसका नाम वेडात मराठे वीर दौड़ले सात है.

फैंस को जानकारी खुद अक्षय कुमार ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये दी है. अक्षय ने ट्विटर पर छत्रपति शिवाजी महाराज की एक तस्वीर साझ की है, जिसमें अक्षय कुमार भी दिखाई दे रहे हैं. पोस्ट में अक्षय ने लिखा है कि, 'आज मराठी फिल्म वेडात मराठे वीर दौड़ले सात की शूटिंग शुरू कर रहा हूं, जिसमें छत्रपति शिवाजी महाराज जी की भूमिका कर पाना मेरे लिए सौभाग्य है. मैं उनके जीवन से प्रेरण लेकर और मां जिजाऊ के आशीर्वाद से मेरा पूजा प्रयास करूंगा. आशीर्वाद बनाए रखिएगा.'

क्योंकि फिल्म किसी और पर नहीं बल्कि छत्रपति शिवाजी पर है इसलिए इंडस्ट्री के अलावा सोशल मीडिया पर खूब बज है इसलिए अक्षय भी अपने इस नए रोल को भुनाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. उन्होंने दोबारा एक पोस्ट अपने फैंस से शेयर की जिसमें उन्होंने लिखा कि , 'जय भवानी जय शिवाजी.'

 
 
 
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फिल्म में अक्षय कुमार के अलावा उत्कर्ष शिंदे, विशाल निकन, विराट मडके, जय दूधाने, हार्दिक दोशी, सत्या, नवाब खान और प्रवीण तारणे शामिल हैं. फिल्म को लेकर जो जानकारी बाहर आई है उसके अनुसार अक्षय की वेडात मराठे वीर दौड़ले सात 2023 में दिवाली के मौके पर सिनेमाघरों में दस्तक देगी. बताया ये भी जा रहा है कि फिल्म को चार भाषाओं मराठी, हिंदी, तमिल और तेलुगू में रिलीज किया जाएगा.

शिवाजी को पर्दे के जरिये कैश कराने में अक्षय कुमार और महेश मांजरेकर कामयाब होते हैं? फिल्म हिट होती है या फिर इसका हश्र पृथ्वीराज सरीखा ही होगा इसका फैसला तो बॉक्स ऑफिस करेगा लेकिन जिस तरह अक्षय कुमार को कास्ट करके एक अच्छी स्क्रिप्ट का कबाड़ा किया गया सवाल महेश मांजरेकर से जरूर होना चाहिए.

महेश को जनता के सामने आना और इस बात को बताना चाहिए कि, ऐसी क्या वजह थी कि, उन्हें इतनी बड़ी इंडस्ट्री में ,छत्रपति शिवाजी के रोल के लिए अक्षय के अलावा कोई और समझ में ही नहीं आया. क्या बतौर निर्देशक महेश ने पृथ्वीराज और पृथ्वीराज में अक्षय कुमार द्वारा की गयी एक्टिंग नहीं देखी? क्या अन्य निर्देशकों की तरह शिवाजी के रोल के लिए अक्षय को कास्ट करके महेश ने भी बस एक फॉर्मेलिटी को अंजाम दिया है?

विषय बहुत सीधा है. अगर हम ये कह रहे हैं कि शिवाजी के रोल के लिए अक्षय कुमार निर्माता निर्देशकों की एक वाहियात चॉइस हैं तो बात यूं ही नहीं है. क्या फिल्म का निर्माण करने से पहले महेश ने किसी तरह का कोई होम वर्क किया? क्या उन्होंने शिवाजी के बारे में पढ़ा और इतिहास पर नजर डाली ? अगर महेश ने शिवाजी पर सही रिफ्रेंस से जानकारी जुटाई होती तो उन्हें मालूम चलता कि शिवाजी कद काठी बोल चाल में कहीं से भी अक्षय कुमार से मैच नहीं होते/

यहां अक्षय का शिवाजी की तरह कपड़े पहन लेना मुद्दा नहीं है. बतौर एक्टर अक्षय में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे वो शिवाजी का रोल कर दर्शकों को बांध सकें. इसके अलावा जब हम अक्षय की एक्टिंग का अवलोकन करते हैं तो एक सबसे बड़ी कमी जो हमें अक्षय कुमार में दिखाई देती है वो ये कि चाहे वो बोलने का अंदाज हो या फिर हाव भाव अक्षय भले ही अलग अलग फ़िल्में करते हों मगर हर जगह वो एक जैसे ही नजर आते हैं.

अंत में हम फिर इस बात को दोहराना चाहेंगे कि अगर शिवाजी पर बन रही फिल्म में अक्षय काम कर ही रहे थे तो निर्देशक के लिए बेहतर यही रहता कि अपनी इस फिल्म में वो अक्षय को शिवाजी नहीं औरंगजेब बनाते. इससे होता ये कि अक्षय अपने कम्फर्ट जोन को तोड़ते और थोड़ी मेहनत करते वहीं दर्शकों को भी पर्दे पर कुछ नया देखने को मिलता.

बहरहाल अब जबकि फिल्म आ रही है तो कहना गलत नहीं है कि बॉलीवुड के साथ साथ मराठी सिनेमा के भी बुरे वक़्त की शुरुआत हो गयी है और वजह और कोई नहीं बल्कि अक्षय कुमार बने हैं.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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