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Updated: 05 नवम्बर, 2022 04:42 PM
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जुग जुग जियो, लाइगर और ब्रह्मास्त्र के बाद करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन की फिल्म गोविंदा नाम मेरा सिनेमाघरों में रिलीज नहीं होगी. जो रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं उसमें बताया जा रहा कि विक्की कौशल और कियारा आडवाणी स्टारर फिल्म को सिनेमाघरों की बजाए सीधे ओटीटी पर रिलीज किया जाएगा. कहा यह भी जा रहा है कि करण ने फिल्म के लिए जितनी डिमांड की थी उन्हें काफी कम पैसे मिले हैं. बात चाहे प्रमोशन की हो या रिलीज की, करण जौहर को डिस्ट्रीब्यूशन का मास्टर कहा जाता है. लेकिन गोविंदा नाम मेरा की रिलीज को लेकर जो खबर आ रही है उसका एक संकेत तो यही है कि हाल में सिनेमाघरों से मिले अनुभव के बाद उन्होंने अपनी फिल्म को सीधे ओटीटी पर स्ट्रीम करना ज्यादा बेहतर पाया है.

असल में जुग जुग जियो ने अपनी लागत से कुछ ही ज्यादा कमा पाई थी. पैन इंडिया रिलीज की गई लाइगर भी डिजास्टर साबित हुई थी. जबकि ब्रह्मास्त्र को लेकर ऐतिहासिक विरोध देखने को मिला. अभी तक फिल्म का बॉक्स ऑफिस रहस्य ही है. ब्रह्मास्त्र भारी-भरकम बजट में बनाई गई थी. फिल्म फ्लॉप हुई या हिट, यह बात आधिकारिक रूप से धर्मा प्रोडक्शन ही बता सकता है, कोई और नहीं. बावजूद, मौजूदा हालात में गोविंदा नाम मेरा को ओटीटी पर लाने का फैसला स्मार्ट ही कहा जाएगा. विक्की कौशल-कियारा आडवाणी और भूमि पेडणेकर की फिल्म कब और किस प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम होगी अभी कुछ भी साफ नहीं हुआ है. लेकिन बॉलीवुड हंगामा के मुताबिक़ फिल्म के राइट्स को 62 करोड़ रुपये में स्टार नेटवर्क को बेंचा गया है. इसमें डिजिटल और सैटेलाईट- दोनों राइट्स शामिल हैं. स्टार नेटवर्क को राइट्स मिलने का मतलब है कि फिल्म को डिजनी प्लस हॉटस्टार के प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम किया जाएगा.

karan joharगोविंदा नाम मेरा

करण जौहर ने जितने पैसे मांगे थे, नहीं मिले

वैसे जो अमाउंट फिल्म के राइट्स के बदले धर्मा प्रोडक्शन को मिला है, उनकी डिमांड से बहुत कम है. इससे पहले बैनर ने 80 करोड़ रुपये मांगे थे, लेकिन डिजिटल पार्टनर रकम देने को तैयार नहीं हुए. आखिर में उन्हें 62 करोड़ में डील फाइनल करनी पड़ी. बावजूद फैसला बैनर के पक्ष में है. असल में टिकट खिड़की पर बॉलीवुड फिल्मों का अंजाम बहुत देखने को मिल रहा है. और इसकी वजह खराब कॉन्टेंट, निगेटिव कैम्पेन और दक्षिण से मिली चुनौती की वजह से बॉलीवुड को भारी नुकसान झेलना पड़ा. यह भी देखने को मिला कि कोरोना महामारी के बाद बड़ी संख्या में अटकी थीं. उन्हें रिलीज करने की होड़ मच गई. टिकट खिड़की पर बेमतलब की भिड़ंत ने भी फिल्मों को कारोबारी फ्रंट पर नुकसान ही पहुंचाया. चूंकि करण जौहर के बैनर को लेकर लोगों में भारी गुस्सा दिखा है, तो गोविंदा नाम मेरा का ओटीटी पर जाना उनके लिए बेहतर ही है.

गोविंदा नाम मेरा का निर्देशन शशांक खेतान ने किया है. शशांक, जौहर खेमे के भरोसेमंद निर्देशकों में शामिल हैं. जहां तक बात फिल्मों को ओटीटी  पर ले जाने की है इससे पहले कार्तिक आर्यन की फ्रेडी को भी ओटीटी पर रिलीज करने की घोषणा हुई. राजकुमार राव, राधिका आप्टे और हुमा कुरैशी की मोनिका ओ माई डार्लिंग को भी ओटीटी पर ही रिलीज किया जाएगा. ओटीटी पर निर्माताओं को नुकसान की आशंका कम है. उन्हें डील में पहले ही पैसे मिल जाते हैं. कॉन्टेंट अच्छा रहा तो उसे देखा भी जाता है और निगेटिव कैम्पेन का वहां बहुत ज्यादा असर नहीं दिखता.

करण जौहर के लिए ओटीटी फायदेमंद रहा है

अगर देखा जाए तो बॉलीवुड की जो फ़िल्में सिनेमाघरों में आई उनकी तुलना में ओटीटी रिलीज फिल्मों  का सक्सेस रेट बहुत बढ़िया रहा है. धर्मा प्रोडक्शन की ही गुंजन सक्सेना, गहराइयां हो या शेरशाह तीनों फ़िल्में ओटीटी पर रिलीज हुई थी और उन्हें इसका फायदा भी मिला था. डार्लिंग्स जैसी अन्य बैनर की फिल्मों को भी ओटीटी पर देखा गया और उसकी चर्चा भी हुई. कहने की बात नहीं कि मौजूदा दौर में क्लैश या फिर निगेटिव कैम्पेन का सामना कर रहे बैनर्स के लिए ओटीटी एक बेहतर और सुरक्षित विकल्प है. 

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