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Updated: 30 जनवरी, 2021 03:10 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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कंट्रोवर्सी क्वीन कंगना रनौत बखूबी जानती हैं कि उनको सुर्खियों में कैसे रहना है. देश में चल रहे विवादास्पद मुद्दों पर वह खुलकर अपनी राय जाहिर करती हैं. यदि किसी ने उनका विरोध किया, तो उससे भिड़ भी जाती हैं. सुशांत सिंह राजपूत डेथ केस को लेकर कंगना ने महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार और कांग्रेस के खिलाफ जिस तरह से मोर्चा खोला, उसने एक्ट्रेस को एक राजनीतिक पाले में खड़ा कर दिया. वह पाला है कट्टर राष्ट्रवाद और उसकी पोषक राजनीतिक पार्टी बीजेपी का. अब कंगना एक नए विवाद को जन्म देने जा रही है. इसकी शुरूआत उन्होंने इंदिरा गांधी पर बनने वाली एक अनाम फिल्म के ऐलान से कर दी है.

kangaa-650_013021022016.jpgइंदिरा गांधी के रोल में दिखेंगी कंगना रनौत

बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगान रनौत एक ऐसी पीरियड पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म करने जा रही हैं, जिसमें वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभाएंगी. यह फिल्म इंदिरा गांधी की बायोपिक तो नहीं होगी, लेकिन इसमें उनसे जुड़ी राजनीतिक घटनाओं को दिखाया जाएगा. कई बड़े कलाकार इस प्रोजेक्ट का हिस्सा होंगे. इस अपकमिंग फिल्म का टाइटल फिलहाल तय नहीं हुआ है. फिल्म की कहानी एक किताब पर आधारित है. इस किताब का नाम क्या है, इसका खुलासा अभी तक नहीं किया गया है. डायरेक्टर और राइटर साईं कबीर फिल्म की स्टोरी और स्क्रीनप्ले लिख रहे हैं, जो कंगना के साथ 'रिवॉल्वर रानी' में काम कर चुके हैं.

कंगना रनौत (Kangana Ranaut) द्वारा जारी एक ऑफिशियल स्टेटमेंट में कहा गया है, 'जी हां, हम प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. स्क्रिप्ट फाइनल स्टेज में है. यह इंदिरा गांधी की बायोपिक नहीं, बल्कि ग्रैंड पीरियड फिल्म है. यह फिल्म मेरी जनरेशन के लोगों को भारत के वर्तमान सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य को समझने में मदद करेगी. मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मेरे प्यारे मित्र साई कबीर मेरे साथ इस पॉलिटिकल ड्रामा पर काम कर रहे हैं. इसका निर्देशन मणिकर्णिका फिल्म्स की ओर से किया जाएगा. इसे साई कबीर ने लिखा है. वही इसका निर्देशन भी करेंगे.'

फिल्म में इमरजेंसी और ऑपरेशन ब्लूस्टार की कहानी

बताया जा रहा है कि इस फिल्म के जरिए इंदिरा गांधी के शासन काल की इमरजेंसी और ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसी घटनाओं को दिखाया जाएगा. हम सभी जानते हैं कि इमरजेंसी और ऑपरेशन ब्लू स्टार इंदिरा गांधी के जीवन के दो सबसे बड़े विवादास्पद मुद्दे रहे हैं. इमरजेंसी के दौरान जिस तरह पूरे देश को 'बंधक' बनाकर मनमानी की गई थी, उसे आज भी लोग भूल नहीं पाते हैं. देश के इतिहास में इमरजेंसी के दौर को 'ब्लैक पीरियड' के तौर पर याद किया जाता है. इसी तरह ऑपरेशन ब्लू स्टार में जो कुछ हुआ, उसकी वजह से सिख समुदाय इंदिरा और कांग्रेस के खिलाफ हो गया था.

क्या था ऑपरेशन ब्लूस्टार, क्यों है इस पर विवाद?

80 के दशक में पंजाब में उग्रवाद चरम पर था. खालिस्तानी पंजाब को अलग देश बनाने की मांग कर रहे थे. इसी बीच साल 1984 में खालिस्तानी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले ने अपने समर्थकों के साथ सिखों की आस्था के पवित्रतम स्थान स्वर्ण मंदिर पर कब्जा कर लिया. सभी उग्रवादियों ने वहां अपना ठिकाना बना लिया. इन्हीं उग्रवादियों से स्वर्ण मंदिर को मुक्त करने के लिए जो अभियान चलाया गया, उसे इतिहास में ऑपरेशन ब्लू स्टार के नाम से जानते हैं. भारतीय सेना ने स्वर्ण मंदिर परिसर में प्रवेश करके आपरेशन ब्लूस्टार को अंजाम दिया था. सिख समुदाय ने इसे हर मंदिर साहिब की बेअदबी माना था.

क्या कांग्रेस इंदिरा की इस छवि को पचा पाएगी?

ऑपरेशन ब्लूस्टार और इमरजेंसी के बारे में जानने के बाद आप इतना तो समझ ही गए होंगे कि इस फिल्म के जरिए कंगना रनौत इंदिरा गांधी की कौन सी छवि देश के सामने पेश करने वाली हैं. विवादास्पद मुद्दों को दिखाए जाने के बाद यकीनन देश में बवाल होना तय है. कांग्रेस इतनी आसानी से अपनी पार्टी की इतनी बड़ी नेता की नकारात्मक छवि पेश नहीं करने देगी. जैसा कि हर बार होता है, इस फिल्म के बनने और रिलीज होने तक सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक विवाद होगा. फिल्म बैन करने की मांग होगी. केस दर्ज कराए जाएंगे, लेकिन तबतक इसका आर्थिक और राजनैतिक फायदा जिसे जितना चाहिए उसे मिल चुका होगा.

'द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर' में मनमोहन सिंह

कहते हैं समझदार के लिए इशारा काफी होता है. साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के आसपास एक फिल्म आई थी 'द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर' (The Accidental Prime Minister). यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनमोहन सिंह के मीडिया एडवाइजर रहे संजय बारू की किताब पर आधारित थी. फिल्म में संजय बारू का किरदार करने वाले अक्षय खन्ना मनमोहन सिंह का रोल करने वाले अनुपम खेर से खुद को महाभारत का संजय बताते हैं. इस तरह मनमोहन सिंह की जिंदगी की महाभारत को संजय की नजरों से देखने का मौका मिलता है.

फिल्म में दिखाई पूर्व प्रधानमंत्री की कमजोर छवि

'द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर' फिल्म में अनुपम खेर (Anupam Kher) ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कैरेक्टर को हूबहू परदे पर उतारने की कोशिश की थी. उनकी चाल-ढाल, रहन-सहन और बोली तक को कॉपी किया गया था, ताकि रील के जरिए रियल लाइफ का मैसेज सटीक दिया जा सके. इस फिल्म के जरिए मनमोहन सिंह की कमजोर छवि पेश की गई थी. इसमें दिखाया गया था कि कांग्रेस सु्प्रीमो सोनिया गांधी उनको डिक्टेट किया करती थी. मनमोहन सोनिया के कठपुतली थे. इस तरह चुनाव के आसपास ऐसा माहौल बनाया गया कि देश को 'कठपुतली' नहीं मोदी जैसा पीएम चाहिए. इस फिल्म को लेकर बहुत बवाल हुआ था. मनमोहन समर्थकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने फिल्म के बैन की मांग की थी. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि कंगना की अपकमिंग फिल्म के साथ क्या होता है?

लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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