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Updated: 09 जून, 2020 09:19 PM
अनु रॉय
अनु रॉय
  @anu.roy.31
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Well, maturity is really just another word for how much misery you'd swallow! फ़िल्म के डायलॉग कभी-कभी ज़िंदगी के सबसे कड़वे सच को बता जाते हैं. सच ही तो है, जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हम पर जिम्मेदारियां आती हैं हम ख़ुद खोने लगते हैं. हम ज़िंदगी को जानने लगते हैं और फिर ज़िंदगी हम से हमारे ख़ुद को जानने के सफ़र को छीन लेती है. हम ज्यों-ज्यों उम्र के पड़ाव को पार करते हैं, दुनिया की नज़रों में मच्योर होते जाते हैं समाज के बनाए दायरे में ख़ुद को फ़िट करने की कोशिश में घुटने लगते हैं. हम उम्र के आख़िरी पड़ाव में ‘हम’ कहां रहते हैं, हम वो हो जाते हैं जो समाज-दुनिया और परिवार हमें बनाना चाहता था. हम क्या बनना चाहते थे ये तो भूल ही जाते हैं.

ऊपर लिखा डायलॉग रिचर्ड यानि जॉनी डेप (Johnny Depp) बोल रहें होते हैं तो उनकी आवाज़ ख़ाली होती है, आंखें ख़ामोश. ये डायलॉग फ़िल्म The Professor का है. जिसमें जॉनी एक प्रोफ़ेसर हैं जिसे अचानक ही पता चलता है कि उसे कैंसर हुआ है और वो भी आख़िरी स्टेज पर है. वो ठीक नहीं हो सकता है. जो पहले से ही अपनी ज़िंदगी से जूझ रहा. उसकी शादी टूट रही है. वो अपनी पत्नी के साथ तो रह रहा लेकिन प्यार उस शादी के बंधन से कब का जा चुका है लेकिन फिर भी वो रह रहा है अपनी बीवी के साथ ही. वो पत्नी के साथ रह कर भी अकेला ही है. एक बार ऐसे ही बातों-बातों में उसकी पत्नी उससे सवाल करती है, What happened to us? रिचर्ड सिर्फ़ एक लफ़्ज़ बोलता है, Life!

Hollywood, Johnny Depp, Birthday, Lifestyle, Relationship हॉलीवुड एक्टर जॉनी डेप का शुमार उन लोगों में है जिन्होंने अपने जीवन में कई उतार चढ़ाव देखे हैं

ज़िंदगी सच में कितनी क्रूर हो जाती है अगर साथी रह जाए लेकिन साथ खो जाए तो. रिचर्ड और उसकी पत्नी ऐसे ही दो लोग हैं जो कभी प्यार में थे लेकिन अब साथ रह रहें अजनबी हैं. बात-बात पर एक दूसरे को नीचा दिखाना, छोटी-छोटी चीजों पर लड़ना उनकी बेटी को परेशान करता है. एक दिन मां-बाप के झगड़े को देखने के बाद रिचर्ड से उनकी बेटी कहती है, 'आप और मॉम प्यार नहीं करते हैं एक दूसरे से, सिर्फ़ झगड़ते रहते हो तो साथ क्यों रह रहे हो. अलग क्यों नहीं हो जाते?”

इस पर रिचर्ड कहते हैं, 'जैसे-जैसे हम मच्योर होते हैं, ज़िंदगी को समझने लगते हैं और जो हम चाह रहें होते हैं ज़िंदगी से वो हमें नहीं मिलता, तो उस नहीं मिल पाने, ज़िंदगी में कमी रह जाने का इल्ज़ाम किसी और के सिर दे सकें इसलिए साथ रह रहें होते हैं लेकिन सभी रिश्ते ऐसे नहीं होते... मगर हां ज़्यादातर ऐसा ही होता है.'

ये सिर्फ़ रिचर्ड के हिस्से का सच नहीं बल्कि हम सबके हिस्से की थोड़ी-थोड़ी हक़ीक़त है और जॉनी डेप के भी असल वाली जीवन की. The professor एक छोटी सी प्यारी सी फ़िल्म है. जो जॉनी की बाक़ी के फ़िल्मों के अपेक्षा कम मशहूर हुई लेकिन ये फ़िल्म जॉनी के ज़िंदगी के क़रीब है. अपनी फ़िल्मों की तरह ही 9 जून 1963 में जॉनी क्रिस्टोफ़र डेप की ज़िंदगी काफ़ी रंगीन रही है.

कई बार खुले में उन्होंने स्वीकार किया कि 12 साल की उम्र से ही उन्होंने सिगरेट पीनी शुरू कर दी थी और जिसका उन्हें पछतावा है. अपनी शराब और ड्रगस के लत को ले कर भी उन्होंने स्वीकार किया कि उनकी ज़िंदगी जो आसान हो सकती थी लेकिन इन आदतों की वजह से उलझती चली गयी. उन्होंने खुद के लिए जो सोचा वो कई बार हो कर भी नहीं हुआ.

वो ख़ुद कहते हैं कि ज़िंदगी में उन्हें प्यार कई बार हुआ लेकिन वो ख़ुद तो कभी उनके साथ उस प्यार को न सम्भाल पाए और न सहेज पाए. ज़िंदगी में कई मलाल लिए चलने वाले जॉनी को सिर्फ़ सकून अपने दोनों बच्चों के बारे में सोच कर मिलता है. उन्होंने हार्पर बाज़ार को दिए एक इंटरव्यू में कहा भी था, 'मेरी बेटी रोज़ के होने के पहले मैं सिर्फ़ जी रहा था. मेरी ज़िंदगी को मायने मेरी बेटी ने दिया. वो मेरी ज़िंदगी की सबसे ख़ूबसूरत चीज़ है.'

कई बार प्यार और दो बार शादी करने के बाद भी जॉनी की ज़िंदगी में एक ख़लिश सी है. ऐम्बर हर्ड से उनकी मुहब्बत और फिर तलाक़ दोनों की कड़वी यादें अब भी उनके साथ है. आज जॉनी 58 वां जन्मदिन मना रहें हैं. फ़ेवरेट नहीं लेकिन प्रिय ज़रूर हैं जॉनी. आज के दिन उनके लिए यही दुआ करूंगी कि ज़िंदगी अब थोड़ी नर्म होना तुम उनके लिए. वो ख़ुशियां जो अब तक नहीं मिलीं वो मिले इस शानदार अभिनेता को. दिन मुबारक हो जॉनी. स्टे यंग एंड हैंडसम.

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लेखक

अनु रॉय अनु रॉय @anu.roy.31

लेखक स्वतंत्र टिप्‍पणीकार हैं, और महिला-बाल अधिकारों के लिए काम करती हैं.

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