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Updated: 14 अप्रिल, 2023 01:19 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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इन दिनों बॉलीवुड एक्ट्रेस रानी मुखर्जी अपनी हालिया रिलीज़ फिल्म, मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे के खुमार में हैं. जैसी इस फिल्म में रानी की परफॉरमेंस है हर कोई हैरत में है. फिल्म की रिलीज के पहले कहा यही जा रहा था कि फिल्म में 'देबिका' के साथ अगर कोई सच में इंसाफ कर सकता है वो रानी ही हैं. मगर अब जबकि फिल्म हमारे सामने है रानी ने अपनी अदाकारी से फैंस से लेकर क्रिटिक्स तक सब को हैरान कर दिया है. क्योंकि रानी खुद एक बेटी की मां हैं उन्होंने अपनी बेटी आदिरा के बारे में खुल कर बात की है. रानी ने खुलासा किया कि मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे का ट्रेलर देखने के बाद आदिरा फुट फूट कर रोई थी. एक बातचीत में, रानी ने खुलासा किया कि आदिरा अभी इसके लिए तैयार नहीं है कि उसकी मां एक एक्टर है. रानी ने बताया कि, 'आदिरा ने फिल्म नहीं देखी है. उसने वास्तव में ट्रेलर देखा था. यह पूछे जाने पर कि क्या वह जल्द ही उन्हें फिल्म दिखाएंगी, रानी ने कहा, 'अभी उनके लिए फिल्म देखना जल्दबाजी होगी, वह अभी भी बहुत छोटी हैं.'

Rani Mukerji, Mother, Daughter, Film, Film Industry, Bollywood, Mrs Chatterjee Vs Norway,Interviewरानी मुखर्जी ने बच्ची के पर जो कहा है उसमें गहरा विरोधाभास है

रानी ने ये भी कहा कि, आदिरा मुझे एक अभिनेता और एक मां के रूप में अलग नहीं कर पा रही है. इसलिए, अगर मैं ऑनस्क्रीन रो रही हूं, तो उसे लगता है कि मेरी मां को चोट लगी है और वह रो रही हैं. वह इसे नहीं ले सकती. हो सकता है, 3-4 साल बाद वो इन चीजों को समझने में सक्षम हो जाए और इन्हें लेकर सहज हो जाए.

इस बात में कोई शक नहीं है कि एक मां होने के नाते जो कुछ भी रानी ने कहा है वो ठीक है. और उनकी बातों का स्वागत होना चाहिए. लेकिन सवाल ये है कि क्या ऐसे ही विचार उन्हें कभी दूसरों की बेटी के लिए आए? क्या उन्होंने कभी ये सोचा कि वो या कोई और जो फ़िल्में बना रहे हैं उसका क्या असर होगा? खासतौर से तब जब उन फिल्मों को छोटे छोटे बच्चे देख रहे हों. एक इंसान के तौर पर रानी को इस बात को समझना होगा कि मुद्दों के प्रति सिलेक्टिव होना बहुत अच्छी बात है लेकिन दिक्कत तब है जब इंसान सिर्फ अपनी परवाह करे और कुछ विशेष चीजों के लिए सिलेक्टिव हो जाए.

विषय बहुत सीधा है एक मां होने के नाते रानी अपनी बेटी को हिंसा, खून खराबे, आंसू, अश्लीलता से दूर रखने में कामयाब हुई हैं लेकिन जरूरी नहीं कि देश की हर मां ऐसा कर पाए. रानी ने एक उदाहरण सेट किया है बहुत अच्छी बात, लेकिन वैसा हर इंसान नहीं कर सकता. जिस तरह उन्हें अपने बच्चे की फ़िक्र है उसी तरह उन्हें और भी बच्चों, उनकी कोमल भावना का ख्याल रखना चाहिए.

बहरहाल एक स्टार के रूप में रानी आदिरा को सोशल मीडिया और पैपराज़ी हसल कल्चर से दूर रखने में सफल रही हैं. इस बारे में भी उन्होंने बात की है और कहा है कि, फ़िलहाल के लिए यह बहुत जरूरी है.हम जानते हैं कि कल जब आदिरा बड़ी हो जाएगी, और उसके पास चीजों को देखने समझने की सलाहियत होगी तब हम उसके साथ वैसा नहीं कर सकते जो अभी हम उसके साथ कर रहे है. तब उसे अपने फैसले खुद ही लेने होंगे.

बहरहाल, मुद्दा बस इतना है कि जिस तरह रानी अपनी बेटी को गलत से बचा रही हैं काश उन्होंने यही काम अन्य मामलों या ये कहें कि अपनी फिल्मों के चयन के वक़्त किया होता. रानी को इस बात को समझना होगा कि उनके फिल्मीं करियर में कुछ एक फ़िल्में ऐसी भी हैं जिन्हें एक सभ्य आदमी बैठकर अपने परिवार के साथ नहीं देखा सकता.

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बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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