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Updated: 06 अगस्त, 2022 06:40 PM
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संजय मिश्रा और तिग्मांशु धूलिया की डार्क कॉमेडी Holy Cow बनकर तैयार है. फिल्म को इसी महीने 26 अगस्त के दिन रिलीज किया जाएगा. ख़ास बात यह है कि फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी भी गेस्ट अपीयरेंस में नजर आएंगे. Holy Cow का लेखन और निर्देशन साईं कबीर ने किया है जबकि इसका निर्माण नवाजुद्दीन की पत्नी आलिया सिद्दीकी ने किया है. फिल्म के बारे में बहुत सारी चीजें ज्सुअके टीजर और ट्रेलर आने के बाद ही साफ हो पाएंगी, लेकिन संजय मिश्रा के फिल्म की कहानी क्या है- इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है.

फिल्म की कहानी पिछले कुछ सालों में गाय को लेकर हुई कुछ घटनाओं के आसपास बुनी गई है. हालांकि गाय को लेकर जो कई भयावह घटनाएं सामने आई थीं जिसमें लोगों को गोकशी के शक में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला. ऐसे भी मामले दिखे जिसमें कुछ समूहों ने कथित गाय के तस्करों को पकड़ने के लिए रात रात भर ऑपरेशन चलाएं थे. चूंकि Holy Cow एक डार्क कॉमेडी है तो इस बात की संभावना बहुत कम है कि इसमें लिंचिंग की कोई सच्ची घटना दिखाई जाए.

holy cowहोली काऊ के पोस्टर में संजय मिश्रा.

क्या है संजय मिश्रा के Holy Cow की कहानी?  

लेकिन यह जरूर है कि तमाम सच्ची घटनाओं से प्रेरित होकर उसे कॉमिक अंदाज  में परोसने की कोशिश हो. किरदारों से इसे समझना मुश्किल भी नहीं. असल में फिल्म में संजय मिश्रा मुख्य भूमिका में हैं. उनका किरदार सलीम अंसारी नाम के एक मुस्लिम व्यक्ति का है. सलीम के पास एक गाय है- रुखसार. सलीम अपनी गाय को बेइंतहा प्यार करता है. मगर एक दिन अचानक उसकी गाय गायब हो जाती है. सलीम पूरी रात गाय खोजने की कोशिश में जुट जाता है.

असल में सलीम के इसी रतजगे में जो कुछ होता है उसे ही कहानी का हिस्सा बनाया गया है. चूंकि फिल्म में निर्माता-निर्देशक और अभिनेता तिग्मांशु धूलिया भी हैं तो माना जा सकता है कि डार्क कॉमेडी में उनका किरदार ग्रे शेड लिए हुए हो. तिग्मांशु इससे पहले कई फिल्मों में दबंग की भूमिका निभाते दिख चुके हैं. लिंचिंग की घटनाओं के मद्देनजर Holy Cow की कहानी का अनुमान लगाना मुश्किल नहीं. फिल्म के जरिए लेखक और निर्देशक ने घटनाओं को किस तरह कॉमिक अंदाज में परोसा होगा यह देखना दिलचस्प होगा.

फिल्म का विषय तीखा, लिंचिंग पर कोई स्थापना होगी जरूर, कहीं मेकर्स को भारी ना पड़ जाए

Holy Cow का अहम विषय असल में लिंचिंग ही है. स्वाभाविक है कि फिल्म में लिंचिंग की घटनाओं का कॉमिक विश्लेषण जरूर होगा और कोई ना कोई स्थापना भी होगी. यही संवेदनशील मसला है. लिंचिंग की जो कुछ घटनाएं देश के अलग-अलग हिस्सों में देखने को मिली हैं उनपर अदालती कार्रवाई चल रही हैं. संजय मिश्रा और तिग्मांशु धूलिया की फिल्म की वजह से लिंचिंग पर एक बहस या पब्लिक ओपिनियन बन सकता है. और इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि यह साईं कबीर की फिल्म के लिए नुकसान देह साबित हो.

Holy Cow जैसी फ़िल्में भी जरूरी जो नायक की परिभाषा को बदल देती हैं

देश में हीरो का मतलब एक्शन-रोमांटिक भूमिकाओं में नजर आने वाले सुपरस्टार्स से की जाती है. मगर पिछले दो दशक में बॉलीवुड की कहानियां एक नया कैनवास बनाते दिखी हैं. इन कहानियों ने नायकों को लेकर स्थापित परिभाषाएं बदल दी हैं. Holy Cow एक ऐसी कहानी है जिसमें 58 साल के संजय मिश्रा हीरो हैं. यह निश्चित ही एक्टर्स फिल्म है और पिछले कुछ सालों में इस तरह की फिल्मों ने दर्शकों का एक बड़ा वर्ग तैयार किया है. अकेले संजय मिश्रा ही इस तरह की ना जाने कितनी फिल्मों में मुख्य भूमिका निभाते नजर आ चुके हैं.

इस कड़ी में संजय मिश्रा ने अब तक कई फिल्मों में बेहतरीन काम किया है. कड़वी हवा (2017), अंग्रेजी में कहते हैं (2018), रक्खोश (2019) और कामयाब (2020) जैसी फ़िल्में शुमार की जा सकती हैं.

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