New

होम -> सिनेमा

 |  4-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 03 अप्रिल, 2022 09:20 PM
आईचौक
आईचौक
  @iChowk
  • Total Shares

कश्मीर घाटी में जेहाद, अलगाववाद, राजनीति और आतंकवाद की जो बड़ी बहस 'द कश्मीर फाइल्स' ने खड़ी की है उसका असर देश दुनिया में साफ़ देखा जा सकता है. गैरमसाला फिल्म ने सिर्फ बहस भर नहीं खड़ी ई बल्कि ऐसे ऐसे कारोबारी मुकाम भी हासिल किए हैं जिसकी गूंज आने वाले कई बरस तक सुनाई देती रहेगी. हाल ही में एक यूट्यूब चैनल से बातचीत में करण जौहर ने भी माना कि कश्मीर फाइल्स एक आंदोलन हैं और नए फिल्म मेकर्स को इससे सीख लेना चाहिए. जौहर ने यह भी कहा कि फिल्म का बजट उतना बड़ा नहीं है जैसे ज्यादातर फिल्मों का होता है. शायद यह भारतीय सिनेमा की सबसे बड़ी कॉस्ट-टू-प्रॉफिट हिट होने वाली है.

करण के अलावा ट्रेड हलके में ज्यादातर यह मानकर चल रहे हैं कि हिंदी सिनेमा के इतिहास में द कश्मीर फाइल्स सबसे बड़ी कॉस्ट-टू-प्रॉफिट हिट है. कॉस्ट-टू-प्रॉफिट हिट का मतलब है फिल्म की लागत के मुकाबले उससे होने वाली कमाई. कॉस्ट-टू-प्रॉफिट हिट के मामले में द कश्मीर फाइल्स पहले सिर्फ एक फिल्म नजर आती है. वह थी- 1975 में आई जय संतोषी मां. स्क्रीन इंडिया की 1975 की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ जय संतोषी मां का बजट महज 25 लाख रुपये था मगर इसने बॉक्स ऑफिस पर 50 मिलियन से ज्यादा का कारोबार किया था.

tkfद कश्मीर फाइल्स.

हकीकत में द कश्मीर फाइल्स ने कितना मुनाफा कमाया?

कश्मीर में गैरमुस्लिमों के नरसंहार और पलायन की दर्दनाक कहानी पर बनी द कश्मीर फाइल्स का कुल बजट 14 करोड़ बताया जा रहा है. कुछ रिपोर्ट्स में फिल्म का बजट 20 करोड़ के आसपास बताया जा रहा है. अगर फिल्म की लागत 20 करोड़ भी मान ली जाए तो तीसरे हफ्ते के ख़त्म होने तक फिल्म ने सर्फ भारत में ही 238.28 करोड़ का कारोबार किया है. कलेक्शन में से लागत के 20 करोड़ निकाल दिया जाए तो यह 218.28 करोड़ के आसपास बचता है जिसे आप शुद्ध मुनाफा कह सकते हैं. यानी लागत के मुकाबले विवेक की फिल्म ने करीब 1100% से ज्यादा मुनाफा कमाया है.

बॉलीवुड में कोई भी फिल्म द कश्मीर फाइल्स के आसपास भी नजर नहीं आती. यह बात भी ध्यान देना चाहिए कि फिल्म का ओवरसीज कलेक्शन भी बहुत बेहतर निकलकर सामने आया है. और अभी यह फिल्म देश-विदेश के तमाम सिनेमाघरों में चल रही है. माना जा सकाता है कि अभी फिल्म का कुल लाइफ टाइम कलेक्शन कहीं बहुत आगे खड़ा दिखेगा और जब उस आधार पर फिल्म का कॉस्ट-टू-प्रॉफिट निकाला जाएगा तो निश्चित ही यह 1100 प्रतिशत से भी कहीं बहुत ज्यादा होगा. अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी और दर्शन कुमार की जबरदस्त भूमिकाओं से सजी फिल्म बॉलीवुड के इतिहास की ऑलटाइम ब्लॉकबस्टर माना जा सकता है.

अबतक 6 फिल्मों को मिला है ऑलटाइम ब्लॉकबस्टर का दर्जा

बॉक्स ऑफिस इंडिया के मुताबिक़ बॉलीवुड के इतिहास में बेतहाशा कमाई करने वाली सिर्फ छह फिल्मों को अभी तक ऑलटाइम ब्लॉकबस्टर माना गया है. इसमें से आख़िरी फिल्म 21 साल पहले आई थी. फिल्म थी गदर: एक प्रेम कथा. ऑलटाइम ब्लॉकबस्टर की लिस्ट में जो अन्य फ़िल्में हैं उनमें शोले (1975) पहले नंबर पर है. शोले के बाद क्रमश: मुग़ल-ए-आजम (1960), मदर इंडिया (1957), हम आपके हैं कौन (1994), और दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995) टॉप पांच की सूची में शामिल हैं.

द कश्मीर फाइल्स की कहानी क्या है?

फिल्म की कहानी दो विस्थापित कश्मीरियों के जरिए कही गई है. एक बुजुर्ग अपने पोते के साथ दिल्ली में रहता है. उसका पोता जेएनयू जैसी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करता है. उसे अपने परिवार के अतीत की जानकारी नहीं है. उसे यह भी नहीं पता है कि आखिर कश्मीर में उसके परिवार के साथ और तमाम गैरमुस्लिमों के साथ क्या हुआ था. वह एक वामपंथी छात्र संगठन से जुड़ जाता है. पोते को दादा ने भी अतीत के बारे में कभी नहीं बताया और घरवापसी के आंदोलनों में शामिल होता रहता है. वहां मारे गए अपने लोगों के न्याय की मांग करता रहता है. पोते से भी बार-बार दोबारा कश्मीर के अपने घर जाने की इच्छा जताता रहता है.

दादा की मौत के बाद जब पोता उसकी अस्थियों को लेकर कश्मीर जाता है और एक-एककर सच्चाइयां सामने आने लगती हैं- उसके पांव की जमीन हिल जाती है. वह एक ऐसे कश्मीर को देखता जो उसकी तमाम धारणाओं को तहस-नहस कर देती है. राजनीति, प्रेस मीडिया और सिविलि सोसायटी की भूमिका को लेकर वह उबल जाता है और उसे एहसास होता है कि मानव इतिहास की सबसे क्रूरतम घटना का शिकार उसके परिवार और समुदाय के लोग बनें जिन्हें अलग-अलग नैरेटिव की चादरों से ढंक कर रखा गया था. छिपा कर रखा गया और कोशिश जारी है. .  

लेखक

आईचौक आईचौक @ichowk

इंडिया टुडे ग्रुप का ऑनलाइन ओपिनियन प्लेटफॉर्म.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय