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Updated: 21 नवम्बर, 2022 10:50 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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यदि ये कहें कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के एक बड़े धड़े का कारोबार रीमेक फिल्मों की वजह से चलता रहा है, तो ये गलत नहीं होगा. हॉलीवुड और साउथ सिनेमा की फिल्मों के हिंदी रीमेक की परंपरा बहुत पुरानी है. इसकी शुरूआत 70 के दशक में ही शुरू हो गई थी. हालांकि, तब चोरी छुपे फिल्मों का रीमेक किया जाता था. उस वक्त ऐसे संसाधन और तकनीक नहीं थी, जिससे कि किसी को चोरी पकड़ी जाए. यही वजह है कि बड़े पैमाने बिना क्रेडिट दिए रीमेक फिल्में बनाई गईं. अमिताभ बच्चन, जितेंद्र और अक्षय कुमार जैसे सुपर सितारे रीमेक फिल्मों की वजह से ही इतने मशहूर हुए. लेकिन जैसे-जैसे तकनीक मजबूत हुई, चोरी पकड़े जाने लगी. इसके बाद ऑफिशियल रीमेक का दौर शुरू हुआ. इसमें फिल्म के हिंदी राइट के बदले पैसे देने पड़ते थे. लेकिन ये फिर भी सस्ता पड़ता था. क्योंकि बिना अतिरिक्त मेहनत किए, थोड़े से हेरफेर के बाद एक हिट मिल जाती थी.

इंटरनेट के व्यापक प्रसार से पहले तक साउथ या हॉलीवुड की हिंदी रीमेक फिल्मों को अच्छा रिस्पांस मिलता था. लेकिन बाद के समय में लोगों को समझ में आ गया कि उनके सामने बासी कहानी परोसी जा रही है. क्योंकि यूट्यूब या ओटीटी पर लोग पहले ही उन फिल्मों का हिंदी डब वर्जन देख चुके रहते हैं. इसके परिणामस्वरूप हिंदी रीमेक फिल्में तेजी से फ्लॉप होने लगीं. यदि हम केवल इसी साल की बात करें, हालिया रिलीज 'दृश्यम 2' को छोड़कर ज्यादातर फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही हैं. इनमें रितिक रौशन-सैफ अली खान की फिल्म 'विक्रम वेधा', अक्षय कुमार की 'कठपुतली', तापसी पन्नू की 'दोबारा' से लेकर आमिर खान की 'लाल सिंह चड्ढा' और जॉन्हवी कपूर की 'मिली' तक का नाम शामिल है. फ्लॉप रीमेक फिल्मों की फेहरिस्त में सबसे अलग 'दृश्यम 2' साबित हुई है. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि रीमेक होने के बावजूद इसका ट्रीटमेंट अलग किया गया है.

650x400_112122080149.jpgफिल्म 'दृश्यम 2' ने वर्ल्डवाइड 95 करोड़ रुपए कलेक्शन कर लिया है.

'दृश्यम 2' की कहानी मेकर्स के पास पहले से मौजूद थी, उसके बावजूद इसे हिंदी दर्शकों के टेस्ट के लिहाज से लिखने में सात महीने लग गए. इसमें ऐसे बहुत सारे बदलाव किए गए, जो कि मूल मलयालम और तेलुगू फिल्म में देखने को नहीं मिलेगा. जैसे कि अक्षय कुमार (पुलिस अफसर) और कमलेश सावंत (गायतोंडे) किरदार अलग से रचा गया है. ये मूल फिल्म में देखने को नहीं मिलेगा. फिल्म की कहानी जीतू जोसेफ ने किया है, जो कि इसकी मूल फिल्म के भी लेखक हैं. लेकिन उन्होंने हिंदी दर्शकों के हिसाब से नई कहानी की रचना की है. इसमें सबसे अहम रोल फिल्म के निर्देशक अभिषेक पाठक का भी रहा है. उनको समझ में आ चुका था कि यदि पहले की तरह रीमेक बनाई गई, तो इसे फ्लॉप होने से कोई नहीं रोक सकता, क्योंकि दर्शक इस कहानी तो पहले ही देख चुका है. ऐसे में भला अपने पैसे खर्च करके वो इसे हिंदी भाषा में देखने के लिए क्यों आएगा.

इसी सवाल ने अभिषेक पाठक को कुछ नया करने के लिए प्रेरित किया. इसके बाद उन्होंने अपनी लेखन टीम के सदस्यों आमिल कियान खान और जीतू जोसेफ के साथ कहानी, पटकथा और संवाद पर जमकर मेहनत किया. इसके बाद फिल्म के मूल किरदारों के अलावा कुछ नए किरदार गढ़े गए. इसमें नए जांच अधिकारी आईजी तरुण अहलावत के किरदार में अक्षय खन्ना को लाया गया. अपनी प्रतिभा के मुताबिक अक्षय ने अपने किरदार में जान डाल दी है. यदि अजय देवगन और तब्बू के साथ उनको फिल्म का मजबूत आधार स्तंभ कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी. अपनी इन कोशिशों के बारे में खुद अभिषेक कहते हैं, ''जब हमने फिल्म लिखना शुरू किया तो ऐसा नहीं था कि हमने तुरंत शूटिंग शुरू कर दी थी. फिल्म को लिखने में हमें 7 महीने लग गए थे. इसलिए बहुत सारे बदलाव हैं, जो इसे मलायलम और तेलुगू वर्जन से अलग बनाते हैं. लेकिन फिल्म की मूल आत्मा वही है.''

रीमेक फिल्मों पर अभिषेक पाठक का कहना है, ''मुझे लगता है कि ओरिजनल फिल्म बनाने से ज्यादा कठिन रीमेक बनाना होता है. जब आप नई कहानी पर कोई फिल्म बनाते हैं, तो उसके लिए कोई रिफरेंस प्वाइंट नहीं होता, जिससे उसकी तुलना की जा सके. रीमेक फिल्म के मामले में ऐसा होता है. लोग उसके ओरिजनल फिल्म से उसकी तुलना करने लगते हैं. किसी सुपरहिट फिल्म के रीमेक के मामले में तो ये बहुत ज्यादा होता है. क्योंकि लोग उस फिल्म को पहले से ही पसंद करते हैं. जैसे ही रीमेक रिलीज होती है, उसकी तुलना शुरू कर देते हैं. यही वजह है कि हमने 'दृश्यम 2' में कई सारे बदलाव किए हैं. नए सीक्वेंस और सीन डाले गए हैं, जो ओरिजनल में नहीं हैं. नए किरदार शामिल किए गए हैं. जैसे कि अक्षय खन्ना का किरदार, जो कि पूरी जांच को अपने अंदाज में करता है. हम गायतोंडे को भी दोबारा लेकर आए हैं, जो कि मूल फिल्म का सबसे बड़ा आकर्षण था.

लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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