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Updated: 28 जनवरी, 2021 04:34 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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फिल्म एक्टर दिलजीत दोसांझ कहां हैं? कहीं नजर नहीं आ रहे? क्या हो गया उनको? सोशल मीडिया पर लोग इस समय दिलजीत दोसांझ को बड़ी शिद्दत से खोज रहे हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या हो गया कि लोगों को दिलजीत की इतनी जरूरत पड़ गई. दरअसल, किसान आंदोलन में सबसे ज्यादा मुखर और बात-बात पर दो-दो हाथ करने पर उतारू रहने वाले ये पंजाबी एक्टर 26 जनवरी को हुए किसानों के हिंसात्मक आंदोलन के बाद से गायब है. अभी तक उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. यहां तक की फिल्म एक्ट्रेस कंगना रनौट के एक तंज भरे ट्वीट का भी उन्होंने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है. जबकि वह उनकी हर बात का जवाब देते रहे हैं. दिलजीत एकदम चुप्पी साधे हुए हैं.

diljit-650_012821022828.jpgफिल्म एक्टर दिलजीत दोसांझ की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है.

किसान आंदोलन के समर्थन में दिलजीत दोसांझ काफी एक्टिव रहे हैं. उन्होंने किसानों के लिए एक करोड़ रुपये दान भी दिया था. यहां तक कि किसान आंदोलन की मुखालफत कर रहीं कंगना रनौट के साथ उनका जबरदस्त ट्विटर वार भी हुआ था. वह खुलकर धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों के पक्ष में बात कर रहे थे. किसानों के समर्थन में धरने पर भी बैठे. उनको संबोधित भी किया. केंद्र सरकार से मांग की थी कि किसान जिस कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं, उसे वापस लिया जाए. लेकिन अचानक दिलजीत गायब हो गए. 14 जनवरी के बाद से उनका एक भी ट्वीट किसानों के संबंध में नहीं आया. यहां तक कि गणतंत्र दिवस पर किसानों द्वारा किए गए हंगामे के बाद भी उन्होंने एक शब्द भी न लिखा न ही कुछ कहा है.

आखिर दिलजीत की इस रहस्यमयी चुप्पी का राज क्या है? चलिए आपको हम बताते हैं. किसान आंदोलन के शुरू होने के बाद आयकर विभाग भी सक्रिय हो गया है. लीगल राइट ऑब्ज़र्वेटरी द्वारा दायर एक शिकायत पर संज्ञान लेते हुए आयकर विभाग किसान आंदोलन में विदेशी फंडिंग की जांच करने लगा. इसी क्रम में एक्टर-सिंगर दिलजीत दोसांझ और उनकी कंपनियों की भी जांच शुरू हो गई है. आरोप है कि पंजाबी म्यूजिक लेबल स्पीड रिकॉर्ड्स नामक एक कंपनी मनी लॉन्ड्रिंग और रूटिंग गतिविधियों में शामिल रही है. यह किसान आंदोलन को जारी रखने के लिए फंडिंग कर रही है. इतना ही नहीं इस कंपनी का संबंध खालिस्तानी संगठन खालसा एड के साथ भी है.

यह भी आरोप है कि दिलजीत को जिस फाउंडेशन के जरिए अपने म्यूजिकल प्रोग्राम के लिए पैसे मिलते हैं, वह भारत में काम करने के लिए एफसीआरए के तहत रजिस्टर्ड नहीं है. हालांक, इस तरह की खबरें वायरल होने के बाद दिलजीत ने अपना पक्ष भी रखा. उन्होंने आयकर विभाग की ओर से जारी एक सर्टिफिकेट दिखाते हुए कहा कि उनके खिलाफ चाहे जितनी भी साजिश कर ली जाए, वो झुकने वाले नहीं हैं. वित्त मंत्रालय द्वारा जारी जिस सर्टिफिकेट को उन्होंने ट्विटर पर शेयर किया, उसमें लिखा था, 'यह साबित किया जाता है कि दलजीत सिंह ने वित्त वर्ष 2019-2020 के लिए टैक्स भरा है और रिटर्न फ़ाइल किया है. हम करदाता की प्रशंसा करते हैं. इस महान देश को बनाने में उनके योगदान को पहचानते हुए उन्हें प्लैटिनम कैटेगरी में रखते हैं.'

दिलजीत चाहे जितनी भी सफाई दे लें, लेकिन लोगों का तो यही कहना है कि किसानों के लिए क्रांतिकारी बने एक्टर आयकर विभाग की जांच शुरू होते ही गायब हो गए हैं. ऐसे माहौल में कंगना रनौत कहां पीछे रहने वाली हैं. दिलजीत से उनकी अदावत तो पुरानी है. लाल किले में किसानों द्वारा किए गए हंगामें के तुरंत बाद उन्होंने दिलजीत दोसांझ और मशहूर एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा को आड़े हाथों ले लिया. उन्होंने ट्वीट कर लिखा- 'दिलजीत दोसांझ और प्रियंका चोपड़ा इसे एक्सप्लेन करने की जरूरत है. आज पूरी दुनिया हमारे ऊपर हंस रही है. ये ही चाहिए था न तुम लोगों को. बधाई.' बताते चलें कि दिलजीत की तरह प्रियंका चोपड़ा ने भी देशभर में चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन किया है.

कंगना के इस ट्वीट का दिलजीत ने तो कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन ट्विटर पर उनके खिलाफ लोग जमकर अपनी प्रतिक्रिया देने लगे. एक फैन ने गुस्से में लिखा, 'किसानों का प्रदर्शन दिलजीत के चेहरे पर थप्पड़ है।' अब भला कंगना इस पर कहां चुप रहने वाली हैं. उन्होंने लिखा, 'यह दिलजीत के चेहरे पर थप्पड़ नहीं है. यही तो वह चाहता था. उसे जो चाहिए था वह इस देश ने थाली में सजाकर दे दिया.' एक यूजर ने दिलजीत को टैग करते हुए लिखा, 'सुना है दिल्ली में ट्रैक्टर लेकर घुसने वाले बाहर निकलने का रास्ता ढूंढ रहे हैं.' लोग इतने पर ही नहीं रुके एक शख्स ने निहंग सिख की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि क्या इस दिन के लिए पूरी पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री दिलजीत का साथ दे रही थी?

दिलजीत उर्फ दलजीत (एक्टर का ये सरकारी नाम है) बाबू आप जहां कहीं भी हैं, जैसे भी हैं, आपको लोगों के सामने आना चाहिए. जिस तरह से आपने किसान आंदोलन को देश का आंदोलन बताते हुए उनका समर्थन किया, उनके पक्ष में अपने बयान जारी किए, उनको भारी-भरकम चंदा दिया, उसी तरह आपको आंदोलन की आड़ में हिंसा करने वालों के खिलाफ भी बोलना चाहिए. उनकी निंदा करनी चाहिए. आपकी चुप्पी आपके उपर लोगों के संदेह को और गहरा कर रही है. आप एक पब्लिक फीगर हैं. आपका नाम और सम्मान, सबकुछ आपके फैंस तय करते हैं. ऐसे में अपने फैंस की खातिर आप सामने आइए, देखिए लोग आपके बारे क्या-क्या लिख रहे हैं. उनको जवाब दीजिए. यदि आपसे कोई गलती हुई है, तो उसे हिम्मत के साथ स्वीकार कीजिए. ये पब्लिक है, सब जानती है.

बताते चलें कि किसानों के मुद्दे पर शुरू हुआ कंगना-दिलजीत की ट्विटर वार धीरे-धीरे पर्सनल होती गई. नए साल के मौके पर पहाड़ों पर घूमने गए पंजाबी एक्टर ने जब बर्फबारी के बीच ली गई अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की, तो कंगना ने जमकर मजे लिए. कंगना ने ट्विटर पर लिखा, 'वाह भाई, देश में आग लगाकर, किसानों को सड़क पर बैठाकर, लोकल क्रांतिकारी विदेश में ठंड का मजा ले रहे हैं. वाह. इसको कहते हैं लोकल क्रांति.' अब दिलजीत भी कहां पीछे रहने वाले थे. उन्होंने जवाब दिया, 'किसान इतने भोले भाले नहीं हैं कि वह किसी से प्रभावित हो जाएंगे. तुम सोशल मीडिया पर मेरा पीछा करना नहीं छोड़ रही हो. पंजाब के लोग तुम्हारे जवाब का इंतजार कर रहे हैं. ऐसा मत सोचना हम तुम्हारे बारे में भूल गए हैं.' 

लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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