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Updated: 09 नवम्बर, 2022 01:18 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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ऐसा माना जाता है कि शहरों की झुग्गी बस्तियों में अपराध पलता है. यहां चोर, लुटेरे, हत्यारों के साथ भाड़े के अपराधी बहुतयात मिल जाते हैं. यहां की अशिक्षा, गरीबी और मूलभूत सुविधाओं का अभाव इसका सबसे बड़ा कारण है. मुंबई के धारावी को एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती कहा जाता है. यहां के जन-जीवन को कई बार हिंदी फिल्मों में दिखाया जा चुका है. कई पर इसको केंद्र में रखकर भी फिल्मों का निर्माण हुआ है. ऑस्कर अवॉर्ड विनर फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेर' इसका प्रमुख उदाहरण है. इसमें धारावी के रहने वाले दो बच्चों को केंद्र में रखकर कहानी बुनी गई है. धारावी में होने वाले अपराध और पुलिसिया कार्रवाई पर आधारित कहानी पर बनी एक नई वेब सीरीज 'धारावी बैंक' 19 नवंबर से एमएक्स प्लेयर पर स्ट्रीम होने जा रही है. इसका पॉवरफुल ट्रेलर रिलीज किया गया है, जिसमें पुलिस और माफिया के बीच की जंग दिखाई गई है.

650x400_110822093057.jpgएमएक्स प्लेयर की वेब सीरीज 'धारावी बैंक' के जरिए सुनील शेट्टी ने अपना ओटीटी डेब्यू करने जा रहे हैं.

समित कक्कड़ के निर्देशन में बनी वेब सीरीज 'धारावी बैंक' में अभिनेता सुनील शेट्टी और विवेक ओबेरॉय लीड रोल में है. धारावी के माफिया डॉन का किरदार निभा रहे सुनील शेट्टी इसके जरिए अपना ओटीटी डेब्यू भी करने जा रहे हैं. अभिनेता को आखिरी बार साल 2017 में हिंदी फिल्म 'ए जेंटमैन' में देखा गया था. उसके बाद वो ज्यादातर साउथ की फिल्मों में ही नजर आए हैं. इन दोनों सितारों के अलावा सोनाली कुलकर्णी, ल्यूक केनी, फ्रेडी दारूवाला और शांतिप्रिया जैसे कलाकार भी अहम किरदारों में हैं. इसमें विवेक ओबेरॉय एक पुलिस अफसर के किरदार में हैं. उनका किरदार जेसीपी जयंत गावस्‍कर धारावी के किंगपिन थलाइवन से लोहा लेता नजर आ रहा है. उसे धारावी की 30 हजार गलियों के बीच स्थित 30 हजार करोड़ के साम्राज्य के मालिक थलाइवन को खत्म करना है. लेकिन क्या वर्चस्‍व की लड़ाई में वो जीत पाएगा ये सीरीज की रिलीज के बाद पता चलेगा.

Dharavi Bank Web series Trailer

वेब सीरीज 'धारावी बैंक' के 2 मिनट 12 सेकंड के ट्रेलर की शुरूआत एक पुलिसवाले के मर्डर के साथ होती है. इसमें धारावी का डॉन थलाइवन (सुनील शेट्टी) एक पुलिसवाले से फाइल के बारे में पूछता है. उसके मना करने के बाद वो उसे फांस पर लटका कर मार देता है. पहले सीन से ही समझा जा सकता है कि अन्ना के नाम की खौफ किस वजह से हैं. इसके बाद धारावी बैंक और थलाइवन का परिचय दिया जाता है. इसमें कहा जाता है, ''धारावी बैंक, अपने आप में एक इंडस्ट्री है. शिपिंग पोर्ट से लेकर स्पोर्ट्स तक, रियल स्टेट से लेकर पॉलीटिशियन तक, थलाइवन के पैर सब जगह हैं. पर निशान कहीं भी नहीं.'' इसके बाद विवेक ओबेरॉय का किरदार जेसीपी जयंत गावस्‍कर सामने आता है, जिसका मानना है कि मुंबई पुलिस न केवल इस तरह के नेक्सस को रोकेगी, बल्कि जरूरत पड़ने पर तोड़ेगी भी. जेसीपी जयंत गावस्‍कर धारावी में अपना ऑपरेशन शुरू कर देता है.

यहां उसका सामना माफिया किंग थलाइवन से होता है. जयंत जमकर अपराधियों का सामना करता है. उनको मौत के घाट उतारता जाता है. इसी बीच एक महिला राजनेता उसे अपने पास बुलाकर समझाती है कि थलाइवन और धारावी दोनों उसकी पहुंच से बाहर है. इस पर जयंत कहता है, ''क्या तुम मुझे डरा रही हो?'' राजनेता कहती हैं, ''मैं तुमको डरा नहीं रही, बल्कि समझा रही हूं.'' जयंत उनके समझाने के बाद भी अपना ऑपरेशन बंद नहीं करता. इससे नाराज होकर थलावन भी जंग का ऐलान कर देता है. उसका कहना है कि धारावी का एक एक व्यक्ति उसके परिवार का हिस्सा है. उनके लिए वो कुछ भी कर सकता है. धारावी के लोग भी उसे अपना मसीहा कहते हैं. उनका मानना है कि उसके होने की वजह से ही उनका वजूद है. लेकिन जयंत सिर पर कफन बांधकर थलाइवन की लंका जलाने पर तुला हुआ है. इस जंग का अंजाम जानने के लिए 19 नवंबर तक इंतजार करना होगा.

इस सीरीज के जरिए ओटीटी डेब्यू कर रहे सुनील शेट्टी का कहना है, ''मेरा मानना है कि आप सम्मान को कमाते हैं. थलाइवन का किरदार इसे सही साबित करता है. वह ताकतवर, निर्दयी है, लेकिन जिन्हें वह अपना परिवार मानता है, उनके लिए जान लेता भी है और देता भी है. उसका सीधा सा मंत्र है- 'धारावी का हर शख्स मेरे बृहद परिवार का हिस्सा है. मेरे परिवार को छूना नहीं.' शो के दौरान मुझे एहसास हुआ कि कैसे ओटीटी आपको असल में अपने किरदार की गहराई में गोते लगाने का मौका देता है. थलाइवन ने मेरे लिए ओटीटी पर शुरुआत के लिए एकदम सही किरदार है.'' पुलिस अफसर का किरदार निभा रहे विवेक ओबेरॉय कहते हैं, ''धारावी बैंक एक जटिल कहानी है जो सिर्फ एक अपराध के साम्राज्य को खत्‍म करने तक सीमित नहीं है. यह सीरीज यह भी बताती है कि कोई अपने परिवार के लिए, अपने कर्तव्य के लिए और अपनी नैतिकता के लिए किस हद तक जा सकता है.''

लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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