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Updated: 13 मई, 2023 09:30 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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लव जिहाद का मुद्दा इस वक्त गरम है. इस पर आधारित फिल्म 'द केरल स्टोरी' के लिए भयंकर विवाद और समर्थन देखने को मिल रहा है. फिल्म को कई राज्यों में बैन कर दिया गया है, तो मध्य प्रदेश, हरियाणा और यूपी जैसे राज्यों में टैक्स फ्री भी किया गया है. फिल्म के बहाने लव जिहाद के खिलाफ एक आंदोलन देखने को मिल रहा है. इसी मुद्दे का छौंका लगाए एक वेब सीरीज 'दहाड़' अमेजन प्राइम वीडिया पर स्ट्रीम हो रही है. इस सीरीज में लव जिहाद के साथ जातिवाद, राजनीति, दहेज, अपराध, पुलिस जांच को भी दिखाया गया है. सीरीज की कहानी कर्नाटक के एक सीरियल किलर मोहन कुमार उर्फ सायनाइड मोहन के खौफनाक करतूतों पर आधारित है.

कुख्यात सीरियल किलर साइनाइड मोहन पेशे से स्कूल टीचर था. वह अक्सर शादी का झांसा देकर महिलाओं को फंसाता. उनको घर से भागने के लिए प्रेरित करता. लड़कियां जब अपने घर से पैसे और गहने लेकर उसके पास चली आती, तो वो उनसे शादी करके सुहागरात मनाता. इसके बाद अगले दिन गर्भनिरोधक गोली खिलाने के बहाने साइनाइड खिला देता था. उनके गहने और पैसे लूट लेता था. महज चार साल में उसने 20 से अधिक लड़कियों को अपना शिकार बनाया था. कर्नाटक के इसी सीरियल किलर की कहानी को राजस्थान की पृष्ठभूमि पर वेब सीरीज 'दहाड़' में दिखाया गया है. इस सीरीज में बॉलीवुड एक्टर विजय वर्मा ने साइनाइड मोहन का किरदार किया है.

650x400_051323045038.jpgसोनाक्षी सिन्हा की डेब्यू वेब सीरीज 'दहाड़' प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो चुकी है.

रीमा कागती और रुचिका ओबेरॉय के निर्देशन में बनी इस सीरीज में सोनाक्षी के साथ गुलशन देवैया, सोहम शाह और जोया मोरानी भी लीड रोल में हैं. इसकी पटकथा और संवाद जोया अख्तर, चैतन्य चोपड़ा, रीमा कागती और सुमित अरोड़ा ने लिखे हैं. इसमें कई संवाद ऐसे हैं, जो समाज का अभिशाप माने जाने वाले मुद्दे जैसे कि दहेज और जातिवाद पर करारी चोट करते हैं. लेकिन पटकथा बहुत ज्यादा मजबूत नहीं है, जिसकी वजह से 50 मिनट के 8 एपीसोड वाली ये सीरीज खींची-खींची सी लगती है. सीरीज के एडिटर नितिन बैद ने सिनेमैटोग्राफर तनय साटम की मेहनत पर पानी फेर दिया है. तनय ने राजस्थान की खूबसूरती को अपने कैमरे में बेहतरीन ढंग से कैद किया है.

वेब सीरीज 'दहाड़' की कहानी के केंद्र में सोनाक्षी सिन्हा और विजय वर्मा के किरदार हैं. सोनाक्षी ने सब-इंस्पेक्टर अंजलि भाटी का किरदार किया है, जबकि विजय सीरियल किलर आनंद सवणकर की भूमिका में हैं. अंजलि अपनी मां के साथ रहती है, पिता की बचपन में ही मौत हो चुकी है. आनंद अपनी पत्नी और एक बच्चे के साथ रहता है. वो पेशे से टीचर है. हर वीकेंड में दूर दराज के गांवों में जाकर लोगों को फ्री एजुकेशन देता है. इसी दौरान अपने शिकार की तलाश भी करता है. अक्सर बस स्टैंड पर खड़ी लड़कियों और महिलाओं को बहाने से बातचीत करके फंसाने की कोशिश करता है. सोनाक्षी जिस थाने में काम करती है, उसका एसएचओ देवी प्रसाद सिंह (गुलशन देवैया) उसे बहुत मानता है.

एसएचओ देवी प्रसाद सिंह सारे बड़े केस अंजलि भाटी को ही देता है. इसकी वजह से अंजलि का एक सीनियर साथी कैलाश पारघी (सोहम शाह) उससे जलता है. राजस्थान के मंडावा में एक दिन एक पब्लिक टॉयलेट में एक नवविवाहिता की लाश मिलती है. जांच में पता चलता है कि साइनाइड खाने की वजह से उसकी जान गई है. इस केस की जांच अंजलि को सौंपी जाती है. उसकी जांच में एक के बाद एक ऐसी ही कई घटनाओं का खुलासा होता है. मंडावा के आसपास के कस्बों और गांवों से दो दर्जन से ज्यादा महिलाएं और लड़कियां गायब हो जाती हैं. सबके गायब होने और मरने का पैटर्न एक जैसा होता है. पुलिस जांच करते हुए आनंद सवणकर के करीब पहुंच जाती है.

आनंद सवणकर दिखने में बहुत सरल, सहज और आम इंसान है. वो लड़कियों के एक स्कूल में हिंदी पढ़ाता है. लेकिन इस सीधे चेहरे के पीछे एक खौफनाक किलर छिपा है. ऐसा किलर जो किसी की हत्या के बाद आह तक नहीं करता है. लड़कियों को फंसाना और उनकी हत्या करके लूट लेना उसकी फितरत है. लूट का माल, महिलाओं की अश्लील तस्वीरें और उनके मोबाइल वो अपनी वैन में छुपा लेता है. एक दिन उसका बेटा एक मोबाइल निकाल लेता है. उसे स्कूल ले जाता है, जहां लड़के मोबाइल से अश्लील वीडियो देखने लगते हैं. ये मोबाइल आनंद के खिलाफ बड़ा सबूत है, लेकिन बहुत चालाकी से वो बच निकलता है. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या पुलिस आनंद जैसे दुर्दांत अपराधी को कभी पकड़ पाएगी? क्या मंडावा की लड़कियां सुकून से रह पाएंगी? पुलिस और अपराधी के बीच शह-मात के इस खेल में कौन जीतेगा? ये जानने के लिए वेब सीरीज देखनी होगी.

वेब सीरीज 'दहाड़' में कास्टिंग जबरदस्त है. सही मायने में इस सीरीज की सफलता के पीछे इसमें काम कर रहे कलाकारों के दमदार अभिनय की भूमिका बड़ी है. सीरीज मेकर्स ने हर किरदार के लिए ऐसे कलाकार का चयन किया है, जो लगता है कि उसी के लिए बना हुआ है. सोनाक्षी सिन्हा ने एक 'अभिनेता' के रूप में शानदार वापसी की है. फिल्म 'दबंग' से अपना करियर शुरू करने वाली अभिनेत्री ने सीरीज में दबंग प्रदर्शन भी किया है. एक पात्र के रूप में अंजलि पर कई परतों के साथ बहुत अधिक दबाव है, लेकिन सोनाक्षी ने इसे बखूबी निभाया है. वो एक तरह दबंग पुलिस अफसर हैं, तो दूसरी तरफ ऐसी जाति से आती हैं, जिसे गांव के ठाकुर अपने घर तक में घुसने नहीं देते हैं.

''बहुत दरवाज़े बंद हुए मेरे मुंह पर, लेकिन मेरा मुंह बंद नहीं हुआ''...सीरीज का ये डायलॉग अंजलि भाटी की स्थिति को बयां करने के लिए काफी है. सीरियल किलर आनंद सवणकर के किरदार में विजय वर्मा ने बेहतरीन अभिनय किया है. पिछली बार उनको आलिया भट्ट और शेफाली शाह के साथ फिल्म 'डॉर्लिंग्स' में निगेटिव रोल में देखा गया था. लेकिन इस सीरीज में उस किरदार के विपरीत एक उम्दा रोल को इतनी सहजता से निभाते हैं कि मानो खुद सीरियल किलर हैं. सोनी लिव की वेब सीरीज 'महारानी' में लीड रोल कर चुके अभिनेता सोहम शाह ने इसमें दूसरी पंक्ति के किरदार में है, लेकिन लीड किरदारों के पीछे रहते हुए भी अपने सशक्त अभिनय की वजह से नोटिस होते हैं. इन सबके बॉस के रूप में गुलशन देवैया को जो मिला है उसमें उन्होंने कमाल का काम किया है. कुल मिलाकर, दिलचस्प कहानी और कलाकारों के दमदार अभिनय ने सीरीज को देखने लायक बना दिया है.

लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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