Brahmastra के जरिए साउथ में बॉलीवुड की ही नहीं राजामौली की भी परीक्षा होनी है!
फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' 9 सितंबर को रिलीज हो रही है. इसके मेकर्स जबरदस्त प्रमोशन में लगे हुए हैं. साउथ में 'बाहुबली' फेम एसएस राजामौली और 'आरआरआर' फेम जूनियर एनटीआर के जरिए प्रचार किया जा रहा है. साउथ में किसी बॉलीवुड फिल्म को सफल बनाना चुनौतीपूर्ण है. ऐसे में 'ब्रह्मास्त्र' की सफलता बॉलीवुड की ही नहीं राजामौली की भी परीक्षा है.
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एक वक्त था जब लोग पूछते थे कि ये राजामौली कौन है? एक वक्त आज है, जब देश ही नहीं दुनिया भर में उनके नाम की डंका बजती है. अपनी फिल्मों की तरह वो आज पूरी फिल्म इंडस्ट्री के 'बाहुबली' हैं. साल 2015 में अपनी फिल्म 'बाहुबली' के जरिए उन्होंने भारतीय सिनेमा के इतिहास को हमेशा-हमेशा के लिए बदल दिया. पूरे देश को दिखा दिया कि सिनेमा कितना भव्य बन सकता है. साउथ सिनेमा के बेहतरीन निर्देशकों में शुमार राजामौली आज पैन इंडिया स्तर पर सबसे सफल निर्देशक माने जाते हैं. 'बाहुबली' से लेकर 'आरआरआर' तक उनकी सफलता की यात्रा निरंतर जारी है. लेकिन एक मामले में पेंच फंस गया है. वो ये कि राजामौली पैन इंडिया बॉलीवुड फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' के साउथ में प्रजेंटर बन गए हैं. उनको दक्षिण के राज्यों में चार भाषाओं तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ में फिल्म को प्रमोट करने की जिम्मेदारी दी गई है.
फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' के प्रमोशन में एसएस राजामौली पूरी टीम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े नजर आ रहे हैं.
ऐसे में सवाल उठता है कि साउथ में असफल रहने वाली बॉलीवुड फिल्मों के बीच राजामौली 'ब्रह्मास्त्र' को कैसे सफल बनाएंगे? क्या उनके नाम, चेहरे और साख के दम पर साउथ की जनता फिल्म को देखने के लिए सिनेमाघरों में आएगी? क्या बॉलीवुड फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' पुरानी परंपराओं को तोड़ते हुए साउथ में सफलता हासिल कर पाएगी? इन सवालों के जवाब से पहले ये जान लीजिए कि साउथ में 'ब्रह्मास्त्र' के लिए शुरूआती संकेत अच्छे नहीं है. इस फिल्म की एडवांस बुकिंग शुरू कर दी गई है. लेकिन अभी तक केवल हिंदी वर्जन में ही एडवांस बुकिंग हुई है. तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ में फिल्म का खाता भी नहीं खुला है. ऐसे में साउथ बॉक्स ऑफिस पर फिल्म का प्रदर्शन कैसा रहेगा, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इतना साफ है कि तमाम कोशिशों के बावजूद 'ब्रह्मास्त्र' के मेकर्स साउथ के दर्शकों को लुभाने में अभी तक असफल दिख रहे हैं.
हिंदी पट्टी में बॉलीवुड के खिलाफ लोगों का गुस्सा जगजाहिर है. सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक बायकॉट बॉलीवुड मुहिम चल रही है. एक से बढ़कर बड़ी बॉलीवुड की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर डिजास्टर साबित हो रही हैं. इनमें आमिर खान की 'लाल सिंह चड्ढा', अक्षय कुमार 'रक्षा बंधन' और 'सम्राट पृथ्वीराज', रणबीर कपूर की 'शमशेरा', कंगना रनौत की 'धाकड़' और विजय देवकोंडा की 'लाइगर' का नाम शामिल है. ऐसे में 'ब्रह्मास्त्र' के मेकर्स हिंदी बेल्ट में फिल्म के प्रदर्शन को लेकर डरे हुए हैं. यही वजह है कि साउथ में ज्यादा फोकस कर रहे हैं. अयान मुखर्जी, रणवीर कपूर और आलिया भट्ट लगातार साउथ के विभिन्न बड़े शहरों में आयोजित होने वाले इंवेंट्स में शामिल हो रहे हैं. इनमें इनको राजामौली का भरपूर साथ मिल रहा है. पहले बंगलुरू, फिर चेन्नई और अब हैदराबाद में 'ब्रह्मास्त्र' की टीम के साथ राजामौली कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए नजर आए हैं.
"After Amitabh Bachchan sir, the one actor I really connected to was Ranbir Kapoor": Actor Jr NT Rama Rao (@tarak9999)pic.twitter.com/CwEZBOI5AK
— NDTV Videos (@ndtvvideos) September 3, 2022
हैदराबाद में आजोजित ग्रैंड प्रमोशन इवेंट में बॉलीवुड के रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, करण जौहर, मौनी रॉय के साथ साउथ के सुपरस्टार जूनियर एनटीआर, नागार्जुन और एसएस राजामौली को एक साथ देखा गया. राजामौली की तरह जूनियर एनटीआर की साउथ में बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग हैं. उनकी वजह से इवेंट स्थल पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. ये इवेंट पहले रामोजी फिल्म सिटी में होना था, लेकिन पुलिस ने कैंसिल कर दिया. वहां पहले ही बड़ी संख्या में फैंस पहुंच गए थे. इसलिए बाद में इसे दूसरी जगह आयोजित करना पड़ा. यहां राजामौली और एनटीआर ने फिल्म और उसकी स्टारकास्ट के बारे में जमकर कसीदे पढ़े. फिल्म को बेहतरीन बताया, तो रणबीर कपूर को शानदार अभिनेता. रणबीर ने अपना स्पीच तेलुगू में देकर वहां के लोगों का दिल जीतने की कोशिश की. इतना ही नहीं उनकी तेलुगू सुनकर राजामौली ने उनको गले गला लगा लिया.
Ranbir Kapoor speaking telugu is just wholesome ?❤️#RanbirKapoor #Brahmastra pic.twitter.com/xAd0CSiWjc
— ? ♪ (@RKs_Tilllast) September 2, 2022
इसके कुछ दिन पहले ही राजामौली ने 'ब्रह्मास्त्र' का प्री रिव्यू किया था. उन्होंने कहा था कि अयान मुखर्जी की फिल्म की सबसे अच्छी बात यह लगी कि यह 'अस्त्रों' की कहानी कहने का एक व्यावसायिक तरीका है. 'ब्रह्मास्त्र' न केवल सबसे बहुप्रतीक्षित फिल्मों में से एक है, बल्कि ये साल की सबसे महंगे प्रोडक्शन में से एक है. इसके लिए अयान ने एक ऐसी दुनिया बनाने का सपना देखा था, जिसे हमने पहले कभी नहीं देखा. वह है अस्त्रों की शानदार दुनिया, जिसके बारे में हमने अपने इतिहास, अपने पुराणों से जाना है. बचपन में हमने इन अस्त्रों के बारे में सुना था, लेकिन उनकी भव्यता कभी नहीं देखी. वो कहते हैं, ''अयान ने एक लंबा सफर तय किया है, जो साल 2014 से शुरू हुआ था. इसमें उन्हें करण जौहर, रणबीर, आलिया, नागार्जुन और अमित सर का पूरा सहयोग मिला है. अयान ने जो दुनिया बनाई है, उसे बनाना आसान नहीं है. ये किसी परीकथा की तरह नहीं है.''
देखा जाए तो राजामौली फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' की साउथ में सफलता के लिए मनोयोग से लगे हुए हैं. वो अपने काम के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते हैं. सभी जानते हैं कि फिल्म बाहुबली के निर्माण के दौरान उन्होंने पूरे पांच साल के लिए खुद को समर्पित कर दिया था. यहां तक कि स्टारकास्ट और क्रू मेंबर्स को भी दूसरे काम की इजाजत नहीं थी. उसी तरह इस वक्त वो अयान मुखर्जी की फिल्म के लिए लगे हुए हैं. उन्होंने और उनके पिता केवी विजयेंद्र प्रसाद ने फिल्म को पहले ही देख लिया है. उनके पिता की सलाह पर इसमें कई करेक्शन भी किए गए हैं. पिता-पुत्र को फिल्मों के बारे में महान अनुभव है. उन्होंने साबित करके भी दिखाया है. ऐसे में उनके चुनाव पर संदेह करना सही नहीं है. लेकिन बॉलीवुड फिल्मों की हालत और साउथ में इनकी परफॉर्मेंस का इतिहास देखते हुए संदेह हो रहा है. सही मायने में ये बॉलीवुड के साथ राजामौली की अग्निपरीक्षा है.
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— BRAHMĀSTRA (@BrahmastraFilm) September 3, 2022
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