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Updated: 08 मार्च, 2021 10:15 AM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) के मौके पर Netflix एक वेब सीरीज रिलीज करने जा रहा है, बॉम्बे बेगम्स. इसके जरिए महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक आजादी के विषयों को अपनी कहानियों में टटोलती रहीं निर्देशिका अलंकृता श्रीवास्तव ने इस बार बड़े शहरों की कामयाब महिलाओं की निजी जिंदगी में झांकने की कोशिश की है. वह इस बार मुंबई की पांच ऐसी महिलाओं की कहानी कहने जा रही हैं, जो सामाजिक दृष्टि से तो अपने करियर के शिखर पर हैं, लेकिन उनके चमकते दमकते इस सामाजिक आवरण के पीछे एक ऐसी दुनिया भी है, जिसमें झांकने की हिम्मत कोई कोई ही करता है. अलंकृता श्रीवास्तव की इस वेब सीरीज से फिल्म एक्ट्रेस पूजा भट्ट अपना डिजिटल डेब्यू कर रही हैं.

1_650_030721042814.jpgबॉम्बे बेगम्स वेब सीरीज से फिल्म एक्ट्रेस पूजा भट्ट अपना डिजिटल डेब्यू कर रही हैं.Survival is the battle for every woman यानि 'अस्तित्व' हर महिला की लड़ाई है...इस वेब सीरीज की नायिक रानी (पूजा भट्ट) जब ये डायलॉग बोलती है, तो पूरी पिक्चर सामने आ जाती है कि निर्देशिका आखिर कहना क्या चाहती हैं. वैसे जानकारी के लिए बता दें अलंकृता श्रीवास्तव इससे पहले महिलाओं पर आधारित फिल्में 'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का', 'डोली किट्टी' और 'वो चमकते सितारे' निर्देशित कर चुकी हैं. साल 2016 में फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' की कहानी को 'स्त्री उन्मुख' बताते हुए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने पहले प्रमाणित करने से मना कर दिया था, लेकिन बाद में कुछ शर्तों के साथ पास किया. इस फिल्म में चार महिलाओं की कहानी बताई गई थी, जो भारत के एक छोटे शहर में रहती हैं, इनके अपने सपने और इच्छाएं हैं.

अलंकृता श्रीवास्तव इस बार पांच महिलाओं की कहानी लेकर आई हैं, जो अलग-अलग पृष्ठभूमि से संबंध रखती हैं. इन महिलाओं का किरदार सुहाना गोस्वामी, अमृता सुभाष, प्लाबिता बोर-ठाकुर, आध्या आनंद और पूजा भट्ट ने निभाया है. बोर्डरूम से लेकर समाज के हाशिए तक, ज़िंदगी के अलग-अलग मुकाम पर खड़ी ये पांच महत्वाकांक्षी महिलाएं, आज के मुंबई में अपने सपनों, इच्छाओं और निराशाओं के बीच झूल रही हैं. सामाजिक मानदंडों को चुनौती देते हुए अपने करियर और रिश्तों में आ रही बाधाओं से लड़ रही हैं. उम्मीद है कि देश दुनिया की महिलाएं इस कहानी से खुद को जोड़ पाएंगी. ये भारतीय महिलाओं की एक दुरूह यात्रा की कहानी बयां करती है. इसमें इन कामकाजी महिलाओं की सत्ता और सफलता की महत्वाकांक्षाओं की बात की गई है.

ये है बॉम्बे बेगम की दास्तान

ये दास्तान है पांच औरतों की, जो पांच अलग-अलग दुनिया से हैं. इसमें रानी (पूजा भट्ट), फातिमा (शाहाना गोस्वामी), आयशा (प्लाबिता बोर्थाकुर), लिली (अमृता सुभाष) और शाई (आराध्या आनंद) की कहानी को बहुत ही रोचक अंदाज में पेश किया गया है. रानी जो पेशे से एक बैंक की सीओ रहती है, एक दिन उसकी कार से एक लड़के का एक्सीडेंट हो जाता है. वह लड़का लिली का होता है, जो पेशे से बार डांसर होती है. रानी मामला सेटल करने की कोशिश करती है. लेकिन लिली कहती है कि उसके इसके बदले में पैसा नहीं चाहिए, बल्कि वो इज़्ज़त चाहती है. दूसरी ओर फातिमा की कहानी चल रही होती है. वह अपने करियर में बहुत आगे बढ़ना चाहती है. अपनी पहचान बनाना चाहती है. लेकिन पर्सनल लाइफ उसकी महत्वाकांक्षा के आड़े आ जाती है.

रानी की कंपनी में आएशा काम करती है. वह कॉर्पोरेट लीडर बनाना चाहती है. लेकिन इस सफलता के लिए क्या-क्या कुर्बानी देनी पड़ती है, वो इन बातों से अनजान है. एक सीन में आयशा कहती है, 'सोसायटी हमारी बॉडी और च्वाइसेस के आगे देख ही नहीं सकती है'. उसकी इस बात में दर्द और महत्वाकांक्षा दोनों झलकती है. रानी और आयशा सहकर्मी होने के नाते कई बार अपने सुख-दुख एक-दूसरे साझा करते हैं. रानी आयशा से कहती है, 'बॉम्बे शहर सबको बदल देता है माई डियर.' इस पर आयशा कहती है, 'शायद बॉम्बे में सर्वाइव करने के लिए हम सभी को बदलना पड़ता है.' इतना सुनते ही रानी बोलती है, 'Survival is the battle for every woman (अस्तित्व हर महिला की लड़ाई है)'. इस तरह ये कहानी बताती है कि कैसे ये पांचों औरतें इस पितृसत्तात्मक समाज से लड़ते हुए पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में अपनी पहचान बना पाती हैं, कैसे अपने हालात से लड़ते हुए जीत जाती हैं?

कलाकार और किरदार की बात

अपने जमाने की मशहूर अदाकार पूजा भट्ट 'बॉम्बे बेगम्स' की 'रानी' हैं, जो लीड रोल में हैं. डैडी, सड़क, जुनून, तड़ीपार, बॉर्डर, तमन्ना जैसी शानदार फिल्मों में काम करने वाली पूजा ने साल 2010 में बॉलीवुड से ब्रेक ले लिया था. इसके बाद उन्होंने सड़क 2 के साथ अपना बॉलीवुड कमबैक किया. एक्ट्रेस अमृता सुभाष लिली के किरदार में नजर आ रही हैं. अमृता को मराठी सिनेमा के साथ-साथ हिंदी फिल्मों में उनके बेहतरीन काम के लिए जाना जाता है. रणवीर सिंह की फिल्म गली बॉय में मां के किरदार में इनको देखा गया था. एक्ट्रेस आध्या आनंद ने शाई का किरदार निभाया है, जो रानी की सतौली बेटी होती है. यह उनका पहला हिंदी प्रोजेक्ट हैं. इससे पहले आध्या ने Utter 2016: One Hour To Daylight नाम की एक फिल्म में काम किया था.

प्लाबिता बोर्थाकुर ने इस वेब सीरीज में आयशा का किरदार निभाया है. आयशा रानी के साथ उसके बैंक में काम करती है. इससे पहले प्लाबिता बोर्थाकुर ने फिल्म लिपस्टिक अंडर माय बुर्का में काम कर पहचान बनाई थी. अभिषेक बच्चन की वेब सीरीज ब्रीद: इंटू द शैडो में भी इनको देखा गया था. शाहाना गोस्वामी भी बॉम्बे बेगम्स में अहम किरदार निभा रही हैं. उन्होंने फातिमा का किरदार निभाया है. इससे पहले शाहाना को मीरा नायर के टीवी शो अ सूटेबल बॉय में मिनाक्षी चटर्जी का किरदार निभाते देखा गया था. इस शो में उनके साथ विवेक गोम्बर और तान्या मानिकतला ने काम किया था. इसके अलावा राहुल बोस और विवेक गोंबर ने भी बेहद असरदार किरदार किया है. देखना दिलचस्प होगा 'बॉम्बे बेगम्स' दर्शकों को कितना प्रभावित कर पाती है.

लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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