कोरोना ने सिनेमा के इन दिग्गजों को छीना, कई मशहूर नहीं थे मगर काम हमेशा याद किया जाएगा
जिन कलाकारों की मौतें हुई उनमें भले ही बहुत मशहूर नहीं थे. लेकिन उन्होंने सिनेमा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया. कोरोना महामारी ने मनोरंजन उद्योग को दोहरा नुकसान पहुंचाया है. खासकर बॉलीवुड इंडस्ट्री को.
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कोरोना महामारी ने मनोरंजन उद्योग को दोहरा नुकसान पहुंचाया है. खासकर बॉलीवुड इंडस्ट्री को. करीब डेढ़ साल से कारोबार ठप पड़ा है. महामारी की चपेट में अबतक कई बड़े कलाकार आ चुके हैं. दुर्भाग्य से कुछ को अपनी जानें गंवानी पडीं. जिन कलाकारों की मौतें हुई उनमें भले ही बहुत मशहूर नहीं थे. लेकिन उन्होंने सिनेमा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ उम्दा कलाकारों को जिन्हें महामारी ने छीन लिया.
1. किशोर नांदलस्कर
हिंदी और मराठी सिनेमा के वरिष्ठ अभिनेता किशोर नांदलस्कर को महामारी ने उनके प्रशंसकों से हमेशा के लिए दूर कर दिया. किशोर की उम्र 81 वर्ष थी. पिछले हफ्ते संक्रमण की चपेट में आने के बाद उन्हें थाने के ग्लोबल कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया था. किशोर ने 1982 में मराठी फिल्म 'नवरे सगले गाधव' से डेब्यू किया था. भविष्याची ऐसी तैसी : द प्रेडिक्शन, गांव थोर पुढारी चोर, और जरा जपुन करा जैसी मराठी फिल्मों में सशक्त भूमिकाएं की. हिंदी फिल्मों में भी चरित्र अभिनेता के रूप में छोटी, मगर कई दमदार भूमिकाएं निभाई. उन्हें पूर्ण सत्य और जिस देश में गंगा रहता जैसी फिल्मों के लिए याद किया जाएगा.
ललित बहल, किशोर नांदलस्कर और वीरा साथीदार.
2. श्रवण राठौर
महामारी में जान गंवाने वाले कलाकारों में श्रवण राठौर भी हैं. श्रवण के जिक्र के बिना बॉलीवुड के 90 के दशक का फ़िल्मी संगीत ही अधूरा माना जाएगा. श्रवण ने नदीम के साथ जोड़ी में एक से बढ़कर एक म्यूजिकल हिट फ़िल्में दीं. आशिकी, साजन, परदेश, राजा हिंदुस्तानी जैसी दर्जनों फ़िल्में इसमें शुमार की जा सकती हैं. एक दौर में ये बॉलीवुड की सबसे सफल संगीतकार जोड़ी बन गई थी. गुलशन हत्याकांड में नदीम का नाम आने के बाद ये जोड़ी टूट गई थी. दरअसल, नदीम देश छोड़कर भाग गए थे. बहुत साल बाद 2009 में श्रवण ने नदीम के साथ डेविड धवन की डू नॉट डिस्टर्ब का म्यूजिक तैयार किया था.
3. सतीश कौल
हिंदी की दर्जनों फ़िल्में और बीआर चोपड़ा की "महाभारत" में इंद्र की भूमिका निभाने वाले 74 साल के सतीश कौल की भी मौत कोरोना की वजह से हो गई. सतीश पंजाबी फिल्मों के वरिष्ठ अभिनेता थे. उन्हें पंजाबी सिनेमा का अमिताभ बच्चन कहा जाता था. उनके कद का अंदाजा लगाया जा सकता है. सतीश कौल ने 300 से ज्यादा पंजाबी फ़िल्में कीं. हिंदी में महाभारत के अलावा कर्मा, मर्दों वाली बात, राम लखन, प्यार तो होना ही था, आंटी नंबर वन, और टीवी शो विक्रम और बेताल ने बड़ी पहचान दी. सतीश कौल 2011 में वापस पंजाब लौट आए एक्टिंग स्कूल की शुरुआत की लेकिन ये सफल नहीं रहा.
4. जॉनी लाल
बॉलीवुड के दिग्गज सिनेमेटोग्राफर जॉनी लाल भी पिछले दिनों अस्पताल में कोरोना से जंग हार गए. उनकी मौत पर कई बड़े सितारों ने ट्वीट कर दुःख जताया. जॉनी लाल को गोविंदा और सलमान खान की पार्टनर, जॉन अब्राहम-सुनील शेट्टी की लकीर, रितिक रोशन करीना कपूर की यादें, आर माधवन की रहना है तेरे दिल में आदि के लिए याद किया जाएगा.
5. ललित बहल
अभिनेता-निर्देशक ललित बहल भी 71 साल की उम्र में कोरोना से जंग हार गए. दिल्ली में उनका निधन हुआ. अभिनेता के रूप में उन्होंने कई फिल्मों में काम किया और बाद में दूरदर्शन के लिए तपिश, आतिश और सुनहरी जिल्द जैसी उम्दा टेलीफिल्म्स का निर्देशन किया. ललित ने क्रिटिक्स द्वारा सराही गई "मुक्ति भवन" में आदिल हुसैन के पिता की दमदार भूमिका निभाई थी. इस एक्ट के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा.
6. वीरा साथीदार
एक्टर वीरा साथीदार को महामारी ने छीन लिया. वीर साथीदार को राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली फिल्म कोर्ट में निभाई भूमिका ने बड़ी पहचान दी. कोर्ट को 2016 में भारत ने ऑस्कर पुरस्कार के लिए भेजा था. वीर एक्टिंग के साथ एक्टिविस्ट के रूप में भी बहुत सक्रिय थे.
7. अनिल पनचूरन
मलयाली गीतकार अनिल पनचूरन की भी कोरोना की वजह से मौत हो गई थी. वे 55 साल के थे, मलयाली सिनेमा में उनका योगदान अहम है. फिल्मों में आने से पहले वो वकालत के पेशे में थे. बतौर गीतकार उनकी पहली फिल्म अरबीक्कधा थी. क्रिटिक्स ने इसे बहुत सराहा था. उनका लिखा गाना 'थिरके नजन..' एरन मेघामे..' और 'चोरा वीना मन्निल..' बहुत पॉपुलर हुए. गीतकार के रूप में इन गानों ने उन्हें केरल में बहुत शोहरत प्रदान की.
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