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Updated: 29 अगस्त, 2020 11:06 PM
ओम प्रकाश धीरज
ओम प्रकाश धीरज
  @om.dheeraj.7
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MX Player पर आश्रम वेब सीरीज के जरिये प्रकाश झा और बॉबी देओल की डिजिटल एंट्री फैंस के लिए किसी मनचाही सौगात से कम नहीं है. सच्ची घटनाओं से प्रेरित वेब सीरीज आश्रम रिलीज हो चुकी है और इसके 9 एपिसोड आपको मनोरंजन के साथ ही ऐसी दुनिया से रूबरू कराएंगे, जिसका आपको अंदाजा नहीं होगा. बलात्कार और हत्या समेत कई अन्य जघन्य अपराधों के दोषी हरियाणा के ढोंगी बाबा गुरमीत राम रहीम की जिंदगी से प्रेरित आश्रम वेब सीरीज की कहानी ऐसी बुनी गई है कि आप 45-50 मिनट के हर एपिसोड में फंसते जाते हैं और महसूस करते हैं कि आस्था के नाम पर लोगों की भावनाओं और इज्जत से खेलने वाले बाबा निराला ने किस तरह पाप की दुनिया खड़ी की और एक राज्य की राजनीति के साथ ही सत्तासीन और सत्ता से बाहर के नेताओं को अपनी उंगलियों पर नचाया. एक समय हरियाणा के सबसे प्रभावशाली व्यक्ति माने जाने वाले गुरमीत राम रहीम के पाप का घड़ा किस तरह फूटा और सच बाहर आया, जिसके बाद शासनात्मक कार्रवाई में दंगे भड़े और लोगों की जानें गईं, इसी कहानी में काल्पनिकता का समावेश कर प्रकाश झा ने आश्रम के रूप में ऐसी वेब सीरीज बनाई है, जिसपर से आपकी नजरें नहीं हटेंगी.

आश्रम वेब सीरीज प्रकाश झा के सिनेमाई जादू का बेहतरीन नजराना है, जिसे देख दर्शक वाकई उनके कायल होने वाले हैं. वहीं आश्रम के जरिये डिजिटल प्लैटफॉर्म पर डेब्यू करने वाले बॉबी देओल ने बाबा निराला के रूप में इतना जबरदस्त काम किया है कि वह आप उन्हें देखते रह जाते हैं. आश्रम वेब सीरीज की सबसे खास बात ये है कि इसके सभी किरदारों ने बेहतरीन काम किया है और अपने किरदार में ऐसे ढले हैं कि जैसे बलात्कारी बाबा गुरमीत राम रहीम की पाप की दुनिया और तत्कालीन समय की हरियाणा की राजनीति का जीवंत चित्रण होने लगता है. बॉबी देओल की प्रमुख भूमिका वाली आश्रम में चंदन रॉय सान्याल, दर्शन कुमार, अनुप्रिया गोयनका, अदिति पोहानकर, त्रिधा चौधरी, अध्ययन सुमन, विक्रम कोचर, तुषार पांडे, सचिन श्रॉफ, राजीव सिद्धार्थ, अनुरिता झा, रुपेश कुमार, परिणीता सेठ, तन्मय रंजना, प्रीति सूद और जहांगीर खान समेत कई प्रमुख कलाकार है. यूं तो प्रकाश झा ने आश्रम की कहानी को काल्पनिक करार दिया है, लेकिन यह पूरी तरह गुरमीत राम रहीम की कहानी बयां करती है, वो भी एक-एक बारीकियों के साथ. आश्रम के पहले सीजन में बाबा निराला के उत्थान को दिखाया गया है और उसके पाप की मात्र झलक दिखाई गई है. जल्द ही आश्रम का दूसरा सीजन आने वाला है, जो कि और जबरदस्त होगा और बाबा की काली दुनिया की हकीकत लोगों के सामने आएगी.

आश्रम की कहानी बेहद जबरदस्त

आश्रम की कहानी शुरू होती है दलित परिवार की एक लड़की पम्मी (अदिति पोहानकर) के कुश्ती मैच से, जहां राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री की मौजूदगी में उसके साथ भेदभाव होता है और ऊंची जाति की लड़की को फेवर से जिता दिया जाता है. हरियाणा समेत अन्य राज्यों में दलित-ऊंची जाति के विभेद की एक झलक आश्रम में बखूबी दिखती है, जब पम्मी के चचेरे भाई की शादी में घोड़ा चढ़ने को लेकर दलित और ऊंची जाति के लोगों के बीच भयंकर झड़प होती है. पम्मी बाद में एक लोकल रिपोर्टर की मदद से थाने जाकर अपने भाई के ऊपर हमला करने वालों के खिलाफ हत्या की कोशिश धारा में मुकदमा दर्ज कराती है. इसके बाद तो जैसे हंगामा मच जाता है. ऊंची जाति के लिए हॉस्पिटल पर हमला कर डॉक्टरों को बंधक बना लेते हैं और पम्मी के भाई सत्ती (तुषार पांडे) के इलाज में रुकावट डालते हैं. इसके बाद दलितों के मसीहा के रूप में बाबा निराला (बॉबी देओल) अपने करीबी भोपा (चंदन रॉय सान्याल) और सुरक्षा अधिकारी माइकल (जहांगीर खान) के साथ अस्पताल पहुंचते हैं और ऊंची जाति के गणमान्य लोगों को सबक सिखाकर सत्ती का इलाज कराते हैं. बाद में पम्मी के चचेरे भाई की धूमधाम से बारात भी निकलवाते हैं. इस घटना से पम्मी काफी प्रभावित होती है और परिवार के इनकार के बावजूद बाबा निराला के आश्रम में साध्वी की जिंदगी गुजारना चाहती है. काफी जतन के बाद वह बाबा निराला के आश्रम पहुंचती है और वहां हॉस्टल में रहकर कुश्ती की ट्रेनिंग भी करती है.

इस बीच बाबा निराला की लोकप्रियता की तरफ राज्य के सीएम और पूर्व सीएम का ध्यान जाता है और दोनों बाबा संग अपने रिश्ते बढ़ाकर फायदा उठाने की कोशिश करते हैं. लेकिन बाबा निराला को जहां फायदा दिखता है, वहीं उसके कदम बढ़ते हैं. बाबा निराला का अतीत और वर्तमान धोखाधड़ी, हत्या और दुष्कर्म जैसी वारदातों से भरा है, जिसकी लोगों को भनक तो है, लेकिन अंधविश्वास के सामने आलोचना और बुराई कहां टिकती है. इसी का फायदा उठाकर निराला बाबा धर्म की आड़ में अपनी पाप की दुनिया को और बढ़ाता जाता है, जहां आश्रम में साध्वियों के साथ यौन शोषण की वारदातें होती रहती हैं और ड्रग्स का कारोबार भी खूब फलता-फूलता है. लेकिन एक नरकंकाल मिलने के बाद एएसआई उजागर सिंह और डॉक्टर नताशा रिपोर्टर अक्की के साथ गुत्थी सुलझाने के चक्कर में आश्रम तक पहुंच जाते हैं. हालांकि, पुलिस से लेकर राजनेता तक बाबा के कवच के रूप में काम करते हैं और उसे हर तरह के अवरोधों से बचाते हैं. आश्रम वेब सीरीज का पहला सीजन प्राण प्रतिष्ठा से शुरू होता है और फिर गृह प्रवेश, दु:स्वप्न, सेवादार, अमृत सुधा, विष हरण, गति रोध, शुद्धिकरण और फिर महा प्रसाद जैसे एपिसोड पर खत्म होता है, जहां पम्मी, सत्ती, उजागर सिंह, हुकूम सिंह, बबीता, तिनका सिंह, भोपा, माइकल और कविता समेत सभी पात्र बाबा निराला की दुनिया या उसकी दुनिया में घट रहीं घटनाओं के आगे-पीछे चक्कर लगाते दिखते हैं. आश्रम के पहले सीजन में कथित तौर पर बबीता के रूप में हनीप्रीत की भी एंट्री हो चुकी है. बाकी अगले सीजन की कहानी और दिलचस्प होने वाली है, जहां बाबा निराला के पतन की दास्तां दिखेगी.

प्रकाश झा का जबरदस्त निर्देशन और बॉबी देओल की काबिलेतारीफ एक्टिंग

आश्रम वेब सीरीज के जरिये एक तरह से ‘रियल’ प्रकाश झा की वापसी हुई है. जिस प्रकाश झा को दुनिया मृत्यूदंड, गंगाजल, अपहरण, सत्याग्रह, राजनीति, आरक्षण, चक्रव्यूह समेत कई अवॉर्ड विनिंग फ़िल्म के निर्माण और निर्देशन के लिए जानती है, वह प्रकाश झा पिछले कुछ वर्षों से शांत हो गए थे. लेकिन आश्रम वेब सीरीज के जरिये प्रकाश झा का क्या बेहतरीन वापसी हुई है. प्रकाश झा ने एक बेहद संवेदनशील और सच्ची घटना से प्रभावित कहानी को बेहद बारीकी से वेब सीरीज की शक्ल दी है, जिसे देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. आश्रम के पहले सीजन के सभी 9 एपिसोड इतने अच्छे बन पड़े हैं कि आप जब तक पूरी सीरीज देख नहीं लेते हैं, तब तक आपको कुछ और करने का मन नहीं करता. प्रकाश झा की आश्रम भारत में बनी टॉप 5 वेब सीरीज में जगह बनाने लायक है. काश, यह वेब सीरीज नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम जैसे ओटीटी प्लैटफॉर्म पर रिलीज होती तो दुनिया आश्रम के रूप में प्रकाश झा के सिनेमाई जादू से रूबरू होती और लोगों को एहसास होता कि धार्मिक पाखंड और पाखंडी बाबाओं की पोल खोलती वेब सीरीज आश्रम के असल मायने क्या हैं.

आश्रम न सिर्फ प्रकाश झा के लिए, बल्कि बॉबी देओल के लिए भी बेहद खास है. आश्रम के ट्रेलर में भले बॉबी देओल कुछ खास नहीं लगे थे, लेकिन जब आश्रम के पहले सीजन में बाबा निराला के किरदार में उन्होंने जान डाल दी है. बड़ी नशीली आंखों के साथ ही होंठो पर हल्की मुस्कान लिए बॉबी ने बाबा निराला का किरदार इतनी बारीकी और बखूबी से निभाया है कि आपको एक बार को लगेगा कि बाबा राम रहीम खुद एक्टिंग करने आ गया है. हालांकि, आश्रम में बॉबी का लुक बाबा रहीम से बहुत अलग रखा गया है. पम्मी के किरदार में अदिति पोहानकर बेहद जबरदस्त लगी हैं. इससे पहले अदिति नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज ‘शी’ में दिख चुकी हैं. पम्मी के भाई के रूप में तुषार पांडे का काम काफी अच्छा है. दर्शन कुमार डिजिटल प्लैटफॉर्म के बड़े हीरो के रूप में पहचान बना रहे हैं. एएसआई उजागर सिंह के रूप में उन्होंने आश्रम में जान डाल दी है. इस वेब सीरीज में बाबा निराला के बाद जिस एक एक्टर पर सबसे ज्यादा निगाहें टिकती हैं, वो हैं चंदन रॉय सान्याल. बाबा निराला के दाहिने हाथ भोपा की भूमिका में चंदन ने महफिल लूट ली है. बबीता के रूप में त्रिधा चौधरी आश्रम सीजन 2 की जान बनने वाली हैं. वहीं डॉक्टर नताशा के रूप में अनुप्रिया गोयनका और इंस्पेक्टर साधु के रूप में विक्रम कोचर बेहद मंजे लगे हैं. आश्रम वेब सीरीज की सबसे खास बात ये है कि इसके सारे कलाकार अपना बेस्ट देते नजर आए हैं और इन सबके मास्टर प्रकाश झा ने इनलोगों से बेहतरीन काम करवाया है.

आश्रम की गूंज दूर तक सुनाई देगी

इस हफ्ते ओटीटी प्लैटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर वेब सीरीज मसाबा मसाबा रिलीज हुई है. साथ ही डिज्नी हॉटस्टार पर आलिया भट्ट और संजय दत्त की फ़िल्म सड़क 2 रिलीज हुई है. यकीन मानिए कि इन दोनों से एमएक्स प्लेयर पर रिलीज वेब सीरीज आश्रम आपके लिए बेहतर ऑप्शन है, जिसे देख आपको वाकई मिर्जापुर, सेक्रेड गेम्स, द फैमिली मैन, बंदिश बैंडिट्स, असुर समेत अन्य पॉप्युलर वेब सीरीज की याद आएगी. हालांकि, आश्रम की स्टोरी अलग है, लेकिन जितनी शिद्दत से प्रकाश झा ने यह वेब सीरीज बनाई है और एक बेहतरीन कहानी पर अपने सभी कलाकारों से एक्टिंग करवाई है, यह लंबे समय तक लोगों के जेहन में कैद होने वाली है. आश्रम वेब सीरीज की एक और बेहद खास बात है इसका बैकग्राउंड म्यूजिक, यह आपको हर एक एपिसोड में कहानी और किरदार के साथ बांधे रखता है. आश्रम एमएक्स प्लेयर पर रिलीज हुई है, जो कि फ्री है. आप अपने मोबाइल फोन पर या लैपटॉप पर आसानी ने फ्री में आश्रम देख सकते हैं. आश्रम आपको एक ऐसे सफर पर ले जाएगी, जहां रोमांच ही रोमांच है और आपको बाबा राम रहीम की वो दुनिया दिखेगी, जहां धर्म के नाम पर सैकड़ों महिलाओं के इज्जत से खेला गया, सैकड़ों लोगों को जबरन नपुंसक बना दिया गया और 2-3 राज्यों के लाखों लोगों की आस्था और विश्वास से खेला गया.

लेखक

ओम प्रकाश धीरज ओम प्रकाश धीरज @om.dheeraj.7

लेखक पत्रकार हैं, जिन्हें सिनेमा, टेक्नॉलजी और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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