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Updated: 13 फरवरी, 2022 09:50 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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उत्तर प्रदेश सहित देश के पांच राज्यों में चुनाव प्रचार जोरों पर है. यूपी में पहले चरण के मतदान के बाद अब दूसरे चरण की वोटिंग होने वाली है. इस चुनावी माहौल को भुनाने के लिए फिल्म मेकर्स भी अपनी कोशिश जारी रखे हुए हैं. अभी हालही में ओटीटी प्लेटफॉर्म एमएक्स प्लेयर पर वेब सीरीज रक्तांचल का दूसरा सीजन स्ट्रीम हुआ है, जो कि पूर्वांचल में जुर्म के सियासी गठजोड़ पर आधारित है. इसमें पूर्वांचल के दो बाहुबलियों मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह के बीच अदावत की सच्ची कहानी पेश की गई है. इस वेब सीरीज के बाद एक शॉर्ट फिल्म भी चुनाव के बीच रिलीज होने के चलते सुर्खियों में है. जी हां, हम बात शॉर्ट फिल्म 'बिस्कुट' के बारे में बात कर रहे हैं. इसे अमिश श्रीवास्तव ने लिखा और निर्देशित किया है. फिल्म को गोरिल्ला शॉर्ट्स के यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है.

फिल्म 'बिस्कुट' में 'सेक्रेड गेम्स' और 'तमाशा' फेम एक्टर चितरंजन त्रिपाठी, 'पाताल लोक' और 'मिर्जापुर' फेम अमरजीत सिंह, 'बैंड बाजा बारात' फेम चेतन शर्मा अहम किरदारों में हैं. इसमें चितरंजन त्रिपाठी को सरपंच नवरत्न सिंह, अमरजीत सिंह को उनके पिछलग्गू भूरा और चेतन शर्मा को बेकरी वाले की भूमिका में देखा जा सकता है. फिल्म में भूरा का किरदार सबसे महत्वपूर्ण है, जो कि गांव के पिछड़े तबके से आता है. अपने मालिक सरपंच नवरत्न सिंह के आगे-पीछे घूमकर अपनी जिंदगी का गुजारा करता है. रोज अपमानित होता है. मार खाता है. एक दिन उसने अपने अपमान का बदला लेने का निश्चय किया और उसके लिए ऐसी रहस्यमयी रणनीति बनाई, जिसने सरपंच साहब के पैरों तले जमीन खिसका दी. भूरा ने साधारण बिस्कुट के जरिए बहुत बड़ा सियासी खेल कर दिया.

biscut_650_021322081535.jpgगोरिल्ला शॉर्ट्स के यूट्यूब चैनल पर रिलीज हुई शॉर्ट फिल्म 'बिस्कुट' सियासत पर जोरदार सटायर है.

इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे आम आदमी का वोट शक्तिशाली हथियार के रूप में काम कर सकता है. एक वोट से बहुत बड़ा बदलाव संभव हो सकता है. लेकिन इस बदलाव के लिए और ताकत बनाए रखने के लिए हर वोटर को सचेत होना होगा. प्रलोभन में आकर अपने वोट का गलत प्रयोग बंद करना होगा. यदि ऐसा हुआ तो जो नेता शराब, साड़ी और पैसे के दम पर चुनाव जीतते रहे हैं, उनका राजनीतिक करियर खत्म हो जाएगा. आम आदमी की समस्याओं को समझने वाले नेता जब चुनकर आगे जाएगा, तो लोगों की भलाई के लिए काम करेगा. इस तरह यदि आम आदमी झूठे वादों और फ्री की चीजों का लालच छोड़कर अपने वोट का इस्तेमाल सही उम्मीदवार को जीताने के लिए करने लगे, तो यकीन कीजिए सरकार और सत्ता पलटने में देर नहीं लगती है.

Biscut Film की कहानी

फिल्म 'बिस्कुट' की कहानी के केंद्र में भूरा (अमरजीत सिंह) का किरदार है. वो उत्तर प्रदेश के सपनापुर गांव में रहता है. वहां गांव के सरपंच नवरत्न सिंह की सरपरस्ती में रहकर अपनी जिंदगी गुजार रहा होता है. सरपंची के चुनाव होने वाले हैं. हमेशा की तरह नवरत्न सिंह मैदान में है. भूरा उनके लिए वोट मांगने के लिए गांव में घर-घर जाता है. इस दौरान उसे पता चलता है कि गांव कितने लोग ऐसे हैं, जो बिना खाए सो जाते हैं. उनके पास भरपेट भोजन नहीं है. लेकिन इन सबसे बेपरवाह नवरत्न सिंह गांववालों को रंगीन फव्वारे के सपने दिखाता है. खुद के घर में महंगे पत्थर लगे हैं, लेकिन गांव की सड़कें टूटी-फूटी हैं. बच्चों के लिए स्कूल तक नहीं है. लोगों का ध्यान बांटकर उनके वोट हासिल करने के लिए सरपंच गांव में नाच कराता है. शराब और पैसे बंटवाता है. लेकिन भूरा गांव की भूख समझ जाता है.

भूरा लोगों के लिए कुछ करना चाहता है, लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं है. लेकिन उसके दिमाग में एक आइडिया आता है. वो अपने घर में रखे अनाज को पीसकर आटा बनाता है. फिर उसे सुलेमान बेकरी पर ले जाकर उस आटे के बिस्कुट बनवा देता है. बिस्कुट का आकार सितारे जैसा होता है. बेकरी में काम करने वाला एक लड़का सत्तान उसकी बहुत मदद करता है. उसके सहयोग से भूरा बिना अपना नाम बताए गरीब लोगों के बीच सितारा बिस्कुट बंटवाता है. लोगों को ये बिस्कुट बहुत पसंद आता है, क्योंकि जब उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं होता, तो वो चार बिस्कुट खाकर पानी पीकर सो जाते. इस तरह बिस्कुट उनका सहारा बन जाता है. इधर चुनाव का जब रिजल्ट आता है, तो उसमें नवरत्न सिंह सरपंची का चुनाव हार जाता है. जो शख्स सरपंच बनता है, उसे देखकर हर कोई दंग रह जाता है.

Biscut Film की समीक्षा

शॉर्ट फिल्म 'बिस्कुट' को गोरिल्ला शॉर्ट्स के यूट्यूब चैनल पर रिलीज कर दिया गया है. इस चैनल पर 'स्टेशन मास्टर', 'फूल कुमार' और 'चड्डी' जैसी बेहतरीन शॉर्ट्स फिल्में पहले से ही मौजूद हैं. आधे की घंटे की इस फिल्म का निर्देशन वर्जीनिया में रहने वाले अमीश श्रीवास्तव ने किया है. उन्होंने फिल्म की पटकथा भी लिखी है. अमीश ने यूसीएलए एक्सटेंशन यूनिवर्सिटी, अमेरिका में स्क्रीनप्ले की पढ़ाई की है. इसके बाद न्यूयॉर्क में फिल्म डायरेक्शन का कोर्स भी किया है. फिल्म के निर्माता संदीप शांत डेट्रॉइट स्थित टीएसएस फिल्म्स के सीईओ हैं. वो उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में पले बढ़े हैं. इसलिए उन्होंने फिल्म की शूटिंग किसी सेट पर नहीं, बल्कि अपने गांव में ही की है. फिल्म में बलरामपुर के सूरत सिंह देह गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने काम किया है. यह फिल्म को वास्तविक महसूस कराता है.

नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज 'सेक्रेड गेम्स' से सुर्खियों में आए अभिनेता चित्तरंजन त्रिपाठी गांव के दबंग सरपंच नवरतन सिंह की भूमिका में हैं. अमरजीत सिंह दलित भूरा की भूमिका में हैं, उन्हें वेब सीरीज 'मिर्जापुर' और 'पाताल लोक' में देखा गया था. दोनों ही कलाकारों ने अपने किरदारों के साथ न्याय किया है. भूरा के किरदार में अमरजीत सिंह ने इतना बेहतरीन अभिनय किया है कि लगता ही नहीं कि एक्टिंग कर रहे हैं. बेकरी वाले लड़के की भूमिका में चेतन शर्मा की अदाकारी याद रखी जाएगी. ये छोटा रोल उनके करियर में बड़ा काम करेगा. फिल्म को चूंकि रीयल लोकेशन पर फिल्माया गया है, इसलिए हर सीन नेचुरल लगता है. इस फिल्म के जरिए अमीश श्रीवास्तव ने देश की राजनीति पर करारा प्रहार किया है. उनके लेखन की व्यंग्यात्मक शैली फिल्म की कहानी में झलकती है. इस फिल्म को जरूर देखा जाना चाहिए.

Biscut short film यहां देख सकते हैं...

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लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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