New

होम -> सिनेमा

 |  4-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 14 अप्रिल, 2022 11:12 PM
आईचौक
आईचौक
  @iChowk
  • Total Shares

प्रियदर्शन के निर्देशन में आज से 15 साल पहले साइको हॉरर कॉमेडी ड्रामा भूल भुलैया आई थी. अक्षय कुमार-विद्या बालन समेत आधा दर्जन से ज्यादा मंझे कलाकारों की भूमिका से सजी फिल्म ने लोगों का जबरदस्त मनोरंजन किया था. फिल्म के बैकड्राप में वाराणसी और वहां की एक रॉयल फैमिली थी. रॉयल फैमिली का एक इतिहास भी था. असल में महल के एक हिस्से में मंजूलिका नाम की नर्तकी की आत्मा का साया था. जिसे एक कमरे में अभिमंत्रित कर बंद कर दिया गया था.

लेकिन वह कमरा खुलते ही महल पर मंजूलिका का बुरा साया पड़ जाता है और कई सारी अनहोनियां घटने लगती हैं. अंधविश्वास, परंपरा और विज्ञान के साथ एक बहुत ही ख़ूबसूरत कहानी दिखाई गई थी. अब इसी का दूसरा पार्ट भूल भुलैया 2 के रूप में बनाया गया है. इसमें कार्तिक आर्यन, संजय मिश्रा, राजपाल यादव, तबू और कार्तिक आर्यन मुख्य भूमिका में हैं. आज ही फ़िल्म का नया टीजर लॉन्च किया गया है. पहले पार्ट से बड़े किरदारों में राजपाल यादव रिपीट होते नजर आ रहे हैं.

bhool bhulaiyaa 2 भूल भुलैया 2 में कार्तिक आर्यन और राजपाल यादव.

भूल भुलैया 2 के नए टीजर में क्या है?

टीजर में फिल्म के विषय के साथ ही कार्तिक और राजपाल की झलकी नजर आती है. करीब 51 सेकेंड के टीजर की शुरुआत महल के उसी हिस्से से होती है जहां मंजूलिका की आत्मा रहती है. पायलों की छन-छन के साथ किसी के चलने की आहट सुनाई देती है. फानूस में लगी बत्तियां एक-एककर बुझने लगती हैं. बैकड्राप में 'आमी जे तोमार' का गाना सुनाई पड़ता है. और कमरे के अंदर एक डरावनी आत्मा के होने का अंदाजा मिलता है. फिर काले लिबास में बाबा के रूप में नजर आ रहे कार्तिक की एंट्री होती है. पहले पार्ट में छोटे पंडित की भूमिका में नजर आए राजपाल उन्हें असिस्ट करते दिखते हैं.

यानी दूसरे पार्ट में भी महल पर मंजूलिका की आत्मा का साया पड़ा नजर आएगा जिसके बाद पूरा महल परेशान हो जाता है. मंजूलिका की आत्मा दोबारा कैसे आजाद हुई और कार्तिक कैसे महल और उसमें रहने वाले लोगों को मंजूलिका से बचाता है- यही कहानी फिल्म में दिखाई जाएगी. भूल भुलैया 2 का निर्देशन अनीस बज्मी ने किया है. 20 मई को फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज होगी.

भूल भुलैया 2 का टीजर नीचे देख सकते हैं:-

भूल भुलैया 2 बचते बचाते क्लैश में फंस ही गई

दिक्कत यह है कि 20 मई को ही बहुप्रतीक्षित एक्शन एंटरटेनर धाकड़ रिलीज होगी. यह कंगना रनौत के करियर की एक बड़ी फिल्म बताई जा रही है. फिल्म से कंगना के जो लुक सामने आए हैं उन्होंने सुर्ख़ियों के साथ ही तारीफ़ बटोरने में कामयाबी पाई है. भूल भुलैया 2 के निर्माताओं को सोलो रिलीज की अपेक्षा थी. मगर वह संभव नहीं हो पाया. असल में भूल भुलैया 2 को पहले पिछले साल जुलाई में शेड्यूल किया गया था. कोरोना महामारी की दूसरी घातक लहर में फिल्म की रिलीज को टालना पड़ा. निर्माताओं ने 25 मार्च की रिलीज तारीख लॉक की थी. हालांकि तीसरी लहर के बाद जनवरी में शेड्यूल आरआरआर टल गई और इसके निर्माताओं ने 25 मार्च की तारीख को लॉक किया. भूल भुलैया 2 को एक बार फिर आरआरआर की वजह से पोस्टफोन होना पड़ा था. तीसरी डेट का नतीजा सामने है.

दक्षिण के सिनेमा उद्योग का भारी दबाव झेल रहे बॉलीवुड के लिए दो बड़े स्केल की फिल्मों का आपस में भिड़ना शुभ संकेत नहीं कहा जा सकता. कोरोना के बाद के हालत को देखें तो हिंदी की आधा दर्जन से ज्यादा फ़िल्में रिलीज हुई हैं. इसमें से द कश्मीर फाइल्स ही ब्लॉकबस्टर साबित हुई है. जबकि अक्षय कुमार की सूर्यवंशी सुपरहिट और संजयलीला भंसाली की गंगूबाई काठियावाड़ी 100 करोड़ से ज्यादा कमाकर हिट बनी. लेकिन इसी अवधि में बड़े-बड़े सितारों से सजी बॉलीवुड की कई फ़िल्में फ्लॉप हो चुकी हैं.

आगे पहाड़ पीछे खाईं, कैसे पार होगा बॉलीवुड?

जबकि दूसरे पहलू पर गौर करें तो प्रभास स्टारर राधेश्याम को छोड़कर दक्षिण की पैन इंडिया फ़िल्में एक पर एक सफलता हासिल कर रही हैं और बॉलीवुड के बैकफुट पर जाने की वजह बनी हैं. पहले अल्लू अर्जुन की पुष्पा द राइज ने विपरीत हालात में कामयाबी का परचम पहराया और रणवीर की 83 जैसी फिल्म के नाकामी की भी वजह बनी. इसके बाद आरआरआर ने मुकाबले में किसी को उतरने ही नहीं दिया. एक हफ्ते का गैप लेकर आई जॉन अब्राहम की अटैक पार्ट वन पर किसी ने ध्यान भी नहीं दिया. यश की केजीएफ 2 के सामने भी बॉलीवुड चुनौती पेश करने से हट गया. जर्सी को रिलीज टालनी पड़ी. केजीएफ 2 पहले दिन हिंदी समेत समूचे देश में तूफ़ान मचाते नजर आ रही है.

यानी दक्षिण अपने क्षेत्र में तो अपराजेय बना हुआ है- वह मुकाबले के लिए कई कदम आगे बढ़कर हिंदी बेल्ट तक पहुंच चुका है. पहले से ही बैकफुट पर खड़े बॉलीवुड को दोहरी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना की मार में फिल्मों की भीड़ की वजह से सोलो रिलीज का कोई रास्ता ही नहीं नजर आ रहा है. सामंजस्य की कमी में क्लैश बन रहे हैं. जो धाकड़ और भूल भुलैया 2 के रूप में समाने आ रहा है. यह भी तय नहीं कि इसी तारीख पर साउथ की कोई पैन इंडिया मूवी आकर खड़ी हो जाए. बॉलीवुड पर संकट गहरा है.

लेखक

आईचौक आईचौक @ichowk

इंडिया टुडे ग्रुप का ऑनलाइन ओपिनियन प्लेटफॉर्म.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय