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Updated: 15 जून, 2015 05:28 PM
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टाइमपास... टाइमपास... टाइमपास... बिहार की रेलगाड़ियों में चिनियाबेदाम (मूंगफली) ऐसे ही बेची जाती है. ट्रेनें लेट-लतीफ चलती हैं. जो ठीक-ठाक चल रही होती हैं, उन्हें भैकंप (वैक्यूम ब्रेक) कर दिया जाता है. हताश-परेशान लोग चिनियाबेदाम खरीद लेते हैं. इसका भूख से कोई लेना-देना नहीं होता. यह तो समय काटने का यंत्र होता है - शुद्ध टाइमपास.

  • जिंदगी की रेलगाड़ी में भी बहुत सारे लोग टाइमपास करते हैं. हां, वो ताल ठोक कर इसे बताते नहीं हैं.
  • यह भी कोई बताने की चीज है महराज! कुच्छो काम नहीं रहता है, इसीलिए न करते रहते हैं टाइमपास.

अपने यहां बॉलीवु़ड की एक 'क्वीन' हैं - कंगना रनोट. ये भी 'टाइमपास' करती हैं. थोड़ा अलग हटके. अलग तो होगा ही साब! उनके पास कुच्छो काम नहीं है, ऐसा थोड़े ही न है. और हां, जैसे दम ठोक कर 'क्वीन' बनीं, वैसे ही दम ठोक कर 'टाइमपास' करने का अनाउंसमेंट भी कीं. लेकिन ठीक यहीं पर कंगना हम जैसे बिहारियों से मात खा जाती हैं.            

कंगना का कहना है कि वह 'टाइमपास' रोमांस में विश्वास रखती हैं. रोमांस वो भी टाइमपास!!! जी हां. कंगना ने कहा, 'जब आप डेट करते हैं, शादी का ख्याल आपके दिमाग में नहीं होता क्योंकि आपमें उस रिश्ते की समझ नहीं होती. हालांकि मैं टाइमपास रोमांस के लिए पूरी तरह तैयार हूं.'

मजबूरी में, अवसर और साधन की कमी के कारण टाइमपास करना और बात है. जान-बूझ कर करना दूसरी बात. और आपका 'टाइमपास' सिर्फ आपसे जुड़ा हो तो समझ में आता है. आप जिस 'टाइमपास' की बात कर रही हैं, वहां आप अकेली नहीं होती हैं. किसी दूसरे की भावना भी आपके साथ उड़ान भर रही होती है. कम से कम उसका ख्याल कीजिए.

यह हंसी-ठठ्ठा का विषय नहीं है. न ही यह टाइमपास है. यह इसलिए भी जरूरी है कि जब आप जैसे सफल लोग (महिला या पुरुष) इस तरह की बातें करते हैं तो समाज पर असर पड़ता है. अबोध मन के किशोरों में भटकाव आता है. सामाजिक ताने-बाने के कारण लड़कियां ज्यादा प्रभावित होती हैं. 'क्वीन' की ही भांति आप उन सब को बोल्ड बनाइए न. क्यों भटका रही हैं?          

और अंत में कंगना जी! प्रेम, प्यार, इश्क, लव ये सिर्फ शब्द नहीं हैं. भावनाएं हैं. इन्हें 'टाइमपास' मत बनाइए. हो सके आप को इस 'टाइमपास' में मजा आता हो, लेकिन कुछ का दिल टूट जाता होगा. वो क्या है न, मर्दों को भी दर्द होता है... बस झांक कर देखने की जरूरत होती है.

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लेखक

चंदन कुमार चंदन कुमार @chandank.journalist

लेखक iChowk.in में पत्रकार हैं.

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