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Updated: 03 जून, 2022 02:18 PM
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सम्राट पृथ्वीराज चौहान के ऊपर बनी फिल्म रिलीज हो चुकी है. शायद यह पहली बार देखने को मिल रहा है जब सोशल मीडिया पर किसी भारतीय योद्धा के जीवन को लेकर जितने लोग पक्ष में नजर आ रहे हैं- विरोध करने वालों की संख्या भी कुछ कम नहीं. सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है उस पर बात करने से पहले फिल्म और उसके विषय में कुछ जान लेते हैं. सम्राट पृथ्वीराज का निर्माण आदित्य चोपड़ा की यशराज फिल्म्स ने किया है. यशराज फिल्म्स बॉलीवुड के सबसे बड़े बैनर्स में शुमार है लेकिन इससे पहले कोई पीरियड ड्रामा बनाने के लिए आगे नहीं आया था. फिल्म का निर्देशन चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने किया है जिन्हें पीरियड टीवी ड्रामा "चाणक्य" के लिए जाना जाता है.

पृथ्वीराज में अक्षय कुमार ने मुख्य भूमिका निभाई है. उनके अपोजिट मानुषी छिल्लर हैं और बतौर एक्ट्रेस यह उनका डेब्यू प्रोजेक्ट भी है. अन्य बड़े किरदारों में संजय दत्त, सोनू सूद, आशुतोष राणा, मानव विज और अजोय चक्रवर्ती शामिल हैं. पृथ्वीराज को हिंदी के साथ ही तमिल और तेलुगु में भी रिलीज किया गया है. यह फिल्म देशभर में कुल 3750 स्क्रीन्स पर है. इसमें से तमिल और तेलुगु के 200 स्क्रीन्स शामिल हैं. ओवरसीज यानी विदेशों में यह करीब 1200 स्क्रीन्स पर रिलीज की गई है. हालांकि खाड़ी के कुछ देशों में इसे बैन कर दिया गया है. तमिल स्टार विजय की एक्शन एंटरटेनर 'बीस्ट' के बाद खाड़ी देशों में बैन होने वाली यह लगातार दूसरी भारतीय फिल्म है.

Samrat Prithviraj सम्राट पृथ्वीराज.

सम्राट पृथ्वीराज की कहानी क्या है? ना तो फिल्म का विरोध करने वालों और ना ही उसके समर्थन में दिख रहे लोगों को बताने की जरूरत है. हालांकि फिल्म की घोषणा के साथ ही सोशल मीडिया पर यह लगातार चर्चाओं में बनी हुई है. दोनों ट्रेलर आने के बाद शायद ही ऐसा कोई दिन रहा हो जब "सम्राट पृथ्वीराज" की चर्चा ना हुई हो. यहां तक कि कुछ जातीय संगठनों ने फिल्म के टाइटल पर भी बवाल काटा और बाद में निर्माताओं ने टाइटल "पृथ्वीराज" से बदलकर "सम्राट पृथ्वीराज" कर दिया.

सोशल मीडिया पर विरोध क्यों हो रहा है?

सोशल मीडिया पर एक बड़ा तबका इसे हिंदूवादी एजेंडा पर बनी फिल्म करार दे रहा है. लोग बता रहे कि फिल्म के जरिए पृथ्वीराज का जो इतिहास दिखाने की कोशिश हो रही है, असल में उसके कई बड़े अंश कल्पना का हिस्सा भर हैं. इतिहास के एक बड़े झूठ को मनगढ़ंत तरीके से सच बनाने की कोशिश हो रही है. कुछ लोग जातिगत आरोप भी लगा रहे. मसलन चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने फिल्म का निर्देशन किया है तो उन्होंने ब्राह्मणवादी एजेंडा पर फिल्म बनाई है. कुछ यह कह रहे हैं कि अक्षय कुमार की भाजपा से नजदीकियां रही हैं- समझा जा सकता है कि फिल्म का मकसद क्या होगा? लोग अपनी बात को साबित करने के साक्ष्य भी रख रहे हैं.

वैसे ऐसे लोगों की भी कमी नहीं जो पृथ्वीराज की भूमिका में अक्षय कुमार की कास्टिंग को लेकर भी विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि 25-26 साल के नौजवान और वीर बांका पृथ्वीराज की भूमिका में अक्षय का होना भद्दा लग रहा है. वो किसी भी दृष्टिकोण से वह सम्राट नजर नहीं आ रहे जैसे पृथ्वीराज को लेकर भारत के जनमानस में लोगों की स्मृतियां हैं.

एक बहस पृथ्वीराज की जाति को लेकर भी

लगातार यह बहस देखने को भी मिल रही है कि आखिर पृथ्वीराज की जाति क्या थी? खासकर राजपूत और गुज्जर समाज के लोग उनपर अपना अपना दावा कर रहे हैं. राजपूतों का एक धड़ा उन्हें चौहान बता रहा है. गुज्जर उन्हें अपना बता रहे हैं. दोनों वंशावली और पारस्परिक शादी-विवाह करने के ऐतिहासिक साक्ष्य पेश करने का दावा कर रहे हैं. मौजूदा भारत में राजपूत सवर्ण यानी अगड़ी जातियों में शुमार हैं. जबकि गुज्जर अति पिछड़ी जातियों में शुमार की जाती हैं. भारत में जातियों और उनके धर्म को पहली बार 1900 से पहले अंग्रेजों ने दर्ज किया था.

जहां तक बात गुज्जरों की है- इतिहास में साक्ष्य दिए जाते हैं कि कभी वो राजा रजवाड़े थे. इन्हें भी राजपूतों की तरह प्राचीन लड़ाकू जनजातियों में शुमार किया जाता है. और यह भारत के अलग-अलग हिस्सों के अलावा मौजूदा पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी पाए जाते हैं. ब्रिटिश काल तक गुज्जर जमींदार के रूप में रहे हैं. यूपी के सहारनपुर में तो 1857 से पहले गुज्जर और अंग्रेजों के बीच सशत्र संघर्ष का प्रमाण भी है. भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में अन्य जातियों में भी मिलते हैं. जैसे सुतार, लेवा कुनबी, कुर्मी, पाटीदार, कुम्हार और प्रजापति जैसी जातियों को भी गुज्जर उपजाति के रूप में शुमार किया जाता है.

अब पृथ्वीराज चौहान थे या गुज्जर यह इतिहास का ऐसा सवाल है जिसे साफ़ करने में मौजूदा सामजिक व्यवस्था की तमाम अड़चनें हैं. हालांकि दोनों जातियां हिंदुओं और इस्लाम दोनों धर्मों में हैं. और इसे प्रमाणित करने वाली दर्जनों शोध और रिसर्च उपलब्ध हैं.

कई लोग यह भी कह रहे कि पृथ्वीराज की जाति क्या थी, उससे क्या फर्क पड़ता है. वह भारत के थे, इतना भी कम नहीं है.

akshay kumarसम्राट पृथ्वीराज.

फिल्म को लेकर तारीफ़ में क्या कहा जा रहा है?

फिल्म की जमकर तारीफ़ भी हो रही है. मॉर्निंग शो देखकर निकलने वाले दर्शक इसे बेहतरीन फिल्म बता तरहे हैं. हालांकि अक्षय की कास्टिंग को लेकर उनकी भी शिकायतें हैं. उनका मानना है कि अगर पृथ्वीराज की भूमिका में कोई और होता तो यह फिल्म ज्यादा प्रभावी साबित होती. पर कई दर्शक ऐसे भी हैं जो अक्षय की कास्टिंग का बचाव कर रहे हैं. उनका कहना है कि पृथ्वीराज का जिस तरह विरोध हो रहा है- उसकी आशंका पहले से थी. किरदार में अक्षय जैसे बड़े सितारे की जरूरत थी ताकि उस पर ज्यादा से ज्यादा बहस हो और ज्यादा से हयादा दर्शकों तक फिल्म पहुंचे. लोगों ने इसे भारत के इतिहास की एक भव्य फिल्म करार दिया है. और ऐसी फिल्मों को बनाने की जरूरत पर बल दिया है. खासकर लोग बॉलीवुड से छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर फिल्म बनाने की मांग करते नजर आए.

फिल्म के संवाद और कलाकारों के अभिनय की तारीफ़ हो रही है. कई लोग पहली ही फिल्म में संयोगिता के भाव प्रणय अभिनय की सराहना कर रहे हैं. संजय दत्त, सोनू सूद, आशुतोष राणा और मानव विज भी दर्शकों का प्यार पाते दिख रहे हैं. एक दर्शक ने लिखा कि मानव विज ने क्या दमदार अभिनय किया है. यह उनके अभिनय का ही कमाल है कि गोरी के रूप में परदे पर उन्हें देख कर घृणा होती है.

कई दर्शकों ने चंद्रप्रकाश द्विवेदी के निर्देशन की तारीफ़ की है और बताया कि टीवी पर जो आनंद भारत एक खोज, चाणक्य देखने से मिला था लगभग वैसा ही मजा पृथ्वीराज से मिलता मिलता है. हालांकि तकनीकी पक्षों को लेकर कुछ दर्शकों ने नाराजगी जताई. उनका मानना था कि युद्ध के दृश्यों को और भी भव्य बनाया जा सकता था.

सम्राट पृथ्वीराज को कुछ राज्यों ने टैक्स फ्री कर दिया है. माना जा रहा है कि जिस तरह से फिल्म की चर्चा हो रही है और जबरदस्त वर्ड ऑफ़ माउथ है यह फिल्म कामयाब हो सकती है.

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