New

होम -> सिनेमा

 |  5-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 26 सितम्बर, 2022 03:27 PM
आईचौक
आईचौक
  @iChowk
  • Total Shares

किसी फिल्म पर विवाद होना अब आम बात हो चुकी है. कई बार तो फिल्म मेकर्स जानबूझकर ऐसा करते हैं, क्योंकि विवाद फिल्मों के लिए अक्सर फायदे का सौदा रहा है. अभी तक का रिकॉर्ड देखा जाए तो जिन फिल्मों पर जितना ज्यादा विवाद हुआ है, उसकी कमाई में उतना ज्यादा इजाफा हुआ है. इस मामले में संजय लीला भंसाली सबसे आगे हैं. उनकी लगभग हर फिल्म पर विवाद होता है. विवाद के बाद उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट साबित होती हैं. इस वक्त बॉलीवुड की एक आने वाली फिल्म भी विवादों में हैं. उस पर भगवान के अपमान का आरोप लग रहा है. लंबे समय से इसके विवादित सीन हटाने की मांग हो रही है. लेकिन मेकर्स के कानों पर जू तक नहीं रेंग रहा. इसे नाराज लोगों ने फिल्म के निर्माताओं के खिलाफ केस दर्ज करा दिया है. इस फिल्म का नाम 'थैंक गॉड' है, जिसमें अजय देवगन और सिद्धार्थ मल्होत्रा लीड रोल में हैं.

फिल्म थैंक गॉड' का ट्रेलर रिलीज होने के बाद से ही इसका विरोध शुरू हो गया था. फिल्म में अजय देवगन ने कायस्थ समाज के भगवान माने जाने वाले चित्रगुप्त का किरदार निभा रहे हैं. इस किरदार में वो लड़कियों के साथ डांस करते हुए भी दिख रहे हैं. कायस्थ समाज के लोगों का कहना है कि उनके भगवान को ऐसे दिखाकर उनका अपमान किया जा रहा है. इस तरह के जितने सीन फिल्म में उसे हटा दिया जाए. इतना ही नहीं फिल्म के मेकर्स की तरफ से एक हलफनामा भी दिया जाए कि चित्रगुप्त जी का अपमान करने वाला कोई सीन फिल्म में नहीं है. काफी दिनों तक मेकर्स की तरह से कोई पहल नहीं होने पर पहले उत्तर प्रदेश के जौनपुर और उसके बाद अब राजस्थान के धौलपुर में केस दर्ज कराया गया है. इसमें फिल्म की निर्माता कंपनी टी-सीरीज, निर्देशक इंद्र कुमार और अभिनेता अजय देवगन को नामजद किया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

thankgod_650_092522051814.jpgफिल्म 'थैंक गॉड' अभिनेता अजय देवगन चित्रगुप्त के किरदार में हैं, जिनकी कायस्थ समाज पूजा करता है.

कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव का कहना है कि फिल्म के ट्रेलर में हमारे समाज के भगवान श्री चित्रगुप्त जी को आधुनिक वेशभूषा में दिखाया गया है. वह 'अर्ध-नग्न महिलाओं' से घिरे हुए हैं. ऐसे करके उनका अपमान किया जा रहा है. इससे हमारी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. इस तरह सामाजिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाने की साजिश की जा रही है. फिल्म के आपत्तिजनक दृश्यों को हटाया जाए. इसके बाद ही रिलीज किया जाए. अभी तक फिल्म के निर्माता, निर्देशक या अभिनेता की तरफ से इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. वैसे आएगी भी क्यों, विवाद तो फिल्म के लिए शुभ संकेत की तरह होते हैं. जिस फिल्म को लेकर जितना ज्यादा विवाद है, उसे उतना ही ज्यादा फायदा मिलता है. लोग उसके बारे में जानने के लिए उत्सुक होते हैं. इसके लिए फिल्म देखते हैं. यकीन न हो तो संजय लीला भंसाली की फिल्मों की कमाई देख लीजिए.

पिछले साल रिलीज हुई फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' को लेकर विवाद हुआ था. महाराष्ट्र कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने फिल्म का नाम बदलने की मांग की थी. उनका कहना था कि फिल्म के टाइटल में 'काठियावाड़ी' है, जिससे कि शहर की छवि खराब हो रही है. काठियावाड़ शहर अब उस तरह का नहीं है जैसा कि यह 1950 के दशक में था. वहां कि महिलाएं अलग-अलग पेशे में बहुत आगे बढ़ रही हैं. इस फिल्म के नाम से काठियावाड़ शहर की छवि खराब होगी. रिलीज से पहले फिल्म का खूब विरोध हुआ. इतना ही नहीं तब तक बॉलीवुड बायकॉट मुहिम की हवा भी तेज हो गई थी. इन सबके बावजूद फिल्म हिट रही. 180 करोड़ रुपए लागत में बनी इस फिल्म ने 212 करोड़ रुपए का कारोबार किया था. इसी तरह साल 2018 में रिलीज हुई दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह स्टारर फिल्म 'पद्मावत' पर भी विवाद हुआ था. फिल्म में ऐतिहासिक तथ्य गलत दिखाने का आरोप लगा था.

इसे लेकर राजपूतों के एक संगठन 'करणी सेना' ने पूरे देश में फिल्म बैन करने के लिए विरोध प्रदर्शन किया था. करीब एक साल तक इस फिल्म का विरोध होता रहा. सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक यह मामला गूंजता रहा. बाद में इसका नाम बदलकर, विवादित सीन हटाकर रिलीज कर दिया गया. 180 करोड़ रुपए की लागत में बनी इस फिल्म ने 585 करोड़ रुपए का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया था. 2015 में रिलीज हुई फिल्म 'बाजीराव-मस्तानी' को लेकर मराठी मानुष ने बहुत विरोध किया था. आरोप लगाया कि इस फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से जमकर छेड़छाड़ की गई है. यहां तक कि बाजीराव पेशवा के वंशज प्रसादराव पेशवा ने भी रिलीज से पहले फिल्म की समीक्षा की मांग कर डाली. इतने विवादों से घिरने के बावजूद यह फिल्म बॉक्स-ऑफिस पर जबरदस्त हिट साबित हुई. इसने कमाई के कई सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले थे. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर करीब 200 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया था. 2013 में रिलजी हुई फिल्म 'गोलियों की रासलीलाः राम-लीला' का नाम पहले 'रामलीला' नाम रखा गया था. इस पर पूरे देश में विवाद हुआ था.

आरोप लगा कि फिल्म के नाम से धर्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं. इसे लेकर देशभर में न सिर्फ प्रदर्शन हुए, बल्कि डायरेक्टर और एक्टर्स के खिलाफ केस तक दर्ज कराया गया. इसके बाद भी कुछ लोग कोर्ट चले गए. कोर्ट के निर्देश पर फिल्म का नाम गोलियों की रासलीलाः राम-लीला कर दिया गया. इसी तरह 2012 में रिलीज हुई फिल्म 'ओह माय गॉड' पर भी हिंदू धर्म का मखौल उड़ाने के आरोप लगे थे. फिल्म 20 करोड़ रुपए की लागत में बनी थी, लेकिन रिलीज के बाद 121 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया. इस तरह फिल्म ने लागत से करीब 500 फीसदी ज्यादा कमाई की थी. 2014 में रिलीज हुई आमिर खान की फिल्म 'पीके' पर धार्मिक संगठनों ने बहुत ज्यादा आपत्ति दर्ज कराई थी. फिल्म में पहले न्यूड पोस्टर और बाद में हिंदू धर्म का मखौल उड़ाने के चलते आमिर लोगों के निशानों पर आए थे. 122 करोड़ रुपए लागत से बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 616 करोड़ रुपए की कमाई की थी. यानी 405 फीसदी ज्यादा कमाई हुई. इन उदाहरणों से समझा जा सकता है कि विरोध फिल्मों के लिए हमेशा से फायदे का सौदा रहा है.

Thank God फिल्म का ट्रेलर देखिए...

लेखक

आईचौक आईचौक @ichowk

इंडिया टुडे ग्रुप का ऑनलाइन ओपिनियन प्लेटफॉर्म.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय