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Updated: 14 अगस्त, 2020 09:02 PM
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सुशांत सिंह राजपूत की मौत को 2 महीने होने जा रहे हैं. इन दो महीनों में फ़िल्म इंडस्ट्री की सारी सच्चाई बाहर आ गई है, जहां अपनों के नाम पर बस चंद दोस्त, कुछ निभाए किरदार और ढेर सारी यादों के सिवा इंसान का कुछ नहीं होता. हालांकि, जिंदगी का फलसफा भी यही है. लेकिन बीते 2 दिनों के अंदर मुंबई में दो और कलाकारों ने खुदकुशी कर लोगों को सोचने पर विवश कर दिया है कि ऐसी क्या मजबूरी आन पड़ती है, जहां इंसान जिंदगी से ज्यादा मौत को तरजीह देने लगता है और संसार को असमय अलविदा कह जाता है. बीते 5 अगस्त को टीवी इंडस्ट्री के पॉप्युलर चेहरे समीर शर्मा की मुंबई स्थित उनके फ्लैट के किचन में सीलिंग से लटकी लाश मिली. इससे पहले बीते रविवार को अनुपमा पाठक नामक भोजपुरी एक्ट्रेस ने मुंबई स्थित अपने फ्लैट में खुदकुशी कर ली. समीर शर्मा की मौत के पीछे क्या वजह थी, पता नहीं चल पाया है, लेकिन अनुपमा शर्मा कोरोना संकट काल में काम न मिलने और किसी के व्यवहार से काफी आहत थीं, इसलिए उन्होंने अपनी जान दे दी.

फ़िल्म और टीवी इंडस्ट्री में खुदकुशी के सिर्फ यही मामले नहीं हैं, क्राइम पेट्रोल की कलाकार पेक्षा मेहता, सेलेब्रिटी मैनेजर दिशा सालियान, मराठी एक्टर आशुतोष भाकरे, टीवी एक्टर मनमीत ग्रेवाल समेत कई ऐसे उदाहरण हैं, जिनकी हाल ही में खुदकुशी से मौत की खबर आई और इन सबके फैंस के लिए यह सदमे जैसा है. इन सबके बीच सुशांत सिंह राजपूत की खुदकुशी की खबर ने तो लोगों को स्तब्ध कर दिया. सुशांत सिंह राजपूत खुदकुशी मामले के पीछे क्या कारण थे, कौन दोषी था/थी, इन बातों की अब सीबीआई पड़ताल कर रही है, लेकिन बीते एक हफ्ते के दौरान जिन दो कलाकारों ने खुदकुशी की है, इन मामलों में क्या होगा. क्या मुंबई की फ़िल्म इंडस्ट्री खुदकुशी की राजधानी बनती जा रही हैं, जहां जिंदगी से मौत ज्यादा कीमती लगने लगी है.

कोरोना संकट फिल्म और टीवी कलाकारों के लिए बुरे सपने से भी ज्यादा भयावह साबित हो रहा है. कोरोना संकट काल में ज्यादातर कलाकारों का काम ठप पड़ गया और आय के सीमित साधन होने के कारण बीते करीब 5 महीनों में उनकी जिंदगी चौराहे पर आ गई है. आर्थिक तंगी के कारण मनमीत ग्रेवाल ने खुदकुशी कर ली. अब अनुपमा पाठक की खुदकुशी के पीछे भी यही कारण सामने आ रहा है कि काम न मिलने से वह काफी परेशान थीं और आर्थिक तंगी में उन्होंने यह रास्ता अपनाया. आर्थिक तंगी तो एक बड़ा कारण है ही, लेकिन पिछले कुछ वर्षों के दौरान जिस तरह से टीवी और फिल्म इंडस्ट्री का स्वरूप बदला है, उससे सीनियर कलाकार काफी प्रभावित हुए हैं. उन्हें सीमित काम मिल रहा है. साथ ही इंडस्ट्री में भेदभाव भी एक बहुत बड़ी वजह के रूप में सामने आई है.

समीर शर्मा की कहानी कुछ इस तरह है

टीवी इंडस्ट्री के कुछ सीनियर चेहरों में समीर शर्मा एक खास चेहरे थे. 5 अगस्त को मुंबई स्थित आवास पर उनकी लाश मिली. माना जा रहा है कि वह कुछ समय से डिप्रेशन में थे. मूल रूप से दिल्ली के समीर शर्मा टीवी इंडस्ट्री में पिछले 16 वर्षों से सक्रिय थे. साल 2004 में कहानी घर-घर की से एक्टिंग करियर शुरू करने वाले समीर ने क्यूंकि सास भी कभी बहु थी, दिल क्या चाहता है, लेफ्ट राइट लेफ्ट, वो रहने वाली महलों की, इस प्यार को क्या नाम दूं और ये रिश्ते हैं प्यार के समेत कई पॉप्युलर टीवी सीरियल्स में काम किया था. समीर शर्मा ने सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ हसी तो फसी और इत्तफाक फ़िल्म में भी काम किया था. अचानक समीर शर्मा की खुदकुशी की खबर ने टीवी इंडस्ट्री के कलाकारों को झकझोड़ कर रख दिया है. सोशल मीडिया और कविता और मोटिवेशनल कोट शेयर करते-करते अचानक समीर का इस दुनिया को अलविदा कह देना खलता है और हमें सोचने पर मजबूर करता है कि कुछ तो वजह रही होगी, यूं ही कोई जिंदगी की जंग नहीं हारता. मुंबई पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और आने वाले समय में ही पता चलेगी कि समीर शर्मा की खुदकुशी के पीछे क्या कारण हैं.

अनुपमा पाठक ने खुदकुशी से पहले ये बातें कही थीं

मूल रूप से बिहार की रहने वालीं अनुपमा पाठक ने बीते रविवार को मुंबई के मीरा रोड स्थित फ्लैट में खुदकुशी कर ली. अनुपमा ने कई भोजपूरी फ़िल्मों और टीवी शो में काम किया था. कोरोना संकट काल में उनके पास काम नहीं था, जिसकी वजह से वह काफी परेशान थीं, लेकिन इससे भी बड़ा कारण ये है कि वह किसी के व्यवहार से काफी दुखी थीं और उन्होंने सुसाइड नोट में भी इसका जिक्र किया है. हाल ही में उन्होंने फेसबुक पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा था कि वह जिंदगी में अब किसी पर विश्वास नहीं कर पाएंगी. साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि उनकी किसी भी दोस्त ने मदद नहीं की. बीते रविवार को जब अनुपमा के पति घर पर नहीं थे तो उन्होंने खुदकुशी कर ली. इस मामले में मुंबई पुलिस ने बताया कि किसी ने उनकी बाइक ले ली और लौटाने से इनकार कर रहा था, जिससे उन्हें काफी दुख हुआ था. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.

कुछ तो मजबूरियां रही होंगी...

समीर शर्मा और अनुपमा पाठक की मौत के पीछे जो भी कारण हो, पर इतना पता चलता है कि मायानगरी में लोगों को एक-दूसरे पर विश्वास नहीं है और वहां इतना अकेलापन है कि लोग किसी को अपना दुख बताने की बजाय जिंदगी को दांव पर लगा देते हैं. नहीं तो इस तरह एक के बाद एक मौत की खबर नहीं आती. चाहे सुशांत हों या अन्य, अगर उनके दोस्त मुश्किल वक्त में उनका साथ देते तो ये सभी कलाकार दुनिया में हंस-बोल रहे होते. अगर लाखों-करोड़ों लोगों का मनोरंजन करने वाले फिल्म इंडस्ट्री के कलाकार इसी तरह ग़म या परेशानी में अपनी जिंदगी खत्म करते जाएंगो तो लाखों-करोड़ों फैंस का क्या होगा. उनके लिए तो हर एक खुदकुशी की खबर इतनी दुखदायी होती है कि वह खुद को उसमें ढूंढने लगते हैं. शायद आने वाले समय में ये बात हर किसी के जेहन में कौंधेगी और माहौल बेहतर होगा, तभी फ़िल्म और टीवी इंडस्ट्री के चेहरे खुशहाल होंगे और उनके अंदर की पीड़ा खत्म होगी.

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