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Updated: 15 फरवरी, 2023 03:17 PM
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जावेद खान अमरोही का नाम बहुत कम लोगों को पता होगा. यदि कहा जाए कि ये एक बॉलीवुड एक्टर का नाम है, जिन्होंने कई बड़ी फिल्मों में अहम किरदार किए हैं, तो लोगों को हैरानी होगी. दरअसल, कुछ कलाकार अपने नाम की बजाए अपने काम की वजह से जाने जाते हैं. उनका काम ही उनकी पहचान है. जावेद खान अमरोही उसी तरह के उम्दा कलाकार थे. उनकी अलहदा अदाकारी का हर कोई दीवाना था. किरदार कोई भी हो वो उसमें सहजता से ढल जाते थे. चोर से लेकर पुलिस तक, चपरासी से लेकर साहब तक का किरदार उन्होंने किया है, लेकिन हर किरदार में उन्हें देखकर ऐसा लगता था कि वो उन्ही के लिए बना हुआ है. आज अमरोही साहब हमारे बीच नहीं है. 50 साल की उम्र में उनका निधन हो गया है. उन्होंने मुंबई सांताक्रूज के सूर्या नर्सिंग होम में आखिरी सांस ली. वो लंबे समय से सांस की बीमारी से जूझ रहे थे, वहीं पिछले एक साल से बेड रेस्ट पर थे.

650x400_021423113133.jpgदुनिया को अलविदा कहने वाले जावेद खान अमरोही ने 150 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था.

'लगान', 'गंगाजल' और 'द लीजेंड ऑफ भगत सिंह' जैसी मशहूर फिल्मों में काम करने वाले अभिनेता अखिलेंद्र मिश्रा ने सबसे सोशल मीडिया पर जावेद खान अमरोही के निधन की सूचना दी. इसके बाद लोगों को उनकी तस्वीर देखकर समझ आया कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का एक बेहतरीन अभिनेता दुनिया को अलविदा कह गया है. इसके बाद शबाना आजमी, टीकू तलसानिया और दानिश हुसैन सहित कई कलाकारों ने सोशल मीडिया पर अपनी श्रद्धांजलि दी है. 14 फरवरी की शाम को ही दिवंगत अभिनेता को ओशिवारा कब्रिस्तान में दफना दिया गया. अमरोही साहब का जन्म मुंबई में ही हुआ था. लेकिन स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पुणे से एक्टिंग की पढ़ाई की थी. इसके बाद 1973 में रिलीज हुई फिल्म जलते बदन से उन्होंने बॉलीवुड डेब्यू किया था. रामानंद सागर के निर्देशन में बनी इस फिल्म में किरण कुमार लीड रोल में थे.

जावेद खान अमरोही टीवी और सिनेमा जगत के जाने माने चेहरे थे. उन्होंने अपने करियर में कई बेहतरीन सपोर्टिंग और कैमियो रोल किए थे. इनमें सबसे यादगार किरदार उन्होंने 1978 में रिलीज हुई फिल्म 'सत्यम शिवम सुंदरम (शास्त्री का बेटा), 1982 में रिलीज हुई 'प्रेम रोग' (केदारा), 1985 में रिलीज हुई फिल्म 'राम तेरी गंगा मैली' (मंगलू), 1990 में रिलीज हुई 'आशिकी' (अंकल पीटर), 1994 में रिलीज हुई फिल्म 'अंदाज़ अपना अपना' (आनंद अकेला), 2001 में रिलीज हुई 'लगान' (राम सिंह) और 2007 में रिलीज हुई 'चक दे इंडिया' (सुखलाल) में किया था. उनकी आखिरी फिल्म 2020 में रिलीज हुई थी, जिसका नाम 'सड़क 2' है. महेश भट्ट के निर्देशन में बनी संजय दत्त, आलिया भट्ट और पूजा भट्ट स्टारर इस फिल्म में उन्होंने पाक्या का किरदार किया था. उनको फिल्म लगान में बेहतरीन सपोर्टिंग रोल करने की वजह से ऑस्कर अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया था.

50 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले जावेद खान अमरोही ने 150 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था. 'सत्यम शिवम सुंदरम' (1978), 'वो सात दिन' (1983), 'राम तेरी गंगा मैली' (1985), 'नखुदा' (1981), 'प्रेम रोग' (1982), 'लगान' (2001), 'चक दे इंडिया' (2007), 'अंदाज अपना अपना' (1994), 'दूसरा आदमी' (1977), 'नूरी' (1979), 'रंग बिरंगी' (1983), 'बादल' (1985), 'जाल' (1986), 'गुरु' (1989), 'हथियार' (1989), 'त्रिदेव' (1989), 'बागी' (1990), 'सड़क' (1991), 'एक लड़का एक लड़की' (1992) और 'लाडला' (1994) सहित कई फिल्मों में उन्होंने भले ही छोटे किरदार किए, लेकिन उनका प्रभाव बहुत ज्यादा रहा था. उनको कॉमेडी के साथ सीरियस रोल में भी बहुतयात देखा गया है. उन्होंने अनिल कपूर, राजेश खन्ना, ऋषि कपूर, आमिर खान, गोविंदा, शाहरुख खान, अमिताभ बच्चन आदि के साथ अभिनय किया है और बहुत सी सफल फिल्में दी हैं. आज अमरोही साहब हमारे बीच भले ही नहीं है, लेकिन उनके निभाए किरदार उनको हमेशा जिंदा रखेंगे. अभिनय की दुनिया में आने वाली नई पीढ़ियां उनसे सीखेंगी.

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