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EXPOSED: कैमरे की खातिर कश्मीर का आतंकवाद !

    • मोहित चतुर्वेदी
    • Updated: 18 अप्रिल, 2017 05:09 PM
  • 18 अप्रिल, 2017 05:09 PM
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फिल्म को हिट करने के लिए जैसे हर तरह से प्रमोशन किया जाता है वैसे ही 'कश्मीर की फिल्म' को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाता है और वो दिन भर की बहस बन जाती है.

लाइट्स... कैमरा... एक्शन और फिल्म की शूटिंग स्टार्ट. ठीक वैसा ही कश्मीर में होता नजर आता है. लेकिन फिल्में थिएटर में रिलीज होती हैं. पर, 'कश्मीर की फिल्म' सोशल मीडिया पर... फिल्म को हिट करने के लिए हर तरह से प्रमोशन किया जाता है वैसे ही 'कश्मीर की फिल्म' को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाता है और वो दिन भर की बहस बन जाती है.

देखा गया है कि कश्मीर में जो भी घटना घटती है वो सोशल मीडिया पर आ जाती है. कैमरा जैसे ही पत्थरबाजों पर घूमता है तो पत्थरबाजी और तेज हो जाती है. युवाओं से लेकर छोटे बच्चे तक पत्थर फेकने लगते हैं. इंडिया टु़डे के स्टिंग में ये खुलासा हुआ था कि कश्मीर के युवा पैसों के लिए पत्थर फेंकने को तैयार हो जाते हैं. लेकिन पीछे की कहानी एक और है वो है कैमरे के लिए एक्टिंग... जी हां, ये कहना भी गलत नहीं होगा कि एक्टिंग करने के लिए पैसा मिले तो क्यों कोई मना करेगा.

पिछले दिनों एक वीडियो वायरल हुआ था जहां कश्मीर के कुछ युवा सीआरपीएफ के जवानों को पीट रहे हैं. यहां कुछ लोग पीट रहे थे तो पीछे इसका वीडियो बन रहा था. जहां युवा जवानों को मार रहे हैं और 'इंडिया गो बैक' के नारे लगा रहे हैं.

ऐसे ही ये फोटो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी, जहां स्कूल स्टूडेंट्स जवानों पर पत्थर फेंक रहे हैं. जहां ये बच्चे मुंह छिपाकर जवानों पर वार कर रहे हैं. कैमरे की नजर पड़ते ही ये लोग उग्र हो जाते हैं और तेज तेज पत्थर फेंकना शुरू कर देते हैं. ये फोटो काफी वायरल हुई थी. उसके बाद पत्थरबाजों में कई बच्चे दिखे जिन्होंने स्कूल यूनिफॉर्म पहनी थी, सवाल ये हैं कि स्कूलों को बंद करा दिया है तो ये लोग स्कूल ड्रेस पहनकर बाहर क्या कर रहे हैं?

लाइट्स... कैमरा... एक्शन और फिल्म की शूटिंग स्टार्ट. ठीक वैसा ही कश्मीर में होता नजर आता है. लेकिन फिल्में थिएटर में रिलीज होती हैं. पर, 'कश्मीर की फिल्म' सोशल मीडिया पर... फिल्म को हिट करने के लिए हर तरह से प्रमोशन किया जाता है वैसे ही 'कश्मीर की फिल्म' को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाता है और वो दिन भर की बहस बन जाती है.

देखा गया है कि कश्मीर में जो भी घटना घटती है वो सोशल मीडिया पर आ जाती है. कैमरा जैसे ही पत्थरबाजों पर घूमता है तो पत्थरबाजी और तेज हो जाती है. युवाओं से लेकर छोटे बच्चे तक पत्थर फेकने लगते हैं. इंडिया टु़डे के स्टिंग में ये खुलासा हुआ था कि कश्मीर के युवा पैसों के लिए पत्थर फेंकने को तैयार हो जाते हैं. लेकिन पीछे की कहानी एक और है वो है कैमरे के लिए एक्टिंग... जी हां, ये कहना भी गलत नहीं होगा कि एक्टिंग करने के लिए पैसा मिले तो क्यों कोई मना करेगा.

पिछले दिनों एक वीडियो वायरल हुआ था जहां कश्मीर के कुछ युवा सीआरपीएफ के जवानों को पीट रहे हैं. यहां कुछ लोग पीट रहे थे तो पीछे इसका वीडियो बन रहा था. जहां युवा जवानों को मार रहे हैं और 'इंडिया गो बैक' के नारे लगा रहे हैं.

ऐसे ही ये फोटो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी, जहां स्कूल स्टूडेंट्स जवानों पर पत्थर फेंक रहे हैं. जहां ये बच्चे मुंह छिपाकर जवानों पर वार कर रहे हैं. कैमरे की नजर पड़ते ही ये लोग उग्र हो जाते हैं और तेज तेज पत्थर फेंकना शुरू कर देते हैं. ये फोटो काफी वायरल हुई थी. उसके बाद पत्थरबाजों में कई बच्चे दिखे जिन्होंने स्कूल यूनिफॉर्म पहनी थी, सवाल ये हैं कि स्कूलों को बंद करा दिया है तो ये लोग स्कूल ड्रेस पहनकर बाहर क्या कर रहे हैं?

अब AK47 के साथ घूमते दिखे नौजवान

अब खबर आ रही है कि कश्मीर में अलगाववादी नेता दिन-ब-दिन खराब हो रहे हालात को और बिगाड़ने का काम रहे हैं. कश्मीर के शोपिया में कुछ आतंकियों को खुलेआम AK47 के साथ घूमते देखा गया है. बताया जा रहा है कि ये वो नौजवान है जो पत्थरबाज थे और उन्हें बहला फुलसलाकर हिजबुल मुजाहिद्दीन ने हथियार थमा दिए हैं. इनकी तस्वीरें और वीडियो भी सोशल मीडिया पर आ गया है. (क्लिक कर देखें वीडियो)

लेकिन अब उनकी ये फिल्म फ्लॉप साबित होती नजर आ रही है, क्योंकि अब आर्मी भी एक्शन मोड में आ चुकी है और सोशल मीडिया पर पत्थरबाजों को पीटने के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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