• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

फिर ट्रेन एक्सीडेंट, अब तो फैसला कर ही लीजिए मोदी जी

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 20 अगस्त, 2017 12:14 PM
  • 20 अगस्त, 2017 12:14 PM
offline
मुजफ्फरनगर के खतौली में हुए रेल हादसे के बाद हम इतना ही कहेंगे कि सरकार को ये सोचना चाहिए कि बुलेट ट्रेन जब आएगी तब आएगी. मगर जो मौजूदा रेल नेटवर्क है उस पर काम करे और उसकी खामियों को दूर करे ताकि लोग सुरक्षित यात्रा कर सकें.

अभी चंद ही दिन बीते हैं जब हमने पहले इस देश के राष्ट्रपति और फिर प्रधानमंत्री के मुंह से न्यू इंडिया को लेकर बड़ी-बड़ी बातें सुनीं. एक नागरिक के तौर पर हमें तब गर्व हुआ जब अपनी उपलब्धियों गिनाते हुए हमारी सरकार ने हमें बताया कि वो आने वाले वर्षों में एक ऐसे भारत की कल्पना कर रही है जो हर मामले में बेमिसाल होगा. भविष्य में हम एक साफ, सुरक्षित और तकनीकी रूप से मजबूत भारत देखेंगे. ऐसा भारत जहां समस्त सुख सुविधाओं के चलते लोग खुद बसना पसंद करेंगे.

बात सुख सुविधाओं की हो रही है तो अपने आप ही प्रधानमंत्री की वो बात याद आ जाती है जिसमें उन्होंने हम भारतवासियों को एक ऐसे भारत से अवगत कराया था जिसमें बुलेट ट्रेन दौड़ेगी. वो बुलेट ट्रेन जो वर्तमान की अपेक्षा बेहद कम समय में हमें हमारे गंतव्य तक पहुंचाएगी. एक वो दिन है और आज का दिन है मैं तब से बुलेट ट्रेन के हसीं ख्वाब देख रहा हूं. ये हसीं ख्वाब तब बदरंग और बदनुमा हो जाते हैं जब खबर आती है कि किसी स्थान पर बड़ा ट्रेन हादसा हुआ है जिसमें कई लोगों की मौत हुई है.

ऐसे रेल हादसे ये साफ दर्शाते हैं कि अभी बुलेट ट्रेन हमारे लिए एक हसीं ख्वाब है

ऐसा ही कुछ आज भी हुआ है. खबर है कि यूपी के मुजफ्फरनगर के खतौली के आसपास एक बड़ा रेल हादसा हुआ है जिसमें कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस के 13 डिब्बे पटरी से उतर गए हैं. इस हादसे में अब तक 24 लोगों की मौत हुई है और लगभग 150 लोग घायल हुए हैं. बताया ये भी जा रहा है कि जिस जगह ये घटना हुआ वहां पटरी टूटी हुई थी. इस घटना के पीछे आतंकी साजिश का भी शक है जिसकी जांच हो रही है. फिलहाल एनडीआरएफ की टीम राहत बचाव कार्य में जुटी है और घायलों के इलाज के लिए भी अस्पतालों में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है.

मामले की गंभीरता को देखते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु और यूपी के...

अभी चंद ही दिन बीते हैं जब हमने पहले इस देश के राष्ट्रपति और फिर प्रधानमंत्री के मुंह से न्यू इंडिया को लेकर बड़ी-बड़ी बातें सुनीं. एक नागरिक के तौर पर हमें तब गर्व हुआ जब अपनी उपलब्धियों गिनाते हुए हमारी सरकार ने हमें बताया कि वो आने वाले वर्षों में एक ऐसे भारत की कल्पना कर रही है जो हर मामले में बेमिसाल होगा. भविष्य में हम एक साफ, सुरक्षित और तकनीकी रूप से मजबूत भारत देखेंगे. ऐसा भारत जहां समस्त सुख सुविधाओं के चलते लोग खुद बसना पसंद करेंगे.

बात सुख सुविधाओं की हो रही है तो अपने आप ही प्रधानमंत्री की वो बात याद आ जाती है जिसमें उन्होंने हम भारतवासियों को एक ऐसे भारत से अवगत कराया था जिसमें बुलेट ट्रेन दौड़ेगी. वो बुलेट ट्रेन जो वर्तमान की अपेक्षा बेहद कम समय में हमें हमारे गंतव्य तक पहुंचाएगी. एक वो दिन है और आज का दिन है मैं तब से बुलेट ट्रेन के हसीं ख्वाब देख रहा हूं. ये हसीं ख्वाब तब बदरंग और बदनुमा हो जाते हैं जब खबर आती है कि किसी स्थान पर बड़ा ट्रेन हादसा हुआ है जिसमें कई लोगों की मौत हुई है.

ऐसे रेल हादसे ये साफ दर्शाते हैं कि अभी बुलेट ट्रेन हमारे लिए एक हसीं ख्वाब है

ऐसा ही कुछ आज भी हुआ है. खबर है कि यूपी के मुजफ्फरनगर के खतौली के आसपास एक बड़ा रेल हादसा हुआ है जिसमें कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस के 13 डिब्बे पटरी से उतर गए हैं. इस हादसे में अब तक 24 लोगों की मौत हुई है और लगभग 150 लोग घायल हुए हैं. बताया ये भी जा रहा है कि जिस जगह ये घटना हुआ वहां पटरी टूटी हुई थी. इस घटना के पीछे आतंकी साजिश का भी शक है जिसकी जांच हो रही है. फिलहाल एनडीआरएफ की टीम राहत बचाव कार्य में जुटी है और घायलों के इलाज के लिए भी अस्पतालों में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है.

मामले की गंभीरता को देखते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दे दिए हैं. घटना पर रेल मंत्री ने ट्विटर पर साफ कर दिया है कि यदि कोई इस घटना पर लापरवाही करता पाया गया तो उस पर सख्त से सख्त कार्यवाही होगी. साथ ही रेल मंत्री ने ये भी स्पष्ट कर दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

भारत जैसे विशाल देश के लिए ये बेहद शर्मनाक है कि एक ओर हम बुलेट ट्रेन के ख्वाब देख रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ हम उस ट्रेन को सुचारू रूप से नहीं चला पा रहे हैं जो हमारे देश में उतना ही महत्त्व रखती है जितना किसी शरीर के लिए रीढ़ की हड्डी. मुजफ्फरनगर के खतौली में जो हुआ वो सच में पीड़ा देने वाला है मगर सरकार ने इसे जिस तरह इसे बिन जांच के 'दुर्भाग्यपूर्ण घटना' करार देकर अपना पल्ला झाड़ने का प्रयास किया है.

उससे एक बात तो साफ है कि सरकार और उसमें बैठे नुमाइंदे इस बात को बखूबी जानते हैं कि आप घटना की निंदा कर दीजिये उसके बाद विरोध के स्वर और जनता का रोष दोनों ही थम जाएगा और उसे महसूस होगा कि इस दिशा में सरकार अपने स्तर से काम तो कर ही रही है.

बुलेट ट्रेन लाने से बेहतर है पहले सरकार वर्तमान रेलवे नेटवर्क को सुधारने का काम करे

ये कोई पहला मौका नहीं है जब ट्रेन पटरी से उतरी है, अभी कुछ दिनों पूर्व ही बिहार के गया में मालगाड़ी के 11 डिब्बे पटरी से उतरे थे. बात अगर बीते तीन वर्षों में ट्रेन हादसों के दौरान हुई मौतों पर हो तो मिलता है कि इन तीन वर्षों में 206 के आसपास छोटे बड़े रेल हादसे हुए हैं जिनमें 333 लोगों की मौत हुई है. इन मौतों पर रेलवे का तर्क है कि रेल हादसों के लिहाज से ये साल अच्छा है इस वर्ष रेल हादसों में 51 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी है. जी हां बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप. भारतीय रेलवे से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 2014-15, 2015-16 और 2016-17 के बीच 206 ट्रेनें पटरियों से उतरीं जिसमें 6 रेल हादसे बहुत दर्दनाक थे जिनमें 333 लोगों ने अपनी जान गंवाई.

बात रेल हादसों के सन्दर्भ में हो रही है तो आपको उन आंकड़ों से अवगत कराना बेहद जरूरी है जो अभी कुछ दिन पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने राज्य सभा में पेश किये थे. प्रभु के अनुसार रेल मंत्रालय द्वारा लगातार ये प्रयास किया जा रहा है कि हम कम से कम ट्रेन हादसों के साक्षी बनें. आंकड़ा पेश करते हुए प्रभु ने बताया था कि वर्ष 2014-15 के बीच 135, 2015-16 के बीच 107, 2016-17 के बीच 104 रेल हादसे हुए.

वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2 अगस्त 2017 तक, दुर्घटनाओं की संख्या 21 जिसमें 51.2 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी है. राज्य सभा में पेश अपनी उस रिपोर्ट में प्रभु ने ये भी बताया था कि प्रति मिलियन ट्रेन किलोमीटर, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत यार्ड का मानक है उसमें 2006-07 में 0.23, 2014-15 में 0.11, 2015-16 में 0.10 और 2016-17 में 0.09 की कमी दर्ज की गयी है.

बहरहाल आंकड़ों और वास्तविकता में अंतर होता है. मुजफ्फरनगर के खतौली में एक बड़ा हादसा हो चुका है जिसपर चौतरफा निंदा हो चुकी है, लोग मर चुके हैं, मुआवजे की घोषणा हो चुकी है. एक नागरिक के तौर पर हम अपनी सरकार से केवल इतना ही कह सकते हैं कि वो इस ताजा हटना पर कार्यवाही करते हुए इसकी वास्तविक जांच करे और जो भी इस घटना का जिम्मेदार है उसे कड़ी से कड़ी सजा दे. साथ ही सरकार को ये भी सोचना चाहिए कि बुलेट ट्रेन जब आएगी तब आएगी. मगर जो मौजूदा रेल नेटवर्क है उस पर काम करे और उसकी खामियों को दूर करे ताकि लोग सुरक्षित यात्रा कर सकें. 

ये भी पढ़ें -

ये रेल नहीं हादसों का सफर है....

रेलवे में खाने पर सीएजी की रिपोर्ट, इंसानों के सम्बन्ध में है, मगर हमें क्या हम तो भारतीय हैं !

GST के बाद रेलवे में होंगे ये बदलाव, जो आपको जानना जरूरी है

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲